भूकंप पर निबंध Earthquake in Hindi

भूकंप पर निबंध Essay on Earthquake in Hindi

इस लेख में हमने भूकंप पर निबंध (Essay on Earthquake in Hindi) आकर्षक रूप से लिखा है। इस लेख में भूकंप क्या है तथा भूकंप आने के कारण साथ ही भूकंप से बचाव के उपाय सरल रूप में दिया गया है।

Table of Contents

प्रस्तावना (भूकंप पर निबंध Essay on Earthquake in Hindi)

प्रकृति समय-समय पर स्वयं में परिवर्तन करती रहती है। जिसे हम भूकंप, बाढ़ तथा चक्रवात के रूप में देख सकते हैं। भूकंप आने के पीछे मनुष्य का पर्यावरण के तरफ उदासीन भाव भी होता है। आज मनुष्य स्वार्थवश प्रकृति का दोहन कर रहा है।

जब मनुष्य द्वारा या प्राकृतिक रूप से पर्यावरण में व्यतिरेक उत्पन्न होता है तब प्रकृति खुद को अपने मूल स्थिति में लाने के लिए भूकंप का सहारा लेती है।

भूकंप के कारण सजीव और निर्जीव दोनों की हानि होती है लेकिन मानव जाति कुछ ही दिनों में प्रकृति का दोहन फिर से शुरू कर देती है।

आज पर्यावरण दोहन अपने चरम पर है। वैज्ञानिकों ने एक स्वर में कहा है की आज के जितना प्रकृति दोहन पहले कभी नहीं हुआ है। जिसके कारण आज तापमान तेजी से बढ़ रहा है। असमय वर्षा और मौसम का बदलाव तथा भूकंप से बड़ी मात्रा में विनाश हो रहा है।

अगर प्रकृति के दोहन को रोक कर फिर से उसे पहले जैसा नहीं किया गया तो वह समय दूर नहीं जब धरती पर जीवन का नामोनिशान नहीं बचेगा।

भूकंप क्या है? What is Earthquake in Hindi?

जब धरती की प्लेटें आपस में टकराती हैं तब उनमें कंपन्न उत्पन्न होता है जिसे भूकंप कहा जाता है। भूकंप को सबसे घातक प्राकृतिक आपदाओं में से एक माना जाता है।

भूकंप के वक़्त होने वाले कंपन्न से बड़ी मात्रा में धन तथा जान माल का नुकसान होता है जिसकी भरपाई करने में काफी समय गुजर जाता है।

इसकी अधिक तीव्रता के कारण जमीन फट सकती है तथा हिमपर्वत भी पिघल सकते हैं जिसके कारण बाढ़ या सुनामी जैसे हालात भी बन जाते हैं।

भूकंप के चार प्रकार होते हैं। विवर्तनिक, ज्वालामुखी, विस्फ़ोट तथा पतन। विवर्तनिक प्रकार के भूकंप को सामान्य भूकंप कहते हैं। जब भूकंप का कंपन्न अधिक होता है तब उसके कंपन्न से ज्वालामुखी की परते खुल जाती है और ज्वालामुखी जागृत हो जाता है। 

कई बार जब भूकंप आने के बाद धरती फट जाती है या किसी जगह से किन्ही गैस या तेल का प्रवाह निकलने लगता है, तो उसे विस्फ़ोटक प्रकार का भूकंप कहते हैं। 

जब भूकंप के कारण समुन्द्र अपने स्तर से ऊँचा उठ जाता है और बड़ी-बड़ी लहरे उत्पन्न करने लगता है और सुनामी की शकल में सब कुछ तहस नहस कर देता है तो उसे पतन प्रकार के भूकंप के नाम से जाना जाता है।

भूकंप आने कारण Reasons of Earthquake in Hindi

पृथ्वी के अंदर कई प्रकार के तरल तथा पत्थर की प्लेटें समाई हुई हैं। जब यह प्लेटें टूटती हैं या अपने स्थान से खिसकती हैं, तो अचानक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है और फलस्वरूप उन दो चट्टानों के टकराने से एक कंपन्न उत्पन्न होता है जिसे भूकंप के नाम से जाना जाता है।

पृथ्वी एक निश्चित गति से सूर्य का चक्कर लगा रही है, साथ ही अपनी धुरी पर भी घूम रही है। लेकिन किन्हीं कारणवश इसकी प्राकृतिक बनावट में व्यतिरेक उत्पन्न होता है तो भूकंप आते हैं।

आज जिस प्रकार पेड़ों की कटाई हो रही है तथा प्रदूषण का स्तर बढ़ रहे हैं। यह सभी भी भूकंप के कारणों में शामिल हैं। पेड़ पौधे पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखते हैं। पेड़ों की जड़ें जमीन में समाई होती हैं जिसके कारण जमीन एक दूसरे से जकड़ी होती हैं।

वृक्ष वर्षा चक्र को बनाए रखते हैं जिसके कारण धरती पर अनुकूल समय पर बरसात होती है तथा भूगर्भ की गर्मी कम होती है। इसके कारण इंसान को पीने का पानी धरती के ऊपरी स्तर पर ही मिल जाता है और उसे जमीन को गहरा खोदने की जरूरत नहीं पड़ती।

पर्यावरण प्रदूषण के कारण अम्ल वर्षा तथा ग्लोबल वार्मिंग में बढ़ोतरी हो रही हैं। जिसके कारण पेड़ पौधों तथा जमीन को नुकसान हो रहा हैं। यह सभी कारण हैं जिससे भूकंप आते हैं।

भूकंप के प्रभाव Impact of Earthquake in Hindi

मानव जीवन के लिए भूकंप अथवा कोई भी प्राकृतिक आपदाएं हानिकारक ही साबित होती हैं। भूकंप के प्रभाव से पशु पक्षी तथा इंसान कोई भी नहीं बच पाता।

भूकंप को रिक्टर स्केल के मापक पर मापा जाता है और 4 से ज्यादा रिक्टर स्केल के भूकंप को बहुत ही ज्यादा हानिकारक माना जाता है।

भूकंप के प्रभाव से बड़े-बड़े पेड़ अपनी जड़े खो देते हैं, ज्वालामुखी सक्रिय हो जाते हैं और धन का एक बड़े भाग का यूं ही नाश हो जाता है, जिसमें बड़ी बड़ी बिल्डिंगें, रेलवे ट्रैक, रोड तथा सांस्कृतिक विरासत भी शामिल हैं।

जापान में भूकंप की मात्रा बेहद अधिक होती हैं। जापान पूरी दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां पर एक भी प्राकृतिक नदियां नहीं है और जिसने भूकंप बाढ़ सुनामी से सबसे अधिक नुकसान झेला है। जापान में पांच रिक्टर स्केल के भूकंप को बेहद सामान्य माना जाता है।

इतिहास का सबसे खतरनाक भूकंप सन 1935 क्वेटा में आए भूकंप को माना जाता है। क्वेटा जैसे शहर की सुंदरता एक रात में नष्ट हो गई थी।

जिस स्थान को प्रवासियों के लिए स्वर्ग माना जाता था उस पर एक रात में कब्रिस्तान बनने का कलंक लग गया था। हजारों लाखों लोग नींद में ही काल के ग्रास बन गए थे और लाखों लोग घर से बेघर हो गए थे।

भूकंप से बचाव के उपाय (प्रबंधन) Earthquake Prevention Measures in Hindi

आधुनिक विज्ञान ऐसी कोई मशीन नहीं बना पाया है जिससे आने वाले भूकंप की जानकारी पहले से हो सके। लेकिन ऐसे कई बचाव के उपाय पुरानी किताबों में पाए गए हैं जिनसे बचाव मुमकिन हो सकता है। भूकंप से बचाव के रूप में सबसे पहला कदम मनुष्य का पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार होना है।

आज हम प्रकृति के प्रति बिल्कुल भी सचेत नहीं है। इंसानी मस्तिष्क ने ऐसी मशीनें वह हथियार बनाए हैं जिससे प्रकृति का सीधे नाश होता है। अगर प्रकृति के प्रकोप से बचना है तो ऐसी मशीनों को नष्ट करना होगा।

उदाहरण के तौर पर एयर कंडीशनर में से निकलती गैस CFC क्लोरोफ्लोरोकार्बन गैस को लिया जा सकता है। क्लोरोफ्लोरोकार्बन गैस का एक अणु ओजोन स्तर के एक लाख परमाणुओं का नाश करता है।

भूकंप से बचाव के लिए हमें वन संरक्षण को बढ़ाना होगा तथा वृक्षारोपण में तेजी लानी होगी। युद्ध के स्थान पर बातचीत को तवज्जो देना होगा क्योंकि पर्यावरण को सबसे अधिक नुकसान हथियारों के प्रयोग से होता है। 

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में अपने भूकंप पर निबंध (Essay on Earthquake in Hindi) बड़ा आशा ही आलेख आपको सरल तथा जानकारी से भरपूर लगा होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed .

assignment on earthquake in hindi

भूंकप पर निबंध – Essay on Earthquake in Hindi

Essay on Earthquake

भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है, जो कि जीव-जन्तु, जलवायु, पेड़-पौधे, वनस्पति, पर्यावरण समेत समस्त मानव जीवन के लिए किसी बड़े संकट से कम नहीं है। भूकंप, जब भी आता है, धरती पर इतनी तेज कंपन होता है कि पल-भर में ही सब-कुछ तहस-नहस हो जाता है और तमाम मानव जिंदगियों एक झटके में बर्बाद हो जाती हैं।

अक्सर स्कूल के बच्चों को भूंकप पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, इसी दिशा में हम अपने इस पोस्ट में आपको भूकंप जैसी विनाशकारी आपदा पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसमें भूकंप से संबंधित सभी मुख्य तथ्य शामिल किए गए हैं, इस निबंध को आप अपनी जरुरत के मुताबिक इस्तेमाल कर सकते हैं –

Essay on Earthquake in Hindi

भूकंप, जैसी अत्यंत विध्वंशकारी और भयावह आपदा जब भी आती है, धरती पर इतनी तेज कंपन हो उठता है कि पल भर में ही सब-कुछ नष्ट हो जाता है। भूकंप आने पर न सिर्फ सैकड़ों जिंदगियों का पल भर में विनाश हो जाता है, बल्कि करोड़ों-अरबों रुपए की संपत्ति भी एक ही झटके में मलबे का ढेर बन जाती है।

तेज भूकंप आने पर न जाने कितनी इमारतें ढह जाती हैं, नदियों, जलाशयों में उफान आ जाता हैं, धरती फट जाती है और सुनामी का खतरा बढ़ जाता है, भूकंप को तत्काल प्रभाव से नहीं रोका जा सकता है।

भूकंप क्या है – What is the Earthquake

भूकंप शब्द – दो अक्षरों से मिलकर बना है- भू+कंप अर्थात, भू का अर्थ है भूमि, और कंप का मतलब कंपन से है तो इस तरह भूमि पर कंपन को ही भूकंप कहते हैं।

वहीं अगर भूकंप को परिभाषित किया जाए तो – भूकंप एक अत्यंत विध्वंशकारी प्राकृतिक आपदाओं में से है, जिसमें अचानक से धरती सतह पर तेजी से कंपन होना लगता है, अर्थात धरती बुरी तरह हिलने-डुलने लगती है।

वहीं जब भूकंप की तीव्रता की गति अत्यंत तेज होती है, तो यह उस भयावह स्थिति को उत्पन्न करता है, जिसमें धरती फटने लगती हैं, नदियों, जलाशयों में तेजी से उफान आता है, जिससे भूस्खलन और सुनामी जैसे संकट का खतरा पैदा हो जाता है, और इससे बड़े स्तर पर जान-माल की हानि होती है, और इसके तत्काल प्रभाव पर काबू नहीं पाया जा सकता है।

भूकंप आने के कारण – Causes of Earthquake

प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों कारणों से भूकंप आ सकता है-

भूकंप आने के प्राकृतिक कारण – Natural Causes of Earthquake

क्रस्टल, मेनटल, इनर कोर और आउट कोर इन चार परतों से मिलकर धरती बनी हैं, इन परतों को टेक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है, वहीं जब ये प्लेट्स अपने स्थान से खिसकती हैं अर्थात हिलती-डुलती हैं तो भूकंप की स्थिति पैदा हो जाती है। इसके साथ ही जब धरती की निचली सतह में तरंगें उत्पन्न होती हैं, तो भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा जन्म लेती हैं

धरती का तापमान बढ़ने से ज्वालामुखी फटते हैं, जिसके कारण भूकंप जैसी विनाशकारी आपदा आती है।

धरती के अंदर की चट्टानों के खिसकने की वजह से भी भूकंप आते हैं, इसलिए धऱती पर दवाब होने की वजह से पहाड़ वाले स्थान पर भूकंप ज्यादा आते हैं।

भूकंप पर वैज्ञानिकों की आधुनिक शोध के तहत प्लेट टेक्टोनिस्क भी भूकंप का कारण हैं, इसके तहत जब पहाड़ों, महासागरों, मरुभूमियों और महाद्धीपों की अलग-अलग प्लेटें होती हैं, जो कि लगातार खिसकती रहती हैं, वहीं ऐसी प्लेटों के आपस में टकराने से या फिर अलग होने पर भी भूंकप आता है।

भूकंप आने के मानव निर्मित कारण – Man-made Causes of Earthquake

  • परमाणु परीक्षण।
  • नाभिकीय और खदानों के विस्फोट।
  • गहरे कुओं से तेल निकालना या फिर किसी तरह का अपशिष्ट या तरल पदार्थ भरना।
  • विशाल बांध का निर्माण।

रिक्टर स्केल से मापी जाती है भूकंप की तीव्रता:

रिक्टर स्केल से भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। आपको बता दें कि सिसमोमीटर द्धारा रिएक्टर स्केल में मापी गई भूकंप की तीव्रता 2-3 रिएक्टर में आती है, तो इसे सामान्य माना जाता है ,यानि कि इसके तहत हल्के झटकों का एहसास होता है।

इसमें ज्यादा नुकसान नहीं होता है, वहीं जब यह तीव्रता 7 से ज्यादा होती है, तो इस तीव्रता वाले भूकंप, बेहद खतरनाक और विनाशकारी होते हैं और सब-कुछ तहस नहस कर देते हैं।

भूकंप से नुकसान – Effects of Earthquake

  • भूकंप से कई जिंदगियां तबाह हो जाती हैं।
  • भीड़-भाड़ वाले इलाके में भूकंप से काफी नुकसान होता है, कई बड़ी इमारते पल भर में ढह जाती हैं, वहीं मलबों के नीचे भी कई लोग दब कर मर जाते हैं।
  • भूकंप से नदियों, जलाशयों के जल में उफान आ जाता है, जिससे सुनामी और बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है।
  • अत्याधिक तेज कंपन से धरती फंटना शुरु हो जाती है, अर्थात भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

भूकंप आने पर अपनी सुरक्षा कैसे करें:

  • भूकंप जैसी भयावह आपदा पर काबू पाना तो मुमकिन नहीं है, लेकिन भूकंप आने पर घबराने की बजाय अगर समझदारी के साथ नीचे लिखी कुछ बातों पर ध्यान दिया जाए तो आप अपना बचाव कर सकते हैं –
  • ऐसे मकानों का निर्माण करवाना चाहिए जो कि भूकंप रोधी हों।
  • भूकंप के झटकों का एहसास होते ही, तुरंत घर से निकलकर खुले स्थानों पर जाएं, वहीं अगर घर से बाहर निकलने में टाइम लगे तो कमरे के कोने में या फिर किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे जाकर छिप जाएं।
  • भूकंप के दौरान लिफ्ट का इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें।
  • घर में उपलब्ध बिजली के सारे उपकरण को बंद कर दें, और बिजली का मेन स्विच बंद कर दें।
  • कार चलाते वक्त तुरंत कार से बाहर निकलें।

भूकंप से बचने के उपाय:

भूकंप जैसी भयावह आपदा के प्रभाव को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन अगर सही दिशा में प्रयास किए जाएं तो इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है, भूकंप से बचना तो मुमकिन नहीं है, लेकिन अगर पहले से ही कुछ भूकंप मापने वाले यंत्र लगा दिए जाएं तो, पहले से ही भूकंप आने की जानकारी मिल सकेगी, जिससे लोगों को पहले से ही आगाह किया जा सकेगा।

अब तक आए सबसे बड़े भूकंप:

  • वाल्डिविया, चिली में 22 मई, 1960 को 9.5 की तीव्रता वाला भयंकर भूकंप आया था, जिसमें चिली समेत न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, फिलीपींस ने भारी तबाही मचाई थी और लाखों जिंदगियां इस भूंकप से बर्बाद हो गईं थी।
  • दक्षिण भारत में 9.2 की तीव्रता वाला भूकंप 26 दिसंबर, साल 2004 में आया था, जिसमें कई हजार लोगों की जान चली गई थी।
  • गुजरात के भुज में 26 जनवरी, 2001 में 7.7 की तीव्रता वाला विध्वंशकारी भूकंप आया था, जिसमें करीब 30 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी, और करोड़ों-अरबों रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ था।
  • हैती में 12 जनवरी, 2010 में 7 रिएक्टर की तीव्रता वाला भूकंप आया था, जिसमें करीब 1 लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे।

भूकंप, जैसी भयावह और विध्वंशकारी आपदा को रोका तो नहीं जा सकता, लेकिन आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर इसका पूर्वानुमान लगाकर, इससे प्रभाव को कम जरूर किया जा सकता है।

  • Water is Life Essay
  • Essay on Water Pollution
  • Essay on Science
  • Essay on Disaster Management

Hope you find this post about “Essay on Earthquake in Hindi“ useful. if you like this Article please share on Facebook & Whatsapp.

1 thought on “भूंकप पर निबंध – Essay on Earthquake in Hindi”

' src=

11 बड़े भूकंप कब आए और कहाँ आए?

Leave a Comment Cancel Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Gyan ki anmol dhara

Grow with confidence...

  • Computer Courses
  • Programming
  • Competitive
  • AI proficiency
  • Blog English
  • Calculators
  • Work With Us
  • Hire From GyaniPandit

Other Links

  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Refund Policy

Hindi Fly

भूकंप पर निबंध | Essay on Earthquake in Hindi

हेलो दोस्तों, आज हमलोग इस लेख में भूकंप पर निबंध के बारे में पड़ेंगे जो कि आपको क्लास 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 व अन्य competitive examination जैसे कि SSC, UPSC, BPSC जैसे उच्चाधिकारी वाले एग्जाम में अत्यंत लाभकारी साबित होंगे। भूकंप पर निबंध (Earthquake essay in Hindi) के अंतर्गत हम भूकंप से संबंधित पूरी जानकारी को विस्तार से जानेंगे इसलिए इसे अंत तक अवश्य पढ़ें।  

प्रस्तावना (Introduction)

‘भूकंप’ बस नाम ही काफ़ी है। ‘भू का कंपन’ यह विचार मात्र मानव के मन और मस्तिष्क में कंपन ही उत्पन्न नहीं करता वरन् झकझोर कर रख देता है। जब-जब प्रकृति ने अपने इस रूप के दर्शन कराए हैं, मानव की लाचारी और बेबसी ने घुटने टेक दिए हैं। मनुष्य की सारी प्रगति प्रकृति के इस रूप के समक्ष बौनी दिखाई देती है। प्रकृति के महाविनाश का यह भयानक रूप है जिसकी कोई कल्पना भी नहीं करना चाहता। 

लेकिन मनुष्य के कल्पना करने या न करने से प्रकृति के कार्यक्रमों में कोई अन्तर नहीं आता। प्रकृति ही मनुष्य को पालती है, वह आदिकाल से मनुष्य की सहचरी रही है किन्तु उसके अपने क्रियाकलाप भी हैं जिन्हें हम प्राकृतिक परिवर्तन के रूप में समझ सकते हैं। यदि मानव मस्तिष्क इसकी पूर्व जानकारी पा सकता है तो इतना भी मानव जाति के हित में होगा।

भूकंप क्या है? (Earthquake in Hindi)

जब पृथ्वी के भीतर का तरल पदार्थ अत्यधिक गर्म हो जाता है तो इसकी भाप का दबाव बहुत बढ़ जाता है। इस दबाव से धरती की कई सतहों में परिवर्तन होता है, वे इधर-उधर खिसकती हैं, हिलती-डुलती हैं और धरती के गर्भ में उथल-पुथल मचाती हैं। इससे पृथ्वी के ऊपरी स्तर को भी धक्का लगता है और हम इसे भूकंप कहते हैं।

भूकंप से बचाव

हमारे देश की प्रकृति ऐसी नहीं है जहाँ प्रायः भूकंप आते हों, जैसे जापान आदि देशों की है। ऐसे स्थानों पर लोग भूकंप बचाव की क्षमता वाली इमारतों का निर्माण करते हैं तथा लकड़ी आदि का प्रयोग करके छोटे-छोटे निवास स्थान बनाते हैं। वहाँ भूकंप से जान-माल की हानि से बचाव के उपाय किए जाते हैं।

इन्हें भी पढ़ें : सतर्क भारत समृद्ध भारत पर लेख हिंदी में

भूकंप के कारण (Causes of Earthquake)

भूकंप का हल्का-सा झटका बहुत हानिकारक नहीं होता क्योंकि धरती के भीतर रासायनिक प्रक्रिया के कारण हर समय भूगर्भ में हल्के-हल्के झटके लगते रहते हैं जो धरती पर भौतिक रूप में अपने चिह्न प्रकट भी करते हैं। किन्तु जोर के शक्तिशाली झटके महाविनाशी होते हैं। जब पृथ्वी के नीचे स्थित प्लेटो में घर्षण होता है तो वहां दबाव पैदा होता है। जिससे तरल पदार्थ निकलता है जो बहुत ही गर्म होता है। जिसका वाष्प बाहर निकलने का प्रयास करता है।

यही भूकंप का वास्तविक और वैज्ञानिक कारण है। हमारे पुराणों में मान्यता रही है कि धरती शेषनाग के फन पर टिकी है। जब धरती पर पापों का बोझ बढ़ जाता है, तब भगवान शेषनाग ही भूकंप के द्वारा अपना क्रोध प्रकट करते हैं।

assignment on earthquake in hindi

भूकंप का प्रभाव (Effect of Earthquake)

इस मान्यता का भी यदि यह अर्थ लिया जाए कि पृथ्वी पर प्रकृति के प्रकोपों को कम या शून्य करने के लिए शान्ति बनाए रखना बहुत ज़रूरी है तो इसमें कोई बुराई नहीं है। परिवर्तन तो प्रकृति का नियम है। इसे हम स्वस्थ चिन्तन के साथ लें तो ही अच्छा होगा। भूकंप कुछ सेकंड या मिनट ही रहता है परन्तु इतने कम समय में ही भारी विनाश हो जाता है। 

भूकंप के भारी झटके से धरती पर दरारें पड़ जाती हैं और उनमें से गर्म लावा और विषैली वायु बाहर निकलती है। देखते ही देखते बड़ी-बड़ी इमारतें धराशायी हो जाती हैं। कई बार बड़े-बड़े भवन धरती के गर्भ में फँस जाते हैं। हज़ारों लोग मलबे के नीचे दबकर मर जाते हैं या घायल हो जाते हैं। लाखों लोग बेसहारा तथा बेघर हो जाते हैं। कभी-कभी हरे-भरे गाँव तथा सुन्दर नगर खण्डहरों में बदल जाते हैं।

assignment on earthquake in hindi

भूकंप के कारण भू-स्खलन भी होता है, जो नदी वाहिकाओं को अवरुद्ध कर जलाशयों में बदल देता है। कई बार नदियाँ अपना रास्ता बदल लेती हैं जिससे प्रभावित क्षेत्र में बाढ़ और दूसरी आपदाएँ आ जाती हैं।

वर्ष 2001 में छब्बीस जनवरी प्रात:काल ऐसा ही महाविनाशकारी भूकंप गुजरात के भुज शहर में आया, जिसने कुछ ही मिनटों में पूरे शहर को एक मलबे के ढेर में बदल दिया। पूरा कच्छ प्रदेश भी काँप गया। सभी सहम गए, कोई कुछ न कर सका। 

वर्ष 1990 में उत्तरकाशी में भी ऐसा ही महाविनाशकारी भूकंप आया था। इस स्थिति में नदियों के प्रवाह, समुद्र और पर्वतों के स्थान भी बदल जाते हैं। कभी-कभी ज़मीन के नीचे दबे हुए प्राचीन संस्कृति तथा सभ्यता के अवशेष भूकंप के कारण बाहर निकल आते हैं। ऊपर की धरती नीचे तथा नीचे की धरती ऊपर आ जाती है।

भूकंप से बचाव के लिये उठाये गए कदम

कच्छ (गुजरात), लाटूर (महाराष्ट्र) में भयंकर भूकंप आए हैं। भूकम्प द्वारा हुई क्षति (हानि) को दृष्टि में रखते हुए अब हमारी सरकार ने इस दिशा में विशेष क़दम उठाए हैं तथा इस तरह के भवन निर्माण करने की योजना है जिससे भूकम्प आने पर कम से कम क्षति हो।

भूकंप के पश्चात् सरकारी और गैर-सरकारी लोगों तथा संस्थाओं द्वारा राहत कार्य शुरू होते हैं। भूकंप पीड़ितों को अन्न, वस्त्र, दवाइयों आदि की सहायता पहुँचाई जाती है। मलबा हटाया जाता है, खुदाई की जाती है। मलबे के नीचे दबे हुए लोगों में से कई जीवित भी पाए जाते हैं। इस समय इस राहत कार्य के साथ-साथ लोगों को सदमे की हालत से बाहर लाने की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। 

मनुष्य की मानवता और सेवा भावना भी ऐसे ही समय प्रकट होती है। सरकार के लिए पूरे क्षेत्र की भंग हुई संचार, यातायात, पानी और बिजली की व्यवस्था आदि का कार्य विस्तृत रूप ले लेता है। ऐसे समय में सभी से यथासंभव सहायता और सहयोग की आशा की जाती है। यह संसार एक दूसरे के सहयोग से ही चलता है। 

भूकंप से होने वाले हानि को कम करने के उपाय 

दूसरी आपदाओं की तुलना में भूकंप अधिक विध्वंसकारी हैं। चूँकि यह परिवहन और संचार व्यवस्था भी नष्ट कर देते हैं इसलिए लोगों तक राहत पहुँचाना कठिन होता है। भूकंप को रोका नहीं जा सकता। अतः इसके लिए विकल्प यह है कि इस आपदा से निपटने की तैयारी रखी जाए और इससे होने वाले नुकसान को कम किया जाए। इसके निम्नलिखित तरीके हैं : 

(i) भूकंप नियंत्रण केंद्रों की स्थापना, जिससे भूकंप संभावित क्षेत्रों में लोगों को सूचना पहुँचाई जा सके। GPS (Geographical Positioning System) की मदद से प्लेट हलचल का पता लगाया जा सकता है। 

(ii) देश में भूकंप संभावित क्षेत्रों का सुभेद्यता मानचित्र तैयार करना और संभावित जोखिम की सूचना लोगों तक पहुँचाना तथा उन्हें इसके प्रभाव को कम करने के बारे में शिक्षित करना।। 

(iii) भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में घरों के प्रकार और भवन डिज़ाइन में सुधार लाना। ऐसे क्षेत्रों में ऊँची इमारतें, बड़े औद्योगिक संस्थान और शहरीकरण को बढ़ावा न देना। 

(iv) अंततः भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में भूकंप प्रतिरोधी (resistant) इमारतें बनाना और सुभेद्य क्षेत्रों में हल्के निर्माण सामग्री का इस्तेमाल करना।

भूकंप और मनोबल में संबंध

भूकंप की स्थिति में सबसे अधिक काम आता है व्यक्ति का स्वयं का मनोबल। हमें सुख की भाँति दु:ख लिए भी समान रूप से तैयार रहना चाहिए। सुख और आनन्द की भाँति आपदाएँ, विपदाएँ भी आएँगी परन्तु जो बहादुर हैं, उनका धैर्यपूर्वक मुक़ाबला करते हैं, जीवन का आनन्द बार-बार उनका स्वागत करता है। जो कमज़ोर हैं, धैर्य नहीं रखते हैं, भूकंप के एक-दो झटकों में ही उनकी हृदयगति रुक जाती है। 

जिससे आगे का दृश्य झेलने और देखने का न उनमें साहस होता है, न ही उन्हें अवसर मिलता है। कठिन समय में ही व्यक्ति के धैर्य की परीक्षा होती है। ऐसे समय का जो बहादुरी से सामना कर गए वे जी गए। जीवन जीने के लिए है और यह सिर्फ बहादुरों के लिए है।

Frequently Asked Questions (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

उत्तर: L तिरंगे

उत्तर: सुनामी

उत्तर: भूकंप की तीव्रता

उत्तर: भूकंपीय तरंगों को

उत्तर: भूकंप

उत्तर: टेकटोनिज्म

उत्तर: सीस्मोलॉजी

उत्तर: जॉन मिल

उत्तर: 0 से 10

उत्तर: मरकैली मापनी (Mercalli Scale)

उत्तर: P (प्राथमिक या अनुदैर्ध्य तरंग)

उपसंहार (Conclusion)

दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा लेख भूकंप पर निबंध (Essay on Earthquake in Hindi)  पढ़ कर अच्छा लगा होगा और आपके सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होगें।

यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो इससे आपको कुछ सीखने को मिला हो तो आप अपनी प्रसन्नता और उत्सुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook , Google+, Twitter इत्यादि पर Share कीजिए।

इन्हें भी पढ़ें :

  • मुद्रा क्या है? इसके कार्य,प्रकार और विशेषताएँ क्या है?
  • विश्व बैंक क्या है? इसके उद्देश्य और कार्य क्या-क्या है?
  • साख क्या है? इसके प्रकार तथा लाभ-हानि क्या है?

Share this:

  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on Telegram (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on LinkedIn (Opens in new window)
  • Click to share on Pinterest (Opens in new window)
  • Click to email a link to a friend (Opens in new window)
  • Click to share on Reddit (Opens in new window)
  • Click to share on Tumblr (Opens in new window)

Related Articles

Leave a comment cancel reply.

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

भूकंप पर निबंध – 10 lines (Earthquake Essay in Hindi) 100, 200, 300, 500, शब्दों में

assignment on earthquake in hindi

Earthquake Essay in Hindi – भूकंप सबसे भयानक प्राकृतिक आपदाओं में से एक है। इसके स्रोत का पता पृथ्वी के निर्माण के शुरुआती दिनों में लगाया जा सकता है। यह जीवन और संपत्ति के बड़े नुकसान के लिए जिम्मेदार है। इसलिए, यह मानव जाति के लिए एक बड़ी समस्या है। भूकंप शब्द ग्रीक शब्दों से बना है, ‘पृथ्वी’ का अर्थ है जमीन और ‘भूकंप’ का अर्थ है हिलना या कांपना। इसलिए, भूकंप पृथ्वी का हिलना या कांपना है।

भूकंप पृथ्वी की सतह के नीचे स्थित टेक्टोनिक प्लेटों में गड़बड़ी के कारण होता है। भूकंप संक्षिप्त और हल्के या बड़े और विनाशकारी हो सकते हैं। हमारे ग्रह ने सदियों से कई गंभीर और हल्के भूकंपों का सामना किया है। भूकंप ज्यादातर संक्षिप्त होते हैं लेकिन सेकंड के भीतर बड़े पैमाने पर विनाश का कारण बन सकते हैं। अतीत में भूकंपों के कारण दुनिया भर के लोगों को अत्यधिक नुकसान उठाना पड़ा है।

बच्चों के लिए भूकंप पर 10 लाइनें (10 Lines On Earthquake For Kids in Hindi)

  • भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है।
  • वे तब होते हैं जब कुछ तरकीबें पृथ्वी की सतह के नीचे चलती हैं, जिससे कंपन या भूकंपीय तरंगें पैदा होती हैं।
  • इससे हम अपने पैरों के नीचे से पूरी जमीन हिलती हुई महसूस कर सकते हैं। इससे इमारतें, पेड़ और अन्य ऊंची संरचनाएं टूट कर गिर सकती हैं।
  • भूकंप की तीव्रता या तीव्रता को उसका परिमाण कहते हैं और इसे रिक्टर स्केल पर 1 से 10 तक मापा जाता है।
  • भूकंप को सिस्मोग्राफ से मापा जा सकता है।
  • 6 या 7 परिमाण के भूकंप बहुत शक्तिशाली होते हैं और इससे बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हो सकता है।
  • जिस स्थान पर भूकंप की उत्पत्ति होती है, उसे उसका अधिकेंद्र कहा जाता है। यह स्थान आपदा के अधिकतम प्रभाव का सामना करता है।
  • भूकंप-प्रवण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को हमेशा खतरे का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए और आपदा प्रबंधन रणनीति बनानी चाहिए क्योंकि भूकंप की भविष्यवाणी करना मुश्किल है।
  • भूकंप के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका खुले मैदान में दौड़ना है।
  • यदि आस-पास कोई खुली जगह नहीं है, तो आप एक मजबूत और मजबूत टेबल के नीचे झुक सकते हैं।

भूकंप पर 100 शब्दों का निबंध (100 Words Essay on Earthquake in Hindi)

भूकंप दुनिया में कहीं भी आ सकते हैं, और हालांकि उनकी घटना का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है, कुछ चीजें हैं जो आप अपने आप को और अधिक तैयार करने के लिए कर सकते हैं यदि कोई हमला करता है। इसमें जाने के लिए एक भूकंप किट तैयार होना, यह जानना कि कैसे गिरना, ढकना और रुकना है, और अपने क्षेत्र में किसी भी संभावित जोखिम के बारे में सूचित रहना शामिल है। सुनिश्चित करें कि आपके पास भोजन, पानी और अन्य आपूर्तियों के साथ एक आपातकालीन किट है, और जानें कि भूकंप आने पर क्या करना चाहिए। यदि आप सुनिश्चित नहीं हैं कि क्या करना है, तो खिड़कियों और अन्य वस्तुओं से दूर रहना सबसे अच्छा है जो आप पर गिर सकते हैं और सुरक्षित स्थान पर जा सकते हैं।

भूकंप पर 200 शब्दों का निबंध (200 Words Essay on Earthquake in Hindi)

भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है जो अपने साथ कई खतरे लेकर आती है। पृथ्वी के हिलने और हिलने से इमारतें गिर सकती हैं, जिससे लोग अंदर फंस सकते हैं। इस तरह के अचानक परिवर्तन के कारण होने वाला कंपन आमतौर पर बहुत मामूली होता है, लेकिन बड़े भूकंप कभी-कभी भूमि के बहुत बड़े झटकों का कारण बनते हैं। हिलती हुई लहरें उस स्थान से फैलती हैं जहां पहली बार चट्टान टूटना शुरू होती है; इस स्थान को भूकंप का केंद्र या हाइपोसेंटर कहा जाता है।

अगर भूकंप शुरू होने पर आप अंदर हों, तो जमीन पर लेट जाएं और अपने सिर को ढक लें। भूकंप का परिमाण एक भूकंपीय घटना में जारी भूकंपीय ऊर्जा की मात्रा से संबंधित है।

विभिन्न प्रकार के भूकंप

भूकंप तीन प्रकार के होते हैं:

उथला | उथला भूकंप तब होता है जब भूकंप का फोकस पृथ्वी की सतह के करीब होता है। ये भूकंप आमतौर पर अन्य दो प्रकारों की तुलना में कम शक्तिशाली होते हैं, लेकिन फिर भी बहुत अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं।

मध्यम | मध्यवर्ती भूकंपों का एक फोकस होता है जो सतह और पृथ्वी के आवरण के बीच स्थित होता है, और आमतौर पर उथले भूकंपों की तुलना में अधिक शक्तिशाली होता है।

दीप | गहरे भूकंपों का फोकस मेंटल में स्थित होता है, जो क्रस्ट के नीचे पृथ्वी की परत है। वे सबसे शक्तिशाली प्रकार के भूकंप हैं, और यहां तक ​​कि सतह पर नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।

भूकंप पर 300 शब्दों का निबंध (300 Words Essay on Earthquake in Hindi)

भूकंप और ज्वालामुखी दो प्राकृतिक आपदाएं हैं जो पृथ्वी की सतह में परिवर्तन के कारण होती हैं। इन प्राकृतिक आपदाओं को लाने में मनुष्य की बहुत कम या कोई भूमिका नहीं है। भूकंप और ज्वालामुखियों का परस्पर संबंध कहा जाता है। यह देखा गया है कि ज्वालामुखी क्षेत्र भूकंप के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं जो अक्सर आसन्न ज्वालामुखी के चेतावनी संकेत के रूप में काम करते हैं।

भूकंप मूल रूप से पृथ्वी का हिलना है। भूकंप या तो पृथ्वी की सतह के नीचे टेक्टोनिक प्लेटों की गति के कारण या ज्वालामुखियों में मैग्मा की गति के कारण आते हैं। ज्वालामुखीय विस्फोट मैग्मा आंदोलनों के कारण हो सकते हैं। भूकंप कमजोर होने के साथ-साथ हिंसक भी हो सकते हैं। जबकि कमजोर ज्वालामुखियों को शायद ही महसूस किया जाता है, हिंसक लोगों के परिणामस्वरूप बड़ी इमारतों की तबाही और जीवन की भारी हानि हो सकती है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कई भूकंप आए हैं जिससे गंभीर विनाश हुआ है।

ज्वालामुखी पृथ्वी की सतह से गर्म लावा का विस्फोट है। यह तब होता है जब पृथ्वी की पपड़ी फट जाती है। गर्म लावा, जहरीली गैसें और ज्वालामुखीय राख ज्वालामुखी विस्फोटों के माध्यम से निकलती हैं और विशाल विनाश का कारण बन सकती हैं। विभिन्न प्रकार के ज्वालामुखियों में सुपर ज्वालामुखी, उप-हिमनद ज्वालामुखी, पानी के नीचे के ज्वालामुखी और मिट्टी के ज्वालामुखी शामिल हैं।

ज्वालामुखीय भूकंप क्या है?

ज्वालामुखीय भूकंप जिसे ज्वालामुखी टेक्टोनिक भूकंप भी कहा जाता है, मैग्मा की गति के कारण होता है। यह आंदोलन दबाव डालता है और मैग्मा के चारों ओर चट्टान में परिवर्तन का कारण बनता है और यह अंततः ज्वालामुखीय भूकंप का कारण बनता है। इन भूकंपों को बड़े विनाश का कारण माना जाता है जिसमें जमीन की विकृति, इमारतों का उखड़ना और जमीन की दरारें शामिल हो सकती हैं।

भूकंप और ज्वालामुखी दोनों से मानव जाति को भारी नुकसान हो सकता है। जबकि वैज्ञानिक इन दोनों की भविष्यवाणी करने की पूरी कोशिश करते हैं, वे इन प्राकृतिक आपदाओं के समय और तारीख का निर्धारण करने में सफल नहीं हुए हैं। भूकंप और ज्वालामुखी प्रवण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहना चाहिए और इनका सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए और ऐसी समस्या होने पर शांति और समझदारी से काम लेना चाहिए।

भूकंप पर 500 शब्दों का निबंध (500 Words Essay on Earthquake in Hindi)

सीधे शब्दों में कहें तो भूकंप का अर्थ है पृथ्वी की सतह का हिलना। यह पृथ्वी की सतह का अचानक कांपना है। भूकंप निश्चित रूप से एक भयानक प्राकृतिक आपदा है। इसके अलावा, भूकंप जीवन और संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। कुछ भूकंप प्रकृति में कमजोर होते हैं और संभवत: उन पर किसी का ध्यान नहीं जाता है। इसके विपरीत, कुछ भूकंप बड़े और हिंसक होते हैं। प्रमुख भूकंप प्रकृति में लगभग हमेशा विनाशकारी होते हैं। सबसे उल्लेखनीय, भूकंप की घटना काफी अप्रत्याशित है। यही बात उन्हें इतना खतरनाक बनाती है।

भूकंप के प्रकार

टेक्टोनिक भूकंप : पृथ्वी की पपड़ी में असमान आकार की चट्टानों के स्लैब शामिल हैं। चट्टानों के ये स्लैब टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। इसके अलावा, यहां ऊर्जा संग्रहित है। यह ऊर्जा टेक्टोनिक प्लेटों को एक दूसरे से दूर या एक दूसरे की ओर धकेलने का कारण बनती है। जैसे-जैसे समय बीतता है, ऊर्जा और गति दो प्लेटों के बीच दबाव बनाती है।

इसलिए, यह भारी दबाव फॉल्ट लाइन बनाने का कारण बनता है। साथ ही, इस गड़बड़ी का केंद्र बिंदु भूकंप का फोकस है। नतीजतन, ऊर्जा की तरंगें फोकस से सतह तक यात्रा करती हैं। इससे सतह का हिलना शुरू हो जाता है।

ज्वालामुखीय भूकंप : यह भूकंप ज्वालामुखी गतिविधि से संबंधित है। इन सबसे ऊपर, ऐसे भूकंपों की तीव्रता कमजोर होती है। ये भूकंप दो प्रकार के होते हैं। पहला प्रकार ज्वालामुखी-विवर्तनिक भूकंप है। यहां इंजेक्शन लगाने या मैग्मा निकालने से झटके आते हैं। इसके विपरीत दूसरा प्रकार दीर्घकालीन भूकंप है। यहाँ भूकंप पृथ्वी की परतों के बीच दबाव परिवर्तन के कारण होता है।

पतन भूकंप: ये भूकंप गुफाओं और खानों में होते हैं। इसके अलावा, ये भूकंप कमजोर परिमाण के हैं। खदानों के ढहने का कारण संभवत: भूमिगत विस्फोट हैं। इन सबसे ऊपर, खदानों के ढहने से भूकंपीय तरंगें उत्पन्न होती हैं। नतीजतन, ये भूकंपीय तरंगें भूकंप का कारण बनती हैं।

विस्फोटक भूकंप: ये भूकंप लगभग हमेशा परमाणु हथियारों के परीक्षण के कारण आते हैं। जब कोई परमाणु हथियार फटता है तो बड़ा धमाका होता है। इसके परिणामस्वरूप भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है। यह संभवतः भूकंप का परिणाम है।

भूकंप के प्रभाव

सबसे पहले, जमीन का हिलना भूकंप का सबसे उल्लेखनीय प्रभाव है। इसके अलावा, कंपन के साथ-साथ जमीन का फटना भी होता है। इससे आधारभूत सुविधाओं को भारी नुकसान होता है। भूकंप की गंभीरता भूकंप के परिमाण और अधिकेंद्र से दूरी पर निर्भर करती है। साथ ही, गंभीरता को निर्धारित करने में स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियां एक भूमिका निभाती हैं। भूभंग पृथ्वी की सतह के दृश्य विखंडन को संदर्भित करता है।

भूकंप का एक अन्य महत्वपूर्ण प्रभाव भूस्खलन है। ढलान की अस्थिरता के कारण भूस्खलन होता है। यह ढलान अस्थिरता भूकंप के कारण होती है।

भूकंप मिट्टी के द्रवीकरण का कारण बन सकता है। यह तब होता है जब जल-संतृप्त दानेदार सामग्री अपनी ताकत खो देती है। इसलिए, यह ठोस से तरल में बदल जाता है। नतीजतन, कठोर संरचनाएं तरलीकृत जमा में डूब जाती हैं।

भूकंप के परिणामस्वरूप आग लग सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि भूकंप से बिजली और गैस की लाइनें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। सबसे बढ़कर, आग लगने के बाद उसे रोकना बेहद मुश्किल हो जाता है।

भूकंप कुख्यात सुनामी भी पैदा कर सकते हैं। सुनामी लंबी तरंगदैर्घ्य वाली समुद्री लहरें हैं। ये समुद्री लहरें बड़ी मात्रा में पानी की अचानक या अचानक गति के कारण होती हैं। यह समुद्र में भूकंप के कारण है। इन सबसे ऊपर, सुनामी 600-800 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से यात्रा कर सकती है। समुद्री तट से टकराने पर ये सूनामी भारी तबाही मचा सकती हैं।

अंत में, भूकंप पृथ्वी की एक महान और भयानक घटना है। यह प्रकृति के विरुद्ध मनुष्य की दुर्बलता को दर्शाता है। यह एक जबरदस्त घटना है जो निश्चित रूप से सभी को झकझोर कर रख देती है। इन सबसे ऊपर, भूकंप केवल कुछ सेकंड के लिए ही रहता है, लेकिन इससे अकल्पनीय क्षति हो सकती है।

भूकंप पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1 विस्फोटक भूकंप क्यों आता है.

A1 परमाणु हथियारों के परीक्षण के कारण एक विस्फोटक भूकंप आता है।

Q2 भूकंप के कारण भूस्खलन क्यों होते हैं?

A2 भूस्खलन ढलान की अस्थिरता के कारण होता है। सबसे उल्लेखनीय, यह ढलान अस्थिरता भूकंप के कारण होती है।

  • Now Trending:
  • Nepal Earthquake in Hind...
  • Essay on Cancer in Hindi...
  • War and Peace Essay in H...
  • Essay on Yoga Day in Hin...

HindiinHindi

Essay on earthquake in hindi भूकंप पर निबंध.

Today we are going to write essay on earthquake in Hindi. भूकंप पर निबंध (Bhukamp Essay in Hindi). Students will find long and short essay on earthquake in Hindi along with a paragraph on earthquake in Hindi. You will also find effects of earthquake in Hindi and earthquake conclusion essay in Hindi. Essay on earthquake in Hindi for class 10, 9, 8, 7, 6, 5, 4, 3. Now you can write essay on earthquake in Hindi language.

Essay on Earthquake in Hindi

hindiinhindi Essay on Earthquake in Hindi

प्रकृति का स्वभाव बड़ा विचित्र है – कभी कल्याणकारी तो कभी विनाशकारी। प्रकृति कब, कैसे और क्या रूप धारण कर लेगी, इसे समझ पाना अभी तक मनुष्य के बस की बात नहीं है। ज्ञान-विज्ञान की उन्नति के कारण यह कहा जाता है कि आज मनुष्य ने प्रकृति के सभी रहस्यों को जान लिया है और सुलझा लिया है, किन्तु यह बात सच नहीं जान पड़ती। मौसम-विज्ञानी घोषणा करते हैं कि अगले चौबीस घंटों में तेज वर्षा होगी या कड़ाके की ठंड पड़ेगी, किन्तु होता कुछ और ही है। वर्षा और ठंड के स्थान पर चिलचिलाती धूप खिल उठती है। विज्ञान और वैज्ञानिकों की जानकारियों और सफलताओं का सारा दंभ धरा का धरा रह जाता है। सच तो यह है कि प्रकृति अनंत है और उसका स्वभाव अबूझ। बाढ़, सूखा, अकाल, भूकंप प्रकृति के विनाशकारी रूप के ही पर्याय हैं जो असमय मानव जीवन में हाहाकार मचा देते है।

प्राकृतिक आपदाओं में भूकम्प ही सबसे अधिक विनाशकारी होता है। सचमुच भूकंप विनाश का दूसरा नाम है। इसके कारण जहां लाखों मकान धराशायी हो जाते हैं, वहीं बड़ी संख्या में लोग असमय ही मृत्यु का ग्रास बन जाते हैं। कितने अपाहिज और लूले-लँगड़े होकर जीवन जीने को मजबूर हो जाते हैं। कभी-कभी तो पूरा शहर ही धरती के गर्भ में समा जाता है और नदियाँ अपना मार्ग परिवर्तित कर लेती हैं। भूतल पर नए भू-आकार जन्म ले लेते हैं, जैसे कि द्वीप, झील, पठार आदि। कभी-कभी जलाच्छादित भूमि समुद्र से बाहर निकल आती है। भूतल पर आए परिवर्तन मनुष्य के जीवन को भी प्रभावित करते हैं।

भूकंप शब्द का अर्थ होता है – पृथ्वी का हिलना। पृथ्वी के गर्भ में किसी प्रकार की हलचल के कारण जब धरती का कोई भाग हिलने लगता है, कंपित होने लगता है तो उसे भूकंप की संज्ञा दी जाती है। अधिकतर कंपन हल्के होते हैं और उनका पता नहीं चलता, न ही उनका हमारे जीवन पर कोई बुरा प्रभाव पड़ता है। मुख्य रूप से हम पृथ्वी के उन झटकों को ही भूकंप कहते हैं, जिनका हम अनुभव करते हैं। भूकंप के मुख्य कारणों में पृथ्वी के भीतर की चट्टानों का हिलना, ज्वालामुखी का फटना आदि हैं। इनके अतिरिक्त भू-स्खलन, बम फटने तथा भारी वाहनों या रेलगाड़ियों की तीव्र गति से भी कंपन पैदा होते हैं।

देश के इतिहास में सबसे भयानक भूकंप 11 अक्तूबर 1737 में बंगाल में आया था जिसमें लगभग तीन लाख लोग काल के गाल में समा गए थे। महाराष्ट्र के लातूर और उस्मानाबाद जिलों में आए विनाशकारी भूकंप ने करीब 40 गाँवों में भयानक तबाही मचाई। इसी कड़ी में 26 जनवरी, 2001 का दिन भारतीय गणतंत्र में काला दिन बन गया। उस दिन सुबह जब पूरा राष्ट्र गणतंत्र दिवस मना रहा था, प्रकृति के प्रलयंकारी तांडव ने भूकम्प का रूप लेकर गुजरात को धर दबोचा। देखते ही देखते भुज, अंजार और भचाऊ क्षेत्र कब्रिस्तान में बदल गए। गुजरात का वैभव कुछ ही क्षणों में खंडहरों में परिवर्तित हो गया। बहुमंजिली इमारतें देखते ही देखते मलबे के ढेर में बदल गईं। चारों ओर चीख-पुकार, बदहवासी और लाचारी का आलम था। अचानक हुई इस विनाशलीला ने लोगों के कंठ से वाणी और आँख से आंसू ही छीन लिए।

रैक्टर पैमाने पर गुजरात के इस भूकंप की तीव्रता 6.9 थी। इसका केन्द्र भुज से 20 कि-मी उत्तर-पूर्व में था। इस त्रासदी में हजारों की संख्या में लोग काल कवलित हो गए और कई हजार घायल हो गए, और लगभग एक लाख लोग बेघर हो गए। सारा देश इस त्रासदी में गुजरात के साथ था। सर्वप्रथम क्षेत्रीय लोग और स्वयं सेवी संस्थाओं ने राहत और बचाव कार्य आरम्भ किया। मीडिया की अहम भूमिका ने त्रासदी की गंभीरता का सही-सही प्रसारण कर भारत सरकार को झकझोरा और भारत सहित समूचे विश्व को सहायता के लिए उद्वेलित कर दिया। सारा जनमानस सहायता के लिए उमड़ पड़ा। भारत के कोने-कोने तथा विश्व के अनेक देशों से सहायता सामग्री का अंबार लग गया। सहायता के लिए धन-राशि के साथ-साथ अन्य आवश्यक सामग्री भी पहुंचने लगी। देश की तीनों सेनाओं के सैनिक तथा कई समाज सेवी संस्थाओं के कार्यकर्ता भी सहायता-कार्य में जुट गए। इस त्रासदी में करोड़ों रुपए की निजी तथा सार्वजनिक सम्पत्ति के नुकसान होने का अनुमान आंका गया।

क्या मनुष्य सदैव इस विनाशलीला का मूकदर्शक बना रहेगा, इस त्रासदी को भोगता रहेगा ? यद्यपि विज्ञान ने भूकंप की पूर्व सूचना देने के सम्बन्ध में उल्लेखनीय प्रगति की है, उपग्रह भी इस दिशा में काफ़ी सहायक सिद्ध हो रहे हैं। तथापि इन भूकंपों को कैसे रोका जा सकता है इस दिशा में अभी तक कोई निर्णायक सफलता प्राप्त नहीं हुई है। आज तो स्थिति यह है कि विज्ञान जब तक कोई और नया चमत्कार न दिखला दे, तब तक मनुष्य को भूकंप की त्रासदी को किसी न किसी रूप में भोगना ही पड़ेगा। आशा है कि निकट भविष्य में विज्ञान कोई ऐसा चमत्कार दिखाएगा, जिससे मानव जाति इस त्रासदी से मुक्त हो सकेगी।

महाराष्ट्र का विनाशकारी भूकंप

30 सितम्बर, 1993 को रात करीब तीन बजकर छप्पन मिनट पर महाराष्ट्र की भूमि की कोख में भयंकर हलचल शुरू हुई। भूकंप का एक अति तीव्र झटका आया। धरती कांपने लगी। प्रकृति की विनाश लीला आरंभ हो चुकी थी। आप ने किताबों अखबारों या अन्य माध्यमों से इस भयंकर भूकंप के बारे में अवश्य सुना होगा। आपके माता-पिता को तत्कालीन राष्ट्रपति डा। शंकरदयाल शर्मा की वह भावुकता से सराबोर आह्वान अवश्य याद होगा, जिसे उन्होंने जनता के नाम संप्रेषित किया था। उन्होंने नम आँखों से सारे देश के नागरिकों से इस राष्ट्रीय आपदा को सहन करने में सहयोग देने की नैतिक अपील की थी और उसका व्यापक प्रभाव भी देखने को मिला था। लोगों ने भूकपपीड़ितों की तन-मन-धन से सहयता की थी। डॉक्टरों, सेवादारों और बचाव कर्मियों की टोलियां तुरन्त ही महाराष्ट्र के लिए पूरे देश भर से निकलने लगी थीं। सरकारी तौर पर भी इस आपदा से मुक्ति का प्रयास व्यापक पैमाने पर किया जा रहा था।

रात्रि के समय आने वाला यह भूकंप अति विनाशकारी सिद्ध हुआ। उसने निद्रा में डूबे हुए लोगों को सदा-सदा के लिए चिरनिद्रा में सुला दिया। लोग जिस स्थान पर सो रहे थे, इस विनाशकारी भूकंप ने उन्हें उनके स्थान पर दफन कर दिया। जो कभी उनका शयन कक्ष हुआ करता था, वही क्षणभर में उनकी कब्र बन गया। इस भूकंप का प्रभाव अत्यंत व्यापक था। देश-विदेश तक में इस की खबरें आयी और इसे सदी का भयानक भूकंप बताया गया। रेक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.4 बताई गयी। जिस गहन रात्रि में यह भूकंप आया था वह रात्रि एक प्रकार से काल की क्रूरता का एक खेल सी बन गयी थी। इस भूकंप का पहला झटका 3.56 मिनट तक महसूस किया गया और दूसरा 4.42 मिनट तक इस विनाशलीला की गति यहीं पर नहीं रुकी। कुछ समय बाद एक तीसरा झटका भी आया, जो करीब 6.40 मिनट तक महसूस किया गया।

एक पाश्चात्य भू-वैज्ञानिक का स्पष्ट मानना था कि इस तीव्रता एवं क्षमता वाला भूकंप एक वृहद क्षेत्र को अतिशीघ्र ध्वस्त कर देने की प्रबल क्षमता रखता है। हुआ भी वही, महाराष्ट्र का एक बड़ा क्षेत्र इसकी चपेट में आया और बुरी तरह से ध्वस्त हो गया। महाराष्ट्र के लातूर से लेकर कर्नाटक के गुलबर्गा तक इसका प्रभाव देखा गया। किन्तु इस भूकंप ने जिस क्षेत्र को भयावह रूप से बर्बाद किया, वह था महाराष्ट्र के लातूर और उस्मानाबाद जिले के उभरेगा और किल्लारी तालुका नामक कस्बे। इन क्षेत्रों में इस रात्रि को मृत्यु का नंगा नाच होता रहा। मानो पृथ्वी अपना स्वाभाविक धर्म छोड़कर मनुष्य का शत्रु हो गयी हो और उसे अपना ग्रास बनाने की भावना से आप्लावित हो रही हो। मनुष्य ही नहीं, पशु-पक्षी, वृक्ष आदि सभी इस विनाशलीला का शिकार हुए। तड़पते हुए मानव, असहाय होकर मृत्यु को अपनी आंखों के सामने खड़ा देख रहे थे। मानों समस्त प्रकृति ही नहीं अपितु ब्रम्हा भी अपनी मानव-संतान से मोह तोड़ चुके हों। बारिस के कहर ने इस विनाशलीला को और भी भयानक बना दिया। तेज बारिस शुरू हो गयी और इसके कारण बचाव कार्य शिथिल होता रहा। जिस शीघ्रता और अनुपात में भूकंप पीड़ितों को सहायता चाहिए थी वह उन्हें सरकार चाहकर भी नहीं दे सकी। किन्तु यह स्थिति बहुत देर तक बनी नहीं रह सकी। भारतीयों की यही विशेषता है कि समय पड़ने पर वह फिर किसी भी प्रकार की प्रतिकूलता को आड़े नहीं आने देते, अपितु ऐसी प्रतिकूलताएं उन्हें अपने कार्य के प्रति और भी जुझारू बना देती हैं।

सरकार ने भी अपने मानवीय सरोकारों को इस मौकेपर भूलाया नहीं। जिस भांति भी संभव हुआ, प्रभावित क्षेत्र को आवश्यक सहायता प्रदान की जाती रही। सहायता राशि के रूप में केन्द्र सरकार ने करोड़ों रुपए प्रदान किए। राज्य सरकारों ने भी अपने निवासियों के दुःख दर्द को पूरी तरह समझा और उनके पुनर्वास के लिए हर संभव सरकारी सहायता प्रदान की। किन्तु जैसे कहा भी जाता है कि भाग्य में जो लिखा होता है वही होता है, करीब 2 लाख लोग इससे प्रभावित हुए, जिसमें मरने वालों की संख्या हजारों में थी।

सरकार को इस प्रकार की आपदाओं से देशवासियों को बचाने के लिए एहतियाती कदम उठाने चाहिए और नयी तकनीक ग्रहण करनी चाहिए ताकि ऐसे प्रकोप के प्रभाव को सीमित किया जा सके।

सन् 1991 का विनाशकारी भूकम्प

20 अक्टूबर सन् 1991 की वह गहरी रात्रि हम भारतीयों के लिए सचमुच एक प्रलयकारी रात्रि सिद्ध हुई। उस दिन करीब 45 सेकन्ड तक की समय अवधि का एक भकंप आया था जिसकी तीव्रता विशेषज्ञों ने रिएक्टर पैमाने के अनुसार 6।1 बतलायी। इसे करीब 330 किलो टन परमाणु विस्फोट के बराबर कहा जा सकता है। इस भूकंप की जो रिर्पोटिंग बी।बी।सी लंदन ने की थी, उसे देखकर ही हम इस भूकंप से प्रभावित क्षेत्र में हुए धन-बल और जन-बल के भयानक विनाश की सहज ही कल्पना कर सकते हैं। उसके अनुसार “भूकंप में मरने वालों की संख्या तीन हजार से उपर पहुँच चुकी है और लगभग दस हजार लोग घायल हुए हैं।” इस भयंकर भूकंप से 175 करोड़ रूपये की धनराशि का नुकसान हुआ।

भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है और यह अन्य प्राकृतिक आपदाओं की तुलना में ज्यादा घातक और विनाशकारी प्राकृतिक आपदा होती है। इसका कारण यह भी है कि इसके कारण मानव-समाज कतिपय अन्य अपदाओं और समस्याओं से घिर जाता है। भौगोलिक-विशिष्टता भी इस भूकंप रूपी प्राकृतिक आपदा की मार को और ज्यादा मारक बना देती है। जैसे 1991 में आया यह भूकंप गढ़वाल और कुमाऊँ मण्डल को बना दिया। यह भू-क्षेत्र भौगोलिक रूप से एक पर्वतीय क्षेत्र है। इस भू-क्षेत्र में अनेक बड़े-बड़े पर्वतों के साथ साथ अनेक गहरी घाटियां भी विद्यमान हैं। साथ ही इनके मध्य में अपने पूरे वेग से प्रवाहित होने वाली अनेक गहरी नदियां भी अवस्थित हैं। यह सब मिलकर इस भू-क्षेत्र को सामान्य रूप से एक अत्यंत विषम स्थल का रूप दे देते हैं। सन् 1991 में जो विनाशकारी भूकंप इस क्षेत्र में आया, उसकी विनाशलीला को और अधिक बढ़ाने में इस भू-क्षेत्र की भौगोलिक-विशिष्टता ने भी अपना पूरा योग दिया।

सन् 1991 का यह विनाशकारी-भूकंप जिस समय आया था वह समय गहन रात्रि का समय था। सारे लोग दिन भर के परिश्रमपूर्ण कार्यों को सम्पन्न करके थकान मिटा रहे थे और अगले दिन के लिए पूर्णत: तैयार होने के लिए आरामदायक मीठी नींद ले रहे थे। कहा भी जाता है कि सोया हुआ आदमी मरे हुए आदमी के सादृश ही होता है। उसे अपने आस-पास के वातावरण का किंचित मात्र भी ज्ञान या बोध नहीं रहता। वह पूर्णत: एक गहरी नींद में डूबा होता है। 20 अकूबर का यह रात्रि भी इसी प्रकार की स्थिति में थी। इस भू-क्षेत्र का प्रत्येक मनुष्य गहरी नींद में डूबा हुआ था। और तभी दुर्भाग्य ने अपना प्रलयंकारी खेल खेलना आरम्भ कर दिया। हजारों की संख्या में लोग इस प्रलयंकारी भूकंप की चपेट में आ गये। वो जहां सो रहे थे वहीं दफन हो गये। उनके कठिन परिश्रम से बनाए गये मकान उन्हीं का मृत्यु का सामान बन गये। वो मकान उन्ही के उपर भरभरा कर आ गिरे और लोग अपने ही घरों के मलवे में दफन होने लगें।

इस भूकंप की तीव्रता अत्यधिक थी। इसके कारण वह समूचा पर्वतीय क्षेत्र व्यापक रूप से आक्रांत हो उठा और पर्वतों में स्खलन उत्पन्न हो गया। भू-स्खलन के कारण यह विनाशलीला और भी बढ़ गयी। पर्वत टूट-टूटकर नीचे बह रही नदियों में आ गिरे जिसके फलस्वरूप नदियों का बहाव भी बाधित हो गया और उसका पानी आस-पास के क्षेत्रों में भर गया। एकदम सी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी। इस प्रकार हम हर तरफ से देखें तो यही कहा जा सकता है कि गढ़वाल और कुमाऊँ मण्डल में आया यह भूकंप अनेक रूपों में दिखलायी पड़ा। यह अपने साथ अन्य अनेक दुश्कर आपदाएं लिए हुए आया था।

इस भूकंप का जो प्रभाव इस क्षेत्र के लोगों के जीवन पर पड़ा था वह अत्यंत व्यापक और विस्तृत था। इससे न केवल जन-हानि और धन हानि ही हुई थी अपितु वहाँ के विकास हेतु कियान्वित की गयी महत्वपूर्ण योजनाएं भी बाधित हो गयी थी। इन्हीं में से एक योजना थी ‘टिहरी बांध’ की महत्वाकांक्षी योजना। इस भूकंप ने इस महत्वपूर्ण योजना को लगभग बर्बाद ही कर दिया था। बाद में, इस योजना को पुन: गतिशील और सुचारू करने में सरकार को अतिरिक्त पर्याप्त धन का व्यय करना पड़ा।

भूकंप ने इस मार्ग के आवागमन के प्राय: हर मार्ग को बाधित कर दिया। अनेक पुलों का नाश हो गया। यह धर्म-भूमि माना जाने वाला क्षेत्र है। पूरे वर्ष इस क्षेत्र में विदेशी पर्यटकों का तांता लगा रहता है। और जिस समय यह भूकंप आया उस समय भी इस क्षेत्र में अनेक विदेशी पर्यटक विद्यमान थे। उनके वहाँ फँस जाने से समस्या और भी ज्यादा गंभीर हो गयी थी।

उस समय कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने इस आपदा से पूर्णत: निपटने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए। नाना भांति की सहायता वहाँ तत्काल भेजी गयी। केन्द्र सरकार ने भी समस्या की विकरालता को देखते हुए पानी की तरह पैसा बहाया। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि यह एक ऐसी आपदा थी जिसने भारत को हिला कर रख दिया था।

Related Article

Essay on Rainy Day in Hindi

Essay on Art in Hindi

Essay on trees in Hindi

Banyan Tree in Hindi

Vidyalaya Mein Pani Ki samasya Hetu pracharya ko Patra

This was earthquake essay in Hindi in more than 800 words. Let us know if you want earthquake essay in Hindi pdf.

Thank you reading. Don’t for get to give us your feedback.

अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करे।

Share this:

  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on LinkedIn (Opens in new window)
  • Click to share on Pinterest (Opens in new window)
  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)

About The Author

assignment on earthquake in hindi

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Email Address: *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Notify me of follow-up comments by email.

Notify me of new posts by email.

HindiinHindi

  • Cookie Policy
  • Google Adsense

भूकंप पर निबंध – Essay on earthquake in Hindi

हेलो दोस्तों, में आज आपके लिए लेकर आया हूँ भूकंप पर निबंध(Short and long essay on earthquake in Hindi). मनुष्य पृथ्वी पर कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना करता है. इनमें से भूकंप सबसे घातक है. घातक इसलिए क्योंकि भूकंप ने कई लोगों की जान ले ली है. भूकंप के दौरान मनुष्य अपना सब कुछ खो देता है. आज आप इस लेख में भूकंप का कारण, भूकंप से नुकसान और भी बहुत कुछ भूकंप के बारे में जानेंगे. तो चलिए हमारे मुख्य लेख के ओर बढ़ते हैं जो है भूकंप पर निबंध (Essay on earthquake in Hindi) .    

भूकंप पर निबंध – Short essay on earthquake in Hindi

प्रस्तावना     .

तूफान और बाढ़ जैसे भूकंप भी एक प्राकृतिक आपदा है. तूफान और बाढ़ से भूकंप ज्यादा खतरनाक होता है. उपग्रह या रडार द्वारा यह पहले से ही ज्ञात हो जाता है कि तूफान होने वाला है. लेकिन उपग्रहों और रडार द्वारा भूकंप होगा या नहीं पता नहीं चल पाता है. इसलिए भूकंप अचानक आता है. लेकिन क्योंकि लोग भूकंप के बारे में कुछ नहीं जान पाते हैं, इसलिए सुरक्षित क्षेत्र में नहीं जा पाते हैं.

भूकंप का कारण    

पृथ्वी की सतह को कठिन मूर्तिकला और कठोर चट्टान की आवरण के साथ आवृत होकर रहा है. लेप का ऊपरी हिस्सा ठंडा होता है. लेकिन धरती के अंदर हमेशा आग लगी रहती है. परिणाम बहुत अधिक गैस या भाप सृष्टि हो रहा है और बहुत सी धातु पिघल रही है. यह सब जगह की कमी को देखते हुए, वे पृथ्वी पर आने के इरादे से पृथ्वी को अंदर से धकेल रहे हैं, नतीजतन भूकंप सृष्टि हो रहा है.

bhukamp par nibandh

भूकंप का भयानक रूप

भूकंप घरों को नष्ट कर देता है. जल स्तर बढ़ जाता है. उदाहरण के लिए, 6 जनवरी, 2001 की सुबह में, गुजरात के कुछ हिस्सों में भूकंप आया था. जिसमें 20,000 से अधिक लोग मारे गए थे और 40,000 से अधिक लोग घायल हुए थे. इस भूकंप ने बहुत सारे जिंदगियों को तबाह कर दिया था.

सरकार और विभिन्न स्वैच्छिक संगठन लोगों को बचाने के लिए काम करते हैं. सेना भी बचाव अभियान में शामिल होते हैं. राहत सहायता भूकंप से न प्रभावित क्षेत्र से आती है. भारत सरकार ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों को सहायता के लिए करोड़ों रुपये प्रदान किए हैं.

दुनिया के किस हिस्से में भूकंप की संभावना है, यह जानने का एक तरीका है; लेकिन कब और कहां भूकंप आएगा यह पता नहीं चल पाता है. तो उस उस क्षेत्र में छोटे और मध्यम आकार के भूकंप से लोगों को बचाने के तरीकों के बारे में सोचना होगा. ऊंची इमारतों की नींव मजबूत रखने की जरूरत है और उस क्षेत्र में जापानी प्रणाली में घर बनाना बेहतर है. जिससे भूकंप से मरने वालों की संख्या में कमी आएगी.

दूसरी ओर, भूकंप मनुष्य पर भगवान का सबसे बड़ा प्रकोप लगता है. क्योंकि इसको रोकने के लिए कोई पूर्व उपाय नहीं है. इसलिए भूकंप से बचने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करना ही एकमात्र रास्ता है.

सृष्टि की शुरुआत से ही पृथ्वी पर होने वाली अधिकांश प्राकृतिक आपदाएँ अचानक और अप्रत्याशित. प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, तूफान, आदि से पहले इन सब के संबंध में कुछ पूर्वानुमान लगाना संभव है. लेकिन भूकंप के मामले में, यह संभव नहीं है. इसलिए भूकंप सभी प्राकृतिक आपदाओं में सबसे अचानक और अप्रत्याशित हैं. बेशक, पृथ्वी की सतह के कुछ क्षेत्रों में अक्सर भूकंप आते हैं. इसलिए उस इलाके के लोग भूकंप के डर से हमेशा सतर्क रहते हैं. हालांकि, ज्यादातर जगहों पर, बिना किसी पूर्वानुमान के, बहुत अचानक और अप्रत्याशित भूकंप आता है. और परिणामस्वरूप, कई लोगों की जान चली जाती है.

भूकंप का कारण

आज से लाखों साल पहले पृथ्वी का निर्माण हुआ था. प्रारंभ में यह एक जलता हुआ और गर्म निर्जन ग्रह था. हालाँकि इसकी सतह समय के साथ ठंडी और सख्त हो गई है, फिर भी इसका आंतरिक भाग तरल और अर्ध-तरल है. सतह से पृथ्वी की सतह तक तापमान धीरे-धीरे बढ़ता है. इसलिए, तापमान पृथ्वी की सतह के विभिन्न स्तरों पर भिन्न होता है. कभी-कभी तापमान में एक विशेष अंतर पृथ्वी की सतह के एक निश्चित स्तर पर होता है, जो बदले में पृथ्वी की सतह में गड़बड़ी का कारण बनता है. गड़बड़ी जितनी तीव्र होगी, उसका सतह पर उतना ही अधिक प्रभाव पड़ेगा और सतह कांप उठेगी. सतह का यह कंपन होता है भूकंप. इसके अलावा, सतह का संतुलन बदलना, पृथ्वी की सतह पर दरारें बनने के बाद और भू अभ्यंतर से गैस निकलने के बाद भूकंप आते हैं. कुछ मामलों में, भूकंप मानव गतिविधि के कारण भी होते हैं.

भूकंप से नुकसान

भूकंप के परिणामस्वरूप, जमीन पर गरज होने के साथ कंपन होने लगता है. सतह के ऐसे अशांत अवस्था के परिणामस्वरूप, घर, पेड़ और बिजली का खंभा आदि सभी नष्ट हो जाते हैं. एक पल में, सुंदर पृथ्वी एक खंडहर बन जाती है. भूकंप के कारण कई इंसान और जानवर मर जाते हैं. विनाशकारी भूकंप से बचे लोगों का पुनरुत्थान करना एक बड़ी समस्या के रूप में प्रकट होता है. सार्वजनिक आवास के अलावा, कई कार्यशालाएं, सरकारी भवन, शैक्षणिक संस्थान, मंदिर, चर्च, मस्जिद आदि भी भूकंप से विशेष रूप से प्रभावित होते हैं. इसके अलावा, सड़कें, रेलमार्ग, पोल, बांध, आदि बिखर जाते हैं और नष्ट हो जाते हैं. नतीजतन, परिवहन, संचार, बिजली और पानी की आपूर्ति पूरी तरह से बाधित होता है. बड़े भूकंप के कारण समुद्र के तटीय क्षेत्र में भी कुछ बदलाव होता है. कुछ तटीय क्षेत्र भी जलमग्न हो जाते हैं, या समुद्र का पानी सूखी भूमि बन जाता है.

दुनिया के भूकंप-प्रभावित क्षेत्र

भूकंप पृथ्वी की सतह के अपेक्षाकृत कमजोर क्षेत्रों में होते हैं. इस तथ्य के कारण है कि भूमिगत गड़बड़ी कमजोर क्षेत्र को जल्दी से प्रभावित कर सकती है. प्रशांत महासागर के व्यापक तटीय क्षेत्र, उत्तर और दक्षिण अमेरिकी महाद्वीपों के उत्तर-पश्चिमी हिस्से और दक्षिणी यूरोप में अक्सर भूकंप आते हैं. भारत के हिमालय की तलहटी के तल पर और दक्षिण भारतीय  के कुछ हिस्सों को भूकंप संभावित क्षेत्रों के रूप में जाना जाता है.

दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भूकंप

सृष्टि की शुरुआत से कई बार भूकंप आए हैं जिसके वजह से जीवित दुनिया जबरदस्त रूप से पीड़ित हुआ है. अब भी हर दो साल के अंतराल पर विभिन्न स्थानों पर भूकंप आते हैं. 1988 से 2001 के बीच दुनिया में छह भूकंप आए हैं. 1950 और 1975 के बीच चार भूकंप आए हैं. भूकंप कहां आएगा, कब आएगा, कोई भी निश्चित रूप से बोल नहीं सकता. चूंकि यह एक प्राकृतिक आपदा है, यह पूरी तरह से प्रकृति पर निर्भर करता है. मनुष्य के लिए इसे नियंत्रित करना असंभव है.

1908 में इटली में आए भयावह भूकंप में एक लाख बीस हजार लोग मारे गए थे. पेरू में 1960 में आए भूकंप में कम से कम 60,000 लोग मारे गए थे. चीन में 1958 में आए भूकंप ने भी हजारों लोगों की जान ले ली थी. 1934 में बिहार में आए भूकंप में 10,000 से अधिक लोग, 1993 में लातूर में आए भूकंप में 9,000 से अधिक लोग, 2001 में गुजरात में आए भूकंप में 20,000 लोग और 2005 में पाकिस्तान के कब्जे वाले भारत में 40,000 लोग मारे गए थे.

भूकंप की तीव्रता

बाढ़ के दौरान बाढ़ के पानी के बहाव के परिणाम, के साथ-साथ तूफानों के दौरान बहने वाली हवा की गति कम होती है, इसी तरह भूकंप की तीव्रता भिन्न भिन्न प्रकार की होती है. भूकंप की तीव्रता मापक यंत्र को रिक्टर स्केल कहा जाता है. कंपन की तीव्रता के अनुसार, रिक्टर स्केल बढ़ना शुरू हो जाता है. भूकंप की तीव्रता की  मात्रा जितनी अधिक होती है, क्षति की भयावहता भी उतनी ही अधिक होती है. इस पैमाने का नाम कैलिफोर्निया के एक प्रमुख वैज्ञानिक चार्ल्स रिक्टर के नाम पर रखा गया है. भूकंप की आशंका वाले क्षेत्रों में इस पैमाने का उपयोग करके भूकंप की तीव्रता निर्धारित की जाती है.

सहायता और बचाव कार्य 

भूकंप प्रभावित क्षेत्र में कई लोग मारे जाते हैं. यदि मृतकों की लाशों का समय पर दाह संस्कार किया नहीं जाता है, तो वे सड़ जाएंगे और पर्यावरण प्रदूषित हो जाएगा. और बाकी बचे लोगों के बीमार होने का खतरा रहता है. इसी तरह, घायलों को तत्काल उपचार के परिणामस्वरूप, वे ठीक हो जाते हैं. कुछ लोगों को बड़ी मुश्किल से बचाया जाता है. इसलिए इन सभी क्षेत्रों में सेवा और बचाव कार्य आवश्यक है. घायलों और बचे लोगों को उनके जीवन आवश्यक भोजन, पानी, दवाई आदि उपलब्ध कराया जाता है. भूकंप प्रभावित क्षेत्र में, कई घर पूरी तरह या आंशिक रूप से ध्वस्त हो जाते हैं. इसलिए घरों का पुनर्निर्माण और प्रभावित लोगों को स्थानांतरित करना बहुत महत्वपूर्ण है. सरकारी अधिकारी और कई स्वयंसेवक और संगठन इस काम में शामिल होते हैं. भूकंप से प्रभावित क्षेत्र को आर्थिक सहायता भी दिया जाता है.

कैसे सावधान रहें

भूकंप की भविष्यवाणी करना मुश्किल है. फिर भी पृथ्वी पर सबसे अधिक भूकंप वाले क्षेत्रों के लोगों और संबंधित देशों की सरकारों को इस संबंध में अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है. पहले से ही सूखे खाद्य पदार्थ जैसे चूड़ा, चीनी, ब्रेड, बिस्कुट उपलब्ध होने चाहिए. आवास लकड़ी, बांस, पुआल, से बना होना चाहिए. भूकंप होने से हताहतों की संख्या होगा  और मौतों की संख्या भी कम होगा.

भूकंप को बर्दाश्त करना अत्यधिक दुर्भाग्य की पहचान है. वैज्ञानिकों ने आधुनिक तकनीक का उपयोग करके भूकंप की भविष्यवाणियों की गणना करने के लिए काम कर रहे हैं. भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है. इंसानों के लिए इससे पूरी तरह बच निकलना आसान नहीं है.

आपके लिए :-

  • आतंकवाद पर निबंध
  • वायु प्रदूषण पर निबंध
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध
  • दहेज प्रथा पर निबंध
  • मोबाइल फोन पर निबंध

ये था हमारा लेख भूकंप पर निबंध (short and long earthquake essay in Hindi). उम्मीद है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा. अगर पसंद आया है तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें. मिलते है अगले लेख में. धन्यवाद.

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Site Logo

  • पुस्तक समीक्षा

Amazon Banner

Essay on Earthquake in Hindi : भूकंप आने का कारण और इस से बचाव के उपाय

  • By Aryavi Team
  • 11 Min Read

भूकंप पृथ्वी की सतह पर ज़मीन के हिलने, विस्थापन और व्यवधान पैदा करके प्रकट होते हैं। ऐसे मामलों में जहां एक बड़े भूकंप का केंद्र तट से दूर होता है, यह सुनामी को ट्रिगर करने के लिए समुद्र तल को पर्याप्त रूप से विस्थापित कर सकता है। इसके अतिरिक्त, भूकंप में भूस्खलन को प्रेरित करने की क्षमता होती है जिससे उनका विनाशकारी प्रभाव बढ़ जाता है।

भूकंप मुख्य रूप से भूवैज्ञानिक दोष के टूटने (geological fault ruptures) का परिणाम होते हैं, लेकिन वे ज्वालामुखी गतिविधि, भूस्खलन, खनन विस्फोट और यहां तक कि परमाणु परीक्षणों से भी उत्पन्न हो सकते हैं। प्रारंभिक विच्छेदन के बिंदु को हाइपोसेंटर (hypocenter) या फोकस के रूप में जाना जाता है, जबकि अधिकेंद्र (epicenter) पृथ्वी की सतह पर सीधे हाइपोसेंटर के ऊपर का बिंदु है। अपने व्यापक अर्थ में, "भूकंप" शब्द किसी भी भूकंपीय घटना को शामिल करता है, चाहे वह प्राकृतिक हो या मानव-प्रेरित, जो भूकंपीय तरंगें (seismic waves) उत्पन्न करती है, जो हमारे ग्रह पर इन शक्तिशाली भूवैज्ञानिक घटनाओं के गहरे और विविध प्रभावों को उजागर करती है।

भूकंप के प्रमुख उदाहरण (Major Examples of Earthquake)

चीन में 1556 का शानक्सी (Shaanxi) भूकंप इतिहास के सबसे विनाशकारी भूकंपों में से एक है, जिसमें 830,000 से अधिक लोगों की जान चली गई। इस विनाशकारी घटना ने मुख्य रूप से याओडोंग (yaodongs) के नाम से जाने वाले आवासों को प्रभावित किया, जो लोएस पहाड़ियों में थे, जिसके परिणामस्वरूप संरचनात्मक पतन के कारण कई मौतें हुईं। 20वीं सदी में, चीन में 1976 का तांगशान भूकंप सबसे घातक साबित हुआ, जिससे 240,000 से 655,000 लोगों की जान चली गई। रिकॉर्ड किया गया सबसे बड़ा भूकंप, जिसकी तीव्रता 9.5 थी, 1960 में चिली (Chile) में आया था, जिससे अगले सबसे शक्तिशाली भूकंप की तुलना में दोगुनी ऊर्जा निकली। जबकि मेगाथ्रस्ट भूकंप तीव्रता के मामले में शीर्ष दस में हावी हैं, 2004 का हिंद महासागर भूकंप अद्वितीय है क्योंकि यह बड़े पैमाने पर और सबसे घातक में से एक है, जो अक्सर आने वाली सुनामी के कारण होता है। उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में आम तौर पर घनी आबादी वाले क्षेत्र या समुद्र तट शामिल होते हैं, जहां भूकंप और सुनामी महत्वपूर्ण खतरे पैदा करते हैं, जो अक्सर कमजोर, गरीब क्षेत्रों में भूकंपीय भवन कोड के खराब प्रवर्तन के कारण बढ़ जाते हैं।

भूकंप के कारण (Causes of Earthquake in Hindi)

भूकंप पृथ्वी की पपड़ी (Earth's crust) के भीतर अचानक टेक्टोनिक गतिविधि का परिणाम है, जो मुख्य रूप से टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियों से प्रेरित होता है। पृथ्वी की पपड़ी इन विशाल प्लेटों में विभाजित है, जो धीरे-धीरे उनके नीचे अर्ध-तरल एस्थेनोस्फीयर (semi-fluid asthenosphere) के ऊपर सरकती हैं। जब ये प्लेटें परस्पर क्रिया करती हैं, अभिसरण (convergent), अपसारी (divergent) या परिवर्तित सीमाएँ (transform boundaries) बनाती हैं, तो भूकंपीय घटनाएँ घटित हो सकती हैं।

सबसे विनाशकारी भूकंप अक्सर अभिसरण सीमाओं पर होते हैं जहां प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं या फिसलती हैं। यह अंतःक्रिया प्लेट के किनारों पर अत्यधिक दबाव और घर्षण पैदा करती है। जैसे-जैसे तनाव बढ़ता है, इन सीमाओं पर चट्टानें अंततः टूट जाती हैं और खिसक जाती हैं, जिससे संग्रहित ऊर्जा अचानक बाहर निकल जाती है, जो भूकंपीय तरंगों के रूप में प्रकट होती है, जिससे भूकंप आता है।

टेक्टोनिक गतिविधियों के अलावा, अन्य भूवैज्ञानिक गतिविधियाँ भी भूकंप को ट्रिगर कर सकती हैं। उदाहरण के लिए, ज्वालामुखीय गतिविधि भूकंप को प्रेरित कर सकती है जब मैग्मा बढ़ने से चट्टानों के आसपास दरारें पड़ जाती हैं। इन विक्षोभों (disturbances) के परिणामस्वरूप कंपन उत्पन्न होता है जो सभी दिशाओं में फैलता है और जमीन को हिला देता है। भूकंपमापी इन भूकंपीय तरंगों का पता लगाते हैं।

यह समझना महत्वपूर्ण है कि भूकंप मूल रूप से तनाव संचय (stress accumulation) और उसके बाद शॉकवेव्स के रूप में ऊर्जा के निकलने से उत्पन्न होते हैं। भूकंप की तीव्रता इस प्रक्रिया के दौरान निकलने वाली ऊर्जा की मात्रा से संबंधित होती है, जिससे यह उनके प्रभाव का आकलन करने में एक महत्वपूर्ण पैरामीटर बन जाता है।

भूकंप के प्रभाव (Effects of Earthquake)

भूकंप के प्रभाव व्यापक और विनाशकारी हो सकते हैं, जिसमें प्राकृतिक और निर्मित पर्यावरण के विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ मानवीय प्रभाव भी शामिल हैं:

1. कंपन और ज़मीन का टूटना: भूकंप का प्राथमिक प्रभाव ज़मीन का हिलना होता है। इस झटके की गंभीरता भूकंप की तीव्रता, भूकंप के केंद्र से निकटता और स्थानीय भूवैज्ञानिक स्थितियों जैसे कारकों पर निर्भर करती है।

2. मिट्टी का द्रवीकरण: भूकंप के दौरान, जल-संतृप्त दानेदार सामग्री (water-saturated granular material), जैसे रेत, अस्थायी रूप से अपनी ताकत खो सकती है और तरल में बदल सकती है। यह घटना, जिसे मृदा द्रवीकरण (soil liquefaction) के रूप में जाना जाता है, इमारतों और संरचनाओं के झुकने या द्रवीकृत जमाव में डूबने का कारण बन सकती है।

3. मानवीय प्रभाव: भूकंप से चोटें और जीवन की हानि हो सकती है, विशेषकर घनी आबादी वाले या खराब निर्माण वाले क्षेत्रों में। सड़कें, पुल, सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क, पानी और बिजली आपूर्ति प्रणालियाँ और संचार नेटवर्क सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे क्षतिग्रस्त या बाधित हो सकते हैं। अस्पताल, पुलिस और अग्निशमन सेवाएँ भी प्रभावित हो सकती हैं, जिससे आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रयासों में बाधा आ सकती है।

4. संपत्ति की क्षति: इमारतें और संरचनाएं ढह सकती हैं या अस्थिर हो सकती हैं, जिससे संपत्ति की क्षति हो सकती है। इस तरह की क्षति के आर्थिक परिणाम महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

5. भूस्खलन: भूकंप ढलान में अस्थिरता पैदा कर सकता है, जिससे भूस्खलन हो सकता है, जो अतिरिक्त खतरे पैदा करता है और बचाव और पुनर्प्राप्ति प्रयासों (recovery efforts) में बाधा उत्पन्न कर सकता है।

6. आग: विद्युत शक्ति और गैस लाइनों को नुकसान के परिणामस्वरूप आग लग सकती है जिसे नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, जिससे संभावित रूप से भूकंप से भी अधिक विनाश और जीवन की हानि हो सकती है।

7. सुनामी: पानी के नीचे के भूकंप सुनामी उत्पन्न कर सकते हैं - बड़ी, विनाशकारी समुद्री लहरें जो तटीय क्षेत्रों में बाढ़ ला सकती हैं, जिससे व्यापक क्षति और जीवन की हानि हो सकती है। सुनामी खुले समुद्र में विशाल दूरी तक यात्रा कर सकती है।

8. बाढ़: यदि बांध क्षतिग्रस्त हो जाते हैं या भूस्खलन से नदियाँ बाधित हो जाती हैं, तो भूकंप अप्रत्यक्ष रूप से बाढ़ का कारण बन सकता है, जिससे बांध विफल हो जाते हैं और बाद में बाढ़ आती है।

भूकंप प्रबंधन (Management of Earthquake)

भूकंप प्रबंधन में तीन प्रमुख पहलू शामिल हैं: भविष्यवाणी (prediction), पूर्वानुमान (forecasting) और तैयारी (preparedness), जिसका लक्ष्य समाज पर भूकंपीय घटनाओं के प्रभाव को कम करना है।

भविष्यवाणी, सबसे चुनौतीपूर्ण पहलू, भविष्य में आने वाले भूकंपों का सटीक समय, स्थान और तीव्रता निर्दिष्ट करना चाहता है। भूकंप विज्ञान में व्यापक शोध के बावजूद, सटीक भविष्यवाणियाँ मायावी बनी हुई हैं। जबकि वैज्ञानिक उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं, किसी विशिष्ट दिन या महीने में भूकंप की घटना को इंगित (pinpointing) करना वर्तमान क्षमताओं से परे है।

दूसरी ओर, पूर्वानुमान, सामान्य भूकंप के खतरों का संभावित रूप से आकलन करने पर केंद्रित है। इसमें किसी विशेष क्षेत्र में विस्तारित अवधि, जैसे कि वर्षों या दशकों में विनाशकारी भूकंपों की आवृत्ति और तीव्रता का अनुमान लगाना शामिल है। अच्छी तरह से समझी गई फॉल्ट लाइनों के लिए, निकट भविष्य में टूटने की संभावना का अनुमान लगाना संभव है।

भूकंप के खतरों को कम करने के लिए, जमीन हिलने से पहले क्षेत्रीय सूचनाएं प्रदान करने के लिए चेतावनी प्रणालियाँ विकसित की गई हैं। ये सिस्टम लोगों को आश्रय पाने के लिए एक संक्षिप्त विंडो (brief window) प्रदान करते हैं, जिससे चोटों और मृत्यु की संभावना कम हो जाती है।

भूकंपीय ताकतों का सामना करने के लिए संरचनाओं को डिजाइन करके भूकंप इंजीनियरिंग तैयारियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मौजूदा इमारतों में भूकंप प्रतिरोध में सुधार के लिए भूकंपीय रेट्रोफिटिंग (seismic retrofitting) की जा सकती है। 

आपातकालीन प्रबंधन रणनीतियाँ, चाहे वे सरकारों या संगठनों द्वारा लागू की गई हों का उद्देश्य जोखिमों को कम करना और परिणामों के लिए तैयार रहना है। इन रणनीतियों में आपदा प्रतिक्रिया योजना, निकासी मार्ग और विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय (coordination) शामिल है।

भवन की कमजोरियों का आकलन करने और एहतियाती उपायों की योजना बनाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial intelligence) का तेजी से उपयोग किया जा रहा है। इगोर (Igor) जैसी प्रणालियाँ चिनाई वाली इमारतों के लिए भूकंपीय मूल्यांकन और रेट्रोफिटिंग योजना में सहायता करती हैं।

व्यक्तिगत स्तर पर, लोग भूकंप की तैयारी के लिए कदम उठा सकते हैं। इसमें भारी वस्तुओं को सुरक्षित करना, उपयोगिता शटऑफ का पता लगाना (locating utility shutoffs) और भूकंप के दौरान प्रतिक्रिया करने का तरीका जानना शामिल है। 

संक्षेप में, भूकंप प्रबंधन में भूकंपीय घटनाओं की भविष्यवाणी और पूर्वानुमान से लेकर इंजीनियरिंग संरचनाओं और तैयारी उपायों को लागू करने तक एक बहुआयामी दृष्टिकोण शामिल है। इन प्रयासों को एकीकृत करके, समुदाय भूकंप के प्रभाव को कम कर सकते हैं ।

सिस्मोग्राफ से क्या मापा जाता है (What is Measured by Seismograph)

भूकंप के दौरान, भूकंपीय तरंगें (seismic waves) पृथ्वी के माध्यम से फैलती हैं, और भूकंपमापी माप (seismographs) के लिए आवश्यक उपकरण के रूप में काम करते हैं। ये उपकरण सीस्मोग्राम (seismograms) उत्पन्न करते हैं, जो भूकंपीय तरंगों से प्रेरित जमीन की गति का डिजिटल ग्राफिकल प्रतिनिधित्व हैं। भूकंपमापी का एक वैश्विक नेटवर्क भूकंपीय घटनाओं के दौरान इन तरंगों की तीव्रता और अवधि का व्यवस्थित रूप से पता लगाता है और उनका आकलन करता है। परिणामी भूकंपीय डेटा वैज्ञानिकों को भूकंपों का विश्लेषण और लक्षण वर्णन करने में मदद करता है, उनके परिमाण और व्यवहार में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, अंततः पृथ्वी की गतिशील प्रक्रियाओं की हमारी समझ में योगदान देता है।

भूकम्प आने पर क्या करना चाहिए (What to do When an Earthquake Occurs)

भूकंप के समय आपकी सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण होती है:

Indoor- अंदर ही रहें, मजबूत फर्नीचर जैसे मेज या टेबल के नीचे जाएं और इसे पकड़ कर रहें (ढ़क जाएं, और पकड़ लें !). खिड़कियों, भारी फर्नीचर या उपकरणों से दूर रहें। रसोई से बाहर निकलें, क्योंकि यह एक खतरनाक स्थान हो सकता है (चीजें आपके ऊपर गिर सकती हैं)। जब भी इमारत झूल रही है या जोखिम है कि आप गिर सकते हैं या गिरी हुई चीजों से चोट आ सकती है, तब भी भागने की कोशिश न करें।

Outdoor-  खुद को इमारतों, बिजली की तारों, चिमनीओं, और किसी और चीज से दूर खड़ा कर लें, जो आप पर गिर सकती है।

Car Driving- ध्यानपूर्वक रुक जाएं, लेकिन सावधानी से। अपनी कार को संभवत: सड़क के किनारे में खींचें, पुल या ओवरपास के नीचे या पेड़ों, बिजली की तारों, या साइनों के नीचे न रुकें। भूकम्प के थमने तक अपनी कार में ही बैठे रहें। जब शांति हो जाए, तो सावधानी से ड्राइव करने जारी रखें, सड़क पर टूटी हुई सड़क, गिरी हुई चट्टानों से दूर रहें।

 On Hills- गिरने वाले पत्थर, भूस्खलन, पेड़, और अन्य सामग्री से सावधान रहें, जो भूकम्प द्वारा ढलाने (slope) या ढलाने की संभावना हो सकती है, और सुरक्षा के उपायों का पालन करें।

भूकंप प्राकृतिक भूवैज्ञानिक घटनाएँ हैं जो पृथ्वी की पपड़ी के भीतर ऊर्जा की रिहाई (release) के परिणामस्वरूप होती हैं, जिससे भूकंपीय तरंगों का प्रसार होता है। ये घटनाएँ परिमाण में बहुत भिन्न हो सकती हैं और विशेष रूप से घनी आबादी वाले या खराब तैयारी वाले क्षेत्रों में महत्वपूर्ण तबाही, जीवन की हानि और आर्थिक क्षति का कारण बन सकती हैं। भूकंप, भूकंप विज्ञान का अध्ययन, उनके कारणों को समझने, उनकी घटना की भविष्यवाणी करने और शमन और तैयारियों के लिए रणनीति विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण है। भूकंप की तैयारी के उपाय, जैसे भूकंप प्रतिरोधी संरचनाएं बनाना और प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली लागू करना, इन शक्तिशाली प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने और मानव जीवन और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं।

1. भूकंप का कारण क्या है?

भूकंप मुख्य रूप से पृथ्वी की पपड़ी में ऊर्जा की अचानक रिहाई के कारण होते हैं, जो अक्सर दोषों के साथ टेक्टोनिक प्लेटों की गति के कारण होता है।

2. भूकंप कैसे मापे जाते हैं?

भूकंपों को सीस्मोमीटर नामक उपकरणों का उपयोग करके मापा जाता है, जो जमीन की गति को रिकॉर्ड करते हैं और एक सीस्मोग्राम उत्पन्न करते हैं। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल या आघूर्ण परिमाण स्केल (मेगावाट) जैसे पैमानों का उपयोग करके निर्धारित की जाती है।

3. क्या भूकंप की सटीक भविष्यवाणी की जा सकती है?

वर्तमान में, भूकंप कब और कहाँ आएगा, इसकी सटीक और विशिष्ट भविष्यवाणी संभव नहीं है। वैज्ञानिक केवल ऐतिहासिक डेटा और भूवैज्ञानिक विश्लेषण के आधार पर कुछ क्षेत्रों में संभावनाओं का अनुमान लगा सकते हैं।

4. भूकंप रेट्रोफिटिंग (earthquake retrofitting) क्या है?

भूकंप रेट्रोफिटिंग में मौजूदा इमारतों और संरचनाओं को भूकंपीय ताकतों के प्रति अधिक प्रतिरोधी बनाने के लिए संशोधित करना शामिल है, जिससे भूकंप के दौरान क्षति का जोखिम कम हो जाता है।

5. क्या भूकंप के परिणामस्वरूप हमेशा सुनामी आती है?

नहीं, सभी भूकंप सुनामी का कारण नहीं बनते। सुनामी आमतौर पर समुद्र के अंदर आने वाले भूकंपों या बड़ी मात्रा में पानी को विस्थापित करने वाले भूकंपों से जुड़ी होती है।

assignment on earthquake in hindi

Trending Products (ट्रेंडिंग प्रोडक्ट्स)

SKYTONE Stainless Steel Electric Meat Grinders with Bowl 700W Heavy

SKYTONE Stainless Steel Electric Meat Grinders with Bowl 700W Heavy for Kitchen Food Chopper, Meat, Vegetables, Onion, Garlic Slicer Dicer, Fruit & Nuts Blender (2L, 700 Watts) (2 Liter) (2 Liter)

Amazon Logo

AGARO Marvel 9 Liters Oven Toaster Griller, Cake Baking OTG (Black)

Bathroom Accessories

Bathroom Accessories, ChillyFit 2 Pack bathroom wall mounted shelf, sink caddy organizer, organizer rack, luxurious bathroom accessories, bathroom shelf without drilling, bathroom shelf and bathroom cabinet, bathroom rack, bathroom accessories items, kitchen accessories items, kitchen gadgets latest 2023

अपने इनबॉक्स में न्यूजलेटर पाने के लिए ईमेल एंटर करें।

सब्सक्राइब करने के लिए धन्यवाद

झांसी की रानी / सुभद्राकुमारी चौहान

झांसी की रानी / सुभद्राकुमारी चौहान

10 surprising facts about Arunachala Pradesh

अरुणाचल प्रदेश के बारे में 10 आश्चर्यचकित कर देने वाले तथ्य

15 things you never knew about Andhra Pradesh

आंध्र प्रदेश के बारे में 15 बातें जो आप नहीं जानते होंगे

ottoman empire history in hindi

Ottoman Empire In Hindi : ऑटोमन साम्राज्य का अदभुत इतिहास

essay on inflation in india

What Is Inflation: मुद्रास्फीति दर, मुद्रास्फीति के प्रकार मुद्रास्फीति के कारण, अपस्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति

ramdhari singh dinkar jayanti

भारत के राष्ट्रकवि राम धारी सिंह दिनकर - Ramdhari Singh Dinkar Biography in Hindi

featured-category

दिल में इक लहर सी उठी है अभी

दो बैलों की कथा / प्रेमचंद.

Amazon Top Products (अमेज़न टॉप प्रोडक्ट्स)

Oleev Active, with Goodness of Olive Oil Jar, 5L Jar

Oleev Active, with Goodness of Olive Oil Jar, 5L Jar

Horlicks Health & Nutrition Drink for Kids, 2kg Refill Container

Horlicks Health & Nutrition Drink for Kids, 2kg Refill Container | Classic Malt Flavor | Supports Immunity & Holistic Growth | Nutritious Health Drink

Taj Mahal South Tea 1 kg Pack, Rich and Flavourful Chai - Premium Blend of Powdered Fresh Loose Tea Leaves

Taj Mahal South Tea 1 kg Pack, Rich and Flavourful Chai - Premium Blend of Powdered Fresh Loose Tea Leaves

Tata Sampann Unpolished Toor Dal (Arhar Dal), 1kg

Tata Sampann Unpolished Toor Dal (Arhar Dal), 1kg

Daawat Super, Perfectly Aged, Long Grain with Rich Aroma Basmati Rice, 5 Kg

Daawat Super, Perfectly Aged, Long Grain with Rich Aroma Basmati Rice, 5 Kg

By proceeding, you agree to our Terms & Conditions. To know what personal data we collect from you and how we use it, please visit our Privacy Policy.

Enter the One Time Password (OTP) received

Forgot password.

भूकंप पर निबंध | Essay on Earthquake | Hindi

assignment on earthquake in hindi

भूकंप पर निबंध | Essay on Earthquake in Hindi!

Essay # 1. भूकम्प का प्रारम्भ (Origin of Earthquake):

भूकम्प भू-पृष्ठ पर होने वाला आकस्मिक कंपन है जो भूगर्भ में चट्‌टानों के लचीलेपन या समस्थिति के कारण होनेवाले समायोजन का परिणाम होता है । यह प्राकृतिक व मानवीय दोनों ही कारणों से हो सकता है । प्राकृतिक कारणों में ज्वालामुखी क्रिया, विवर्तनिक अस्थिरता, संतुलन स्थापना के प्रयास, वलन व भ्रंशन प्लूटोनिक घटनाएं व भूगर्भिक गैसों का फैलाव आदि शामिल किए जाते हैं ।

रीड के ‘प्रत्यास्थ-पुनश्चलन सिद्धांत’ के अनुसार प्रत्येक चट्‌टान में तनाव सहने की एक क्षमता होती है । उसके पश्चात् यदि तनाव बल और अधिक हो जाए तो चट्‌टान टूट जाता है तथा टूटा हुआ भाग पुनः अपने स्थान पर वापस आ जाता है । इस प्रकार चट्‌टान में भ्रंशन की घटनाएं होती है एवं भूकम्प आते हैं ।

कृत्रिम या मानव निर्मित भूकम्प मानवीय क्रियाओं की अवैज्ञानिकता के परिणाम होते हैं । इस संदर्भ में विवर्तनिक रूप से अस्थिर प्रदेशों में सड़कों, बांधों, विशाल जलाशयों आदि के निर्माण का उदाहरण लिया जा सकता है । इसके अलावा परमाणु परीक्षण भी भूकम्प के लिए उत्तरदायी हैं ।

ADVERTISEMENTS:

भूकम्प आने के पहले वायुमंडल में ‘रेडॉन’ गैसों की मात्रा में वृद्धि हो जाती है । अतः इस गैस की मात्रा में वृद्धि का होना उस प्रदेश विशेष में भूकम्प आने का संकेत होता है । जिस जगह से भूकम्पीय तरंगें उत्पन्न होती हैं उसे ‘भूकम्प मूल’ (Focus) कहते हैं तथा जहाँ सबसे पहले भूकम्पीय लहरों का अनुभव किया जाता है उसे भूकम्प केन्द्र (Epi-Centre) कहते हैं ।

भूकम्पमूल की गहराई के आधार पर भूकम्पों को तीन वर्गों में रखा जाता है:

(1) सामान्य भूकम्प- 0-50 किमी.

(2) मध्यवर्ती भूकम्प- 50-250 किमी.

(3) गहरे या पातालीय भूकम्प- 250-700 किमी.

भूकम्प के इस दौरान जो ऊर्जा भूकम्प मूल से निकलती है, उसे ‘प्रत्यास्थ ऊर्जा’ (Elastic Energy) कहते हैं ।

भूकम्प के दौरान कई प्रकार की भूकम्पीय तरंगें ( Seismic Waves) उत्पन्न होती हैं जिन्हें तीन श्रेणियों में रखा जा सकता है:

i. प्राथमिक अथवा लम्बात्मक तरंगें (Primary or Longitudinal Waves):

इन्हें ‘P’ तरंगें भी कहा जाता है । ये अनुदैर्ध्य तरंगें हैं एवं ध्वनि तरंगों की भांति चलती हैं । तीनों भूकम्पीय लहरों में सर्वाधिक तीव्र गति इसी की होती है । यह ठोस के साथ-साथ तरल माध्यम में भी चल सकती है, यद्यपि ठोस की तुलना में तरल माध्यम में इसकी गति मंद हो जाती है । ‘S’ तरंगों की तुलना में इसकी गति 66% अधिक होती है ।

ii. अनुप्रस्थ अथवा गौण तरंगें (Secondary or Transverse Waves):

इन्हें ‘S’ तरंगें भी कहा जाता है । ये प्रकाश तरंगों की भांति चलती हैं । ये सिर्फ ठोस माध्यम में ही चल सकती है, तरल माध्यम में प्रायः लुप्त हो जाती है । चूंकि ये पृथ्वी के क्रोड़ से गुजर नहीं पाती, अतः ‘S’ तरंगों से पृथ्वी के क्रोड़ के तरल होने के संबंध में अनुमान लगाया जाता है । ‘P’ तरंगों की तुलना में इसकी गति 40% कम होती है ।

assignment on earthquake in hindi

भूकंप पर अनुच्छेद | Paragraph on Earthquake in Hindi!

धरती के अचानक हिलने की घटना भूकंप कहलती है । जब पृथवि के आंतरिक गर्म पदार्थों के कारण हलचल उत्पन्न होती है तो भूकंप की स्थिति उत्पन्न होती है । कभी भूकंप हल्की तो कभी भारी तीव्रता का होता है । कम तीव्रता वाला भूकंप आने पर क्षेत्र-विशेष में धरती केवल हिलती महसूस होती है लेकिन इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता । अधिक तीव्रता वाला भूकंप कभी-कभी भारी क्षति पहुँचाता है । कच्चे और कमजोर मकान ढह जाते हैं, चल-अचल संपत्ति का भारी नुकसान होता है । सैकड़ों मनुष्य मकान के मलबे में दबकर मर जाते हैं । हजारों घायल हो जाते हैं । लोग बेघर-बार होकर अस्थायी निवास में रहने के लिए विवश होते हैं । परिस्थितियों के सामान्य बनाने में कई महीने या कई वर्ष लग जाते हैं । भूकंप को रोका नहीं जा सकता परंतु सावधानियाँ बरतने से इससे होने वाली क्षति जरूर कम की जा सकती है । इससे बचाव के लिए भूकंपरोधी भवनों का निर्माण करना चाहिए । भूकंप आने पर घबराना नहीं चाहिए बल्कि आवश्यक सावधानियाँ बरतनी चाहिए । भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, इसका मिल-जुलकर मुकाबला करना चाहिए ।

Related Articles:

  • भूकंप पर निबन्ध | Essay on Earthquake in Hindi
  • भूचाल पर निबन्ध | Essay on Earthquake in Hindi
  • सूखा या अकाल पर अनुच्छेद | Paragraph on Drought or Famine in Hindi
  • रेलवे कुली पर अनुच्छेद | Paragraph on Railway Porter in Hindi
  • Aaj Tak Campus
  • India Today
  • Business Today
  • Cosmopolitan
  • Harper's Bazaar
  • Reader’s Digest
  • Brides Today

aajtak hindi news

NOTIFICATIONS

loading...

  • साइंस न्यूज़

Earthquake Explained: क्या होता है भूकंप, कैसे आता है... क्या होती है इसकी वजह?

नेपाल में भूकंप आया. भारत और चीन भी हिल गए. इस साल भारत में 948 भूकंप आए. लेकिन क्या आपको पता है कि भूकंप कैसे आता है इसके पीछे की क्या वजह है ये कब आता है, क्यों आता है. ये है क्या बला इससे क्या नुकसान होता है. ये कितनी ताकतवर हो सकता है..

भूकंप की वजह से ही आपकी धरती का ये स्वरूप बना है, जिस पर हम आज रह रहे हैं. (फोटोः गेटी)

ऋचीक मिश्रा

  • 09 नवंबर 2022,
  • (अपडेटेड 09 नवंबर 2022, 8:37 AM IST)

assignment on earthquake in hindi

हमारी पृथ्वी प्रमुख तौर पर चार परतों से बनी है. यानी इनर कोर (Inner Core), आउटर कोर (Outer Core), मैंटल (Mantle) और क्रस्ट (Crust). क्रस्ट सबसे ऊपरी परत होती है. इसके बाद होता है मैंटल. ये दोनों मिलकर बनाते हैं लीथोस्फेयर (Lithosphere). लीथोस्फेयर की मोटाई 50 किलोमीटर है. जो अलग-अलग परतों वाली प्लेटों से मिलकर बनी है. जिसे टेक्टोनिक प्लेट्स (Tectonic Plates) कहते हैं. 

धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं. ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं. रगड़ती हैं. एकदूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है. इसे ही भूकंप कहते हैं. भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं. जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं. 

रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है. भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपीसेंटर से नापा जाता है. यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है. 1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है. 9 यानी सबसे ज्यादा. बेहद भयावह और तबाही वाली लहर. ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं. अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है. 

सम्बंधित ख़बरें

नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी के मुताबिक इस साल भारत और आसपास 948 से ज्यादा भूकंप आए. (प्रतीकात्मक फोटो)

इस साल भारत में 948 बार आया भूकंप, 240 बार अधिक तीव्रता से सहमे लोग 

8 नवंबर 2022 की देर रात 1ः57 बजे नेपाल में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया. (प्रतीकात्मक फोटोः विकिपीडिया)

नेपाल में इस साल अब तक आया सबसे भयानक भूकंप, तीव्रता 6.3 

ये है भारत के भूकंप जोन का नक्शा. (फोटोः विकिपीडिया)

भारत में भूकंप के पांच जोन, सबसे खतरनाक जोन में है देश का 59 फीसदी इलाका 

Earthquake in Jammu

तिब्बत की ओर खिसक रही भारत की जमीन, इसलिए कटरा में आ रहे भूकंप 

Earthquake today in India 2022 causes zones alarm

दो महीने में आए 166 भूकंप, एक्सपर्ट बोले- अर्ली वॉर्निंग सिस्टम की सख्त जरूरत 

Earthquake Explained

3800 साल पहले आया था दुनिया का सबसे भयावह भूकंप

वैज्ञानिकों को मानव इतिहास के अब तक के सबसे बड़े भूकंप के बारे में पता चला है. चिली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डिएगो सालाजार ने इस बारे में रिसर्च किया. इस भयानक भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 9.5 थी. इस भूकंप से 8000 किलोमीटर तक सुनामी आई थी. उस समय धरती पर रह रहे इंसानों 1000 साल तक आसपास के समुद्र तटों को छोड़ना पड़ा था. यह भूकंप 3800 साल पहले आया था. जहां ये आया था, उसे अब उत्तरी चिली कहा जाता है. एक टेक्टोनिक प्लेट के टूटने की वजह से इस इलाके की तटरेखा (Coastline) ऊपर उठ गई थी. भूकंप की वजह से सुनामी की 66 फीट लंबी लहरें उठी थीं. 

आधुनिक इतिहास का सबसे बड़ा भूकंप वाल्डिविया में आया था

अब तक, रिकॉर्ड किया गया सबसे बड़ा भूकंप 1960 में आया वाल्डिविया भूकंप (Valdivia earthquake) था. यह  9.4 से 9.6 के बीच की तीव्रता का था. इसने दक्षिणी चिली को हिलाकर रख दिया था. इस भूकंप में 6,000 लोग मारे गए थे. इसकी वजह से प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) में बार-बार सुनामी आई. वाल्डिविया भूकंप जिस टेक्टोनिक प्लेट के टूटने से आया, उसकी लंबाई 800 किमी थी. 

लगातार चीन की तरफ बढ़ रही है भारतीय टेक्टोनिक प्लेट

इंडियन टेक्टोनिक प्लेट हिमालय से लेकर अंटार्कटिक तक फैली है. यह पाकिस्तान बार्डर को सिर्फ छूती है. भूगोल के हिसाब से यह हिमालय के दक्षिण में है. जबकि यूरेशियन प्लेट हिमालय के उत्तर में है. इंडियन प्लेट उत्तर-पूर्व दिशा में यूरेशियन प्लेट की तरफ यानी चीन की तरफ लगातार बढ़ रही है. अगर ये प्लेट टकराती हैं तो भूकंप का केंद्र भारत में होगा. जिससे बड़ी तबाही होगी. 

Earthquake Explained

भूकंप चार प्रकार के होते हैं... जानिए कौन-कौन से

भूकंपों के तीन प्रकार होते हैं. पहला इंड्यूस्ड अर्थक्वेक (Induced Earthquake) यानी ऐसे भूकंप जो इंसानी गतिविधियों की वजह से पैदा होते हैं. जैसे सुरंगों को खोदना, किसी जलस्रोत को भरना या फिर किसी तरह के बड़े भौगोलिक या जियोथर्मल प्रोजेक्ट्स को बनाना. बांधों के निर्माण की वजह से भी भूकंप आते हैं. 

दूसरा होता है वॉल्कैनिक अर्थक्वेक (Volcanic Earthquake) यानी वो भूकंप जो किसी ज्वालामुखी के फटने से पहले, फटते समय या फटने के बाद आते हैं. ये भूकंप गर्म लावा के निकलने और सतह के नीचे उनके बहने की वजह से आते हैं. तीसरा होता है कोलैप्स अर्थक्वेक (Collapse Earthquake) यानी छोटे भूकंप के झटके जो जमीन के अंदर मौजूद गुफाओं और सुरंगों के टूटने से बनते हैं. जमीन के अंदर होने वाले छोटे विस्फोटों की वजह से भी ये आते हैं.

चौथा है एक्सप्लोसन अर्थक्वेक (Explosion Earthquake) इस तरह के भूकंप के झटके किसी परमाणु विस्फोट या रासायनिक विस्फोट की वजह से पैदा होते हैं. 

Earthquake Explained

भूकंपों के आने से क्या फायदा होता है? 

भूकंप से धरती की अंदरूनी संरचना को समझने में वैज्ञानिकों को मदद मिलती है. भूकंपों की वजह से ही ऊंचाई वाले इलाकों का निर्माण होता है. इससे उस इलाके की जलवायु पर पॉजिटिव इफेक्ट पड़ता है. जैसे पर्वत, पठार, घाटियां. इन स्थानों पर वनों का निर्माण होता है. जीवन पनपता है. मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ती है. भूकंपों की वजह से ही हमारी दुनिया का ये स्वरूप हमें देखने को मिल रहा है. हालांकि इनकी वजह से जानमाल का नुकसान बहुत होता है. 

सबसे तेज़ ख़बरों के लिए आजतक ऐप

संबंधित ख़बरें.

ये है Skyroot Aerospace कंपनी का विक्रम रॉकेट, जिसकी लॉन्चिंग 12 से 16 नवंबर के बीच होना है. (फोटोः स्काईरूट एयरोस्पेस)

Mission Prarambh: देश में पहली बार श्रीहरिकोटा से लॉन्च होगा निजी स्पेस कंपनी का रॉकेट, बदलने वाला है इतिहास

इस तस्वीर में दाहिनी ओर ऊपर की तरफ दिख रहा है ब्लैक होल. (फोटोः इंटरनेशनल जेमिनी ऑब्जरवेटरी/नॉयर लैब)

धरती के सबसे नजदीक मौजूद Black Hole का पता चला, वैज्ञानिक इस खोज से हैरान

इस साल पाकिस्तान में आई बाढ़ ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था. आधे से ज्यादा देश पानी में डूबा था. (फोटोः AFP)

WMO की डरावनी रिपोर्टः जलवायु परिवर्तन का भारी नुकसान झेलेगा बांग्लादेश, भारत और पाकिस्तान

Earth Will Be 40% more Hotter

WMO की चेतावनी- अगले 5 साल में धरती 40% और गर्म हो सकती है...क्या इसे तबाही कहेंगे?

गंगोत्री ग्लेशियर का निचला मुहाना जिसे लोग गौमुख के नाम से जानते हैं. यहीं से गंगा बहना शुरू करती हैं. (फोटोः गेटी)

Gangotri Glacier Melting: हमेशा ऐसे ही नहीं बहती रहेगी गंगा! तेजी से पिघल रहा गंगोत्री ग्लेशियर... स्टडी

भूकंप पर निबंध (Earthquake Essay In Hindi)

हमारी इस धरती पर कई प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं आती हैं, जिनके माध्यम से सामान्य जनजीवन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। किसी भी प्राकृतिक आपदा से कई प्रकार की हानियां होती हैं, जिनमें मुख्य रूप से भूकंप शामिल है। जो कहीं ना कहीं हमारे अंदर डर और घबराहट के भाव उत्पन्न करता है।

जब कभी खतरनाक भूकंप आता है, तो ऐसे में उनके कारणों को समझना आसान नहीं होता है। लेकिन भूकंप आने का एक विशेष कारण पृथ्वी में विभिन्न प्रकार के बने टेक्निकल प्लेट में आने वाली गति है, जिसके अंतर्गत यह टेक्निकल प्लेट आपस में टकराने लगते हैं और एक अतिरिक्त उर्जा बाहर निकलती है। जिस वजह से भूकंप की तरंगे उत्पन्न होती हैं और भूकंप का रूप लेकर त्रासदी का कारण बन जाती हैं।

आज तक दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कई प्रकार के घातक भूकंप आ चुके हैं, जिनके माध्यम से जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है। जिनमे से कुछ भूकंप के बारे में निचे दिया गया है। 

4) भारत के गुजरात में 2001 में आया भूकंप भी बहुत ही खतरनाक माना जाता है, जिसमे लगभग 200000 लोगों की मृत्यु हुई और कई हजारों लोग घर से बेघर हो गए थे।

Related Posts

इंद्रधनुष पर निबंध (rainbow essay in hindi), ओणम त्यौहार पर निबंध (onam festival essay in hindi), ध्वनि प्रदूषण पर निबंध (noise pollution essay in hindi).

HindiArise

भूकंप के कारण और प्रभाव (Earthquake: Causes and Effects)

  • भूकंप   पृथ्वी की सतह का हिलना है, जिसके परिणामस्वरूप   पृ थ्वी के  स्थलमंडल में  ऊर्जा  की अचानक रिहाई होती है  जो  भूकंपीय तरंगें पैदा करती है ।
  • भूकंप पृथ्वी की सतह परत के माध्यम से प्रसारित तरंग गति की ऊर्जा का रूप है।
  • यह फॉल्टिंग, वलन, प्लेट मूवमेंट, ज्वालामुखी विस्फोट और बांधों और जलाशयों जैसे मानवजनित कारकों के कारण हो सकता है।
  • भूकंप अब तक की सभी प्राकृतिक आपदाओं में सबसे अप्रत्याशित और अत्यधिक विनाशकारी है।
  • पृथ्वी की पपड़ी के भीतर कंपन की हल्की तरंगों के कारण होने वाले छोटे  भूकंप हर कुछ मिनटों में आते हैं, जबकि  बड़े भूकंप  आमतौर पर दोषों के साथ होने वाली हलचल के कारण होते हैं  , विशेष रूप से घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बहुत विनाशकारी हो सकते हैं।

भूकंप के अध्ययन में प्रयुक्त शब्दावली

  • भूकंप तीव्रता
  • भूकंप की तीव्रता
  • रिक्टर पैमाने
  • मर्कल्ली पैमाना
  • भूकंप का झटका
  • भूकंप-सूचक यंत्र

फोकस और उपकेंद्र (Focus and Epicenter)

  • पृथ्वी के भीतर वह बिंदु जहां भ्रंश शुरू होता है ,  फोकस  या  हाइपोसेंटर  है ।
  • सतह पर फोकस के ठीक ऊपर का बिंदु  भूकंप का केंद्र  है । भूकंप की तीव्रता भूकंप के केंद्र पर सबसे अधिक होती है और भूकंप के केंद्र से दूरी के साथ कम होती जाती है।

भूकंपीय तरंगों का फैलाव

रिक्टर पैमाने (Richter scale)

  • रिक्टर परिमाण पैमाना भूकंप से निकलने वाली  ऊर्जा की तीव्रता को मापने  का पैमाना है ।
  • यह पैमाना  चार्ल्स द्वारा तैयार किया गया था।  वर्ष 1935 में  एफ. रिक्टर ।
  • परिमाण दर्शाने वाली संख्या  0 से 9 के बीच होती है
  • एक भूकंप जो रिक्टर पैमाने पर 5.0 दर्ज करता है, उसका कंपन आयाम 4.0 दर्ज किए गए भूकंप की तुलना में 10 गुना अधिक होता है, और इस प्रकार कम तीव्रता वाले भूकंप से 31.6 गुना अधिक ऊर्जा निकलती है।

मर्कल्ली पैमाने (Mercalli scale)

  • मर्कल्ली तीव्रता पैमाना एक भूकंपीय पैमाना है जिसका उपयोग भूकंप की  तीव्रता को मापने के लिए किया जाता है।
  • यह भूकंप के प्रभावों को मापता है
  • तीव्रता दर्शाने वाली संख्या  1 से 12 के बीच होती है

भूकंपीय तरंगे (Seismic Waves)

  • भूकंपीय तरंगें पृथ्वी के भीतर  चट्टान के अचानक टूटने से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा की तरंगें हैं।
  • वे वह  ऊर्जा  हैं जो पृथ्वी के माध्यम से यात्रा करती हैं और  भूकंपमापी पर दर्ज की जाती हैं।
  • तरंगों के दो  मुख्य प्रकार हैं शरीर तरंगें और सतह तरंगें।

शरीर की तरंगें (Body waves)

  • प्राथमिक तरंगें (पी-तरंगें)
  • द्वितीयक तरंगें (एस-तरंगें)

सतही तरंगें (Surface Waves)

  • लव वेव्स (एल-वेव्स)

प्राथमिक तरंगें (अनुदैर्ध्य तरंग) Primary waves (longitudinal wave)

  • पहली प्रकार की शारीरिक तरंग  पी तरंग या प्राथमिक तरंग है।
  • यह  सबसे तेज़ प्रकार की भूकंपीय लहर  है ।
  • पी तरंग  गैसीय, ठोस चट्टान और तरल पदार्थ  , जैसे पानी या पृथ्वी की तरल परतों से होकर गुजर सकती है।
  • यह चट्टान को धकेलता और खींचता है,  यह उसी तरह आगे बढ़ता है जैसे ध्वनि तरंगें  हवा को धक्का और खींचती हैं।

पी-तरंगों

द्वितीयक तरंगें (अनुप्रस्थ तरंग) (Secondary waves (transverse wave))

  • दूसरे प्रकार की शारीरिक तरंग  S तरंग या द्वितीयक तरंग है।
  • S  तरंग, P तरंग की तुलना में धीमी होती है और केवल ठोस चट्टान के माध्यम से ही चल सकती है।
  • यह लहर चट्टान को ऊपर-नीचे, या अगल-बगल ले जाती है।
  • एस-तरंगें कुछ समय अंतराल के साथ सतह पर आती हैं।

एस-तरंगों

लव तरंगे (Love Waves)

  • पहली प्रकार की  सतह तरंग को लव वेव कहा जाता है  , जिसका नाम ब्रिटिश गणितज्ञ एईएच लव के नाम पर रखा गया है।
  • यह  सबसे तेज़ सतही तरंग है और ज़मीन को एक तरफ से दूसरी तरफ ले जाती है।

प्यार की तरंगे

रेले तरंगे (Rayleigh Waves)

  • दूसरी प्रकार की  सतही तरंग रेले तरंग है,  जिसका नाम लॉर्ड रेले के नाम पर रखा गया है।
  • रेले  लहर ज़मीन पर उसी तरह घूमती है जैसे एक लहर किसी झील या समुद्र पर घूमती है।
  • क्योंकि यह लुढ़कता है, यह जमीन को  ऊपर-नीचे और अगल-बगल  उसी दिशा में घुमाता है जिस दिशा में लहर चल रही है।
  • भूकंप से महसूस होने वाले अधिकांश झटके रेले तरंग के कारण होते हैं, जो अन्य तरंगों की तुलना में बहुत बड़ा हो सकता है।

rayleigh_wave

भूकंप की भविष्यवाणी (Earthquake Predicting)

भूकंप का वर्गीकरण (classification of earthquake).

  • आइसोस्टेटिक
  • मध्यम(0-50 किमी)
  • इंटरमीडिएट(50-250 किमी)
  • गहरा फोकस (250-700 किमी)
  • मध्यम (मृत्यु<50,oo)
  • अत्यधिक खतरनाक(51,000-1,00,00)
  • सबसे खतरनाक(>1,00,00)

भूकंपों का विश्व वितरण (World Distribution of Earthquakes)

  • विश्व में भूकंपों का वितरण ज्वालामुखियों के वितरण से बहुत मेल खाता है।
  • सबसे बड़ी भूकंपीयता वाले क्षेत्र  सर्कम-प्रशांत क्षेत्र  हैं , जिनमें भूकंप का केंद्र और ‘प्रशांत रिंग ऑफ फायर’ के साथ सबसे अधिक घटनाएं होती हैं।
  • ऐसा कहा जाता है कि  70% से अधिक भूकंप सर्कम-प्रशांत क्षेत्र में आते हैं।
  • अन्य  20% भूकंप एशिया माइनर, हिमालय और उत्तर-पश्चिम चीन के कुछ हिस्सों सहित भूमध्य-हिमालयी बेल्ट में आते हैं।
  • शेष प्लेटों के अंदरूनी हिस्सों और फैले हुए रिज केंद्रों पर होते हैं।

भूकंप के कारण (Earthquake Causes)

भूकंप मुख्यतः पृथ्वी की परत के किसी भाग में असंतुलन के कारण आते हैं।

पृथ्वी की पपड़ी में असंतुलन या आइसोस्टैटिक असंतुलन के लिए कई कारण बताए गए हैं।

(a)। प्राकृतिक कारण

  • ज्वालामुखी का विस्फोट
  • दोषयुक्त एवं मोड़ना
  • ऊपर की ओर झुकना और नीचे की ओर झुकना
  • पृथ्वी के अन्दर गैसीय विस्तार एवं संकुचन।
  • प्लेट मूवमेंट

(b)। मानव निर्मित/मानवजनित कारण

  • गहरा भूमिगत खनन
  • निर्माण प्रयोजनों के लिए डायनामाइट द्वारा चट्टान को विस्फोटित करना।
  • गहरी भूमिगत सुरंग
  • परमाणु विस्फोट
  • जलाशय प्रेरित भूकंपीयता (आरआईएस) (उदाहरण के लिए  कोयना जलाशय में आरआईएस के कारण 1967 में भूकंप आया था)
  • जलाशयों और झीलों जैसे मानव निर्मित जल निकायों का हाइड्रोस्टेटिक दबाव।

प्लेट टेक्टोनिक्स ज्वालामुखी और भूकंप की सबसे तार्किक व्याख्या प्रदान करता है।

तीन प्रकार की प्लेट सीमाएँ होती हैं जिनके साथ भूकंप आता है

प्लेट की किनारी

भारत में भूकंप संभावित क्षेत्र

  • प्रतिदिन हल्की तीव्रता का भूकंप आता है। हालाँकि, बड़े पैमाने पर विनाश का कारण बनने वाले तेज़ झटके कम आते हैं। प्लेट सीमाओं के क्षेत्रों में, विशेषकर अभिसरण सीमाओं पर, भूकंप अधिक बार आते हैं।
  • भारत में इंडियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट के अभिसरण का क्षेत्र भूकंप के प्रति अधिक संवेदनशील है। जैसे हिमालय क्षेत्र.
  • भारत का प्रायद्वीपीय भाग एक स्थिर खंड माना जाता है। हालाँकि, कभी-कभी, कुछ भूकंप छोटी प्लेटों के किनारों पर महसूस किए जाते हैं। 1967 का कोयना भूकंप और 1993 का लातूर भूकंप प्रायद्वीपीय क्षेत्रों में आए भूकंप के उदाहरण हैं।
  • भारतीय भूकंप विज्ञान  के विशेषज्ञों ने भारत को  चार भूकंपीय क्षेत्रों  जोन-II,   जोन-III  ,   जोन-IV   और   जोन-V  में विभाजित किया है । यह देखा जा सकता है कि संपूर्ण हिमालयी क्षेत्र, उत्तर-पूर्व भारत के राज्य, पश्चिमी और उत्तरी पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और गुजरात के कुछ हिस्से उच्चतम और उच्च जोखिम वाली श्रेणियों के क्षेत्र में आते हैं, जिन्हें जोन V कहा जाता है। और चतुर्थ.
  • उत्तरी मैदानी इलाकों के शेष हिस्से और पश्चिमी तटीय क्षेत्र मध्यम जोखिम वाले क्षेत्र में आते हैं और प्रायद्वीपीय क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा कम जोखिम वाले क्षेत्र में आता है।

भारत के भूकंपीय क्षेत्र

भूकंप के परिणाम

मानव जीवन और संपत्ति को नुकसान.

  • पृथ्वी की पपड़ी की ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज गति के कारण जमीन की सतह की विकृति मानव प्रतिष्ठानों और संरचनाओं को भारी क्षति और विनाश का कारण बनती है।
  • उदाहरण:- 2015 के नेपाल भूकंप का एक शहरी आपदा केस अध्ययन। यह भूकंप 7.8 तीव्रता का था और 8.2 किमी गहरा था। अनियोजित शहरी निर्माण के कारण नेपाल में आए भूकंप में भारी जनहानि हुई; ख़राब डिज़ाइन वाली इमारतें और अवैज्ञानिक रूप से डिज़ाइन की गई संरचनाएँ।
  • काठमांडू के शहरी इलाकों में भारी क्षति हुई, 8 हजार लोगों की मौत हो गई और 10 अरब अमेरिकी डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ।

भूस्खलन और हिमस्खलन

  • विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में झटके ढलान अस्थिरता और ढलान विफलता का कारण बन सकते हैं, जिससे ढलान से नीचे मलबा गिर सकता है, जिससे भूस्खलन हो सकता है।
  • भूकंप के कारण हिमस्खलन के कारण बर्फ का विशाल द्रव्यमान बर्फ से ढकी चोटियों से नीचे गिर सकता है।
  • उदाहरण:- 2015 के नेपाल भूकंप के परिणामस्वरूप माउंट एवरेस्ट शिखर पर और उसके आसपास कई हिमस्खलन हुए। 2011 के सिक्किम भूकंप के कारण भूस्खलन हुआ और जीवन और संपत्ति को गंभीर क्षति हुई, विशेषकर सिंगिक और ऊपरी तीस्ता जलविद्युत परियोजनाओं को।

पानी की बाढ़

  • भूकंप से बांधों, जलाशयों में विनाशकारी गड़बड़ी हो सकती है और अचानक बाढ़ आ सकती है। भूस्खलन और हिमस्खलन जो नदी के मार्ग को अवरुद्ध कर सकते हैं, जिससे बाढ़ आ सकती है।
  • उदाहरण:-  1950 के असम भूकंप ने  भारी मलबे के जमा होने के कारण दिहांग नदी में अवरोध पैदा कर दिया, जिससे नदी के ऊपरी हिस्से में अचानक बाढ़ आ गई।
  • सुनामी समुद्री बेसिन के विघटन और पानी की विशाल मात्रा के विस्थापन के कारण उत्पन्न होने वाली लहरें हैं। भूकंप की भूकंपीय लहरें समुद्र तल को विस्थापित कर सकती हैं और सुनामी के रूप में ऊंची समुद्री लहरें उत्पन्न कर सकती हैं।
  • उदाहरण:-  26 दिसंबर 2004 को हिंद महासागर की सुनामी सुमात्रा के तट पर आए भूकंप के कारण आई थी।  ऐसा भारतीय प्लेट के बर्मी प्लेट के नीचे दब जाने के कारण हुआ। इसने हिंद महासागर और उसके आसपास के देशों में लगभग 2.4 लाख लोगों की जान ले ली।
  • फुकुशिमा परमाणु दुर्घटना  –  2011 में जापान के बड़े तोहोकू भूकंप के  परिणामस्वरूप 10 मीटर की सुनामी लहरें उठीं, जो 9 तीव्रता के समुद्र के नीचे भूकंप के कारण हुई थी। इससे रिएक्टरों को ठंडा करने वाले आपातकालीन जनरेटर नष्ट हो गए और परमाणु पिघल गया और रेडियोधर्मी गिरावट आई। फुकुशिमा दाइची दुनिया भर में चिंता का विषय बन गया।

भूकंप प्रबंधन

भूकंप प्रबंधन आपात्कालीन स्थितियों के सभी मानवीय पहलुओं से निपटने के लिए संसाधनों और जिम्मेदारियों का संगठन और प्रबंधन है। इसका उद्देश्य खतरों के हानिकारक प्रभावों को कम करना है। भूकंप प्रबंधन में भूकंप-पूर्व जोखिम में कमी से लेकर भूकंप के बाद पुनर्प्राप्ति तक के चरण शामिल हैं।

  • जोखिम की पहचान  – कुछ क्षेत्र दूसरों की तुलना में भूकंप के प्रति अधिक संवेदनशील हैं, इसलिए जोखिम की पहचान पहला कदम है।
  • इससे आने वाली आपदाओं के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी।
  • उदाहरण:  – जापान में भूकंप पूर्व चेतावनी प्रणाली है जो इलेक्ट्रॉनिक संकेतों का उपयोग करती है जो भूकंप तरंगों की तुलना में तेजी से पहुंचते हैं।
  • संरचनात्मक समाधान  – पिछले भूकंपों से पता चलता है कि 95% से अधिक जानें उन इमारतों के ढहने के कारण हुईं जो भूकंप प्रतिरोधी नहीं थीं। लेकिन, ऐसी भूकंपरोधी इमारतों का निर्माण सामान्य इमारतों की तुलना में अधिक महंगा है। इसलिए, लागत प्रभावी समाधान भारत जैसे देश के लिए एक चुनौती बना हुआ है। भूकंपीय सुदृढ़ीकरण संरचनाओं की प्राथमिकता के माध्यम से किया जा सकता है और इसे लागू करने के लिए, संवेदनशीलता के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों के लिए भूकंप खतरा मानचित्र होना महत्वपूर्ण है।

भूकंप पूर्व चेतावनी प्रणाली

Similar Posts

भारत में यूरेनियम और थोरियम का वितरण (uranium and thorium distribution in india), मूंगा चट्टानें और मूंगा चट्टानें विरंजन (coral reefs & coral reefs bleaching), विश्व के प्रमुख पठार (major plateaus of the world), बादलों का निर्माण और बादलों के प्रकार (clouds formation & types of clouds), वायुराशि, स्रोत क्षेत्रों पर आधारित वायुराशियाँ (air mass & air masses based on source regions), भू-आकृतियाँ: पर्वतों, पठारों और मैदानों के प्रकार (landforms: types of mountains, plateaus, and plains).

guest

assignment on earthquake in hindi

45,000+ students realised their study abroad dream with us. Take the first step today

Here’s your new year gift, one app for all your, study abroad needs, start your journey, track your progress, grow with the community and so much more.

assignment on earthquake in hindi

Verification Code

An OTP has been sent to your registered mobile no. Please verify

assignment on earthquake in hindi

Thanks for your comment !

Our team will review it before it's shown to our readers.

assignment on earthquake in hindi

  • Essays in Hindi /

10 Lines On Earthquake: छात्रों के लिए भूकंप के बारे में 10 ज्ञानवर्धक लाइन और बचाव के तरीके 

' src=

  • Updated on  
  • जून 21, 2024

10 Lines On Earthquake in Hindi

धरती के भीतर प्लेटों में हुई हलचल के कारण धरती पर हुए कंपन को भूकंप कहते हैंI भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है जो धरती पर बड़े विनाश का कारण बनती हैI भूकंप का पूर्वानुमान लगाना बहुत कठिन हैI हालांकि भूकंप केवल कुछ सेकण्ड के लिए ही आता है लेकिन इतने समय में ही यह भयंकर तबाही ला सकता हैI जापान लगभग हर दिन भूकंप का सामना करता हैI यहाँ 10 Lines On Earthquake in Hindi दी जा रही हैंI इनकी मदद से स्टूडेंट्स अपना होम असाइनमेंट पूरा कर सकते हैंI 

10 Lines On Earthquake in Hindi: भूकंप के बारे में 10 लाइन 

  • धरती के हिलने को भूकंप कहते हैंI 
  • पृथ्वी के भीतर प्लेटों के आपस में टकराने से भूकंप आते हैंI 
  • भूकंप के झटके कभी कभी इतने मामूली होते हैं, कि पता भी नहीं चलतेI 
  • भूकंपरोधी मकान का निर्माण कराकर, भूकंप से होने वाले खतरों से बचा जा सकता हैI 
  • कुछ भूकंप इतने भयानक होते हैं कि वर्षों तक उनका प्रभाव दिखाई देता हैI 
  • वर्ष 2001 में गुजरात में आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई थीI 
  • कुछ भूकंप सुनामी का भी कारण बनते हैंI 
  • विश्व में सबसे अधिक भूकंप जापान देश में आते हैंI 
  • पहाड़ी क्षेत्रों में भूकंप आने की संभावना अधिक होती हैI 
  • भारत भी विश्व के भूकंप संभावित देशों में आता हैI 

यह भी पढ़ें: माउंट एवरेस्ट के बारे में 10 लाइन और 10 रोचक तथ्य 

भूकंप से बचने के 10 तरीके 

भूकंप में बारे में 10 Lines On Earthquake in Hindi के बाद अब जानिए भूकंप से बचने के 10 तरीके: 

  • भूकंप से बचने के लिए भूकंपरोधी मकान बनवाना चाहिएI 
  • भूकंप के समय किसी बेड के नीचे या मजबूत मेज के नीचे घुसकर खुद को बचाया जा सकता हैI 
  • अगर भूकंप प्रभवित क्षेत्र में रहते हैं तो अपने पास भूकंपरोधी किट तैयार रखेंI 
  • भूकंप के समय खुले स्थान पर चले जाना चाहिएI 
  • भूकंप के बाद अक्सर आग लगने का डर बना रहता हैI सोने से पहले सिलेंडर बंद करके सोएंI 
  • भूकंप के बाद बचाव दल के निर्देशों का पालन करेंI 
  • स्कूल, कॉलेज और कार्यस्थल पर लोगों को भूकंप से बचने की ट्रेनिंग देकर भूकंप से बचाव किया जा सकता हैI 
  • अगर आप भूकंप के समय घर से बाहर हैं तो बिजली के खंबों और पेड़ों से दूर रहेंI 
  • यदि आप भूकंप के समय भूकंप के समय कार चला रहे हैं तो तुरंत निकलकर बाहर आ जाएंI 
  • भूकंप के समय बड़ी बड़ी इमारतों से दूर रहेंI 

संबंधित ब्लाॅग्स

आशा है कि आपको 10 Lines On Earthquake in Hindi का यह ब्लॉग ज्ञानवर्द्धक लगा होगा। अन्य निबंध से संबंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें। 

' src=

Leverage Edu स्टडी अब्रॉड प्लेटफार्म में बतौर एसोसिएट कंटेंट राइटर के तौर पर कार्यरत हैं। अंशुल को कंटेंट राइटिंग और अनुवाद के क्षेत्र में 7 वर्ष से अधिक का अनुभव है। वह पूर्व में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए ट्रांसलेशन ऑफिसर के पद पर कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने Testbook और Edubridge जैसे एजुकेशनल संस्थानों के लिए फ्रीलांसर के तौर पर कंटेंट राइटिंग और अनुवाद कार्य भी किया है। उन्होंने डॉ भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी, आगरा से हिंदी में एमए और केंद्रीय हिंदी संस्थान, नई दिल्ली से ट्रांसलेशन स्टडीज़ में पीजी डिप्लोमा किया है। Leverage Edu में काम करते हुए अंशुल ने UPSC और NEET जैसे एग्जाम अपडेट्स पर काम किया है। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न कोर्सेज से सम्बंधित ब्लॉग्स भी लिखे हैं।

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

अगली बार जब मैं टिप्पणी करूँ, तो इस ब्राउज़र में मेरा नाम, ईमेल और वेबसाइट सहेजें।

Contact no. *

browse success stories

Leaving already?

8 Universities with higher ROI than IITs and IIMs

Grab this one-time opportunity to download this ebook

Connect With Us

45,000+ students realised their study abroad dream with us. take the first step today..

assignment on earthquake in hindi

Resend OTP in

assignment on earthquake in hindi

Need help with?

Study abroad.

UK, Canada, US & More

IELTS, GRE, GMAT & More

Scholarship, Loans & Forex

Country Preference

New Zealand

Which English test are you planning to take?

Which academic test are you planning to take.

Not Sure yet

When are you planning to take the exam?

Already booked my exam slot

Within 2 Months

Want to learn about the test

Which Degree do you wish to pursue?

When do you want to start studying abroad.

September 2024

January 2025

What is your budget to study abroad?

assignment on earthquake in hindi

How would you describe this article ?

Please rate this article

We would like to hear more.

Drishti IAS

  • मासिक मैगज़ीन
  • इंटरव्यू गाइडेंस
  • ऑनलाइन कोर्स
  • कक्षा कार्यक्रम
  • दृष्टि वेब स्टोर
  • नोट्स की सूची
  • नोट्स बनाएँ
  • माय प्रोफाइल
  • माय बुकमार्क्स
  • माय प्रोग्रेस
  • पासवर्ड बदलें
  • संपादक की कलम से
  • नई वेबसाइट का लाभ कैसे उठाए?
  • डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम
  • बिगनर्स के लिये सुझाव

एचीवर्स कॉर्नर

  • टॉपर्स कॉपी
  • टॉपर्स इंटरव्यू

हमारे बारे में

  • सामान्य परिचय
  • 'दृष्टि द विज़न' संस्थान
  • दृष्टि पब्लिकेशन
  • दृष्टि मीडिया
  • प्रबंध निदेशक
  • इंफ्रास्ट्रक्चर
  • प्रारंभिक परीक्षा
  • प्रिलिम्स विश्लेषण
  • 60 Steps To Prelims
  • प्रिलिम्स रिफ्रेशर प्रोग्राम 2020
  • डेली एडिटोरियल टेस्ट
  • डेली करेंट टेस्ट
  • साप्ताहिक रिवीज़न
  • एन. सी. ई. आर. टी. टेस्ट
  • आर्थिक सर्वेक्षण टेस्ट
  • सीसैट टेस्ट
  • सामान्य अध्ययन टेस्ट
  • योजना एवं कुरुक्षेत्र टेस्ट
  • डाउन टू अर्थ टेस्ट
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी टेस्ट
  • सामान्य अध्ययन (प्रारंभिक परीक्षा)
  • सीसैट (प्रारंभिक परीक्षा)
  • मुख्य परीक्षा (वर्षवार)
  • मुख्य परीक्षा (विषयानुसार)
  • 2018 प्रारंभिक परीक्षा
  • टेस्ट सीरीज़ के लिये नामांकन
  • फ्री मॉक टेस्ट
  • मुख्य परीक्षा
  • मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न
  • निबंध उपयोगी उद्धरण
  • टॉपर्स के निबंध
  • साप्ताहिक निबंध प्रतियोगिता
  • सामान्य अध्ययन
  • हिंदी साहित्य
  • दर्शनशास्त्र
  • हिंदी अनिवार्य
  • Be Mains Ready
  • 'AWAKE' : मुख्य परीक्षा-2020
  • ऑल इंडिया टेस्ट सीरीज़ (यू.पी.एस.सी.)
  • मेन्स टेस्ट सीरीज़ (यू.पी.)
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्य प्रदेश

टेस्ट सीरीज़

  • UPSC प्रिलिम्स टेस्ट सीरीज़
  • UPSC मेन्स टेस्ट सीरीज़
  • UPPCS प्रिलिम्स टेस्ट सीरीज़
  • UPPCS मेन्स टेस्ट सीरीज़

करेंट अफेयर्स

  • डेली न्यूज़, एडिटोरियल और प्रिलिम्स फैक्ट
  • डेली अपडेट्स के लिये सबस्क्राइब करें
  • संसद टीवी संवाद
  • आर्थिक सर्वेक्षण

दृष्टि स्पेशल्स

  • चर्चित मुद्दे
  • महत्त्वपूर्ण संस्थान/संगठन
  • मैप के माध्यम से अध्ययन
  • महत्त्वपूर्ण रिपोर्ट्स की जिस्ट
  • पीआरएस कैप्सूल्स
  • एनसीईआरटी बुक्स
  • एनआईओएस स्टडी मैटिरियल
  • इग्नू स्टडी मैटिरियल
  • योजना और कुरुक्षेत्र
  • इन्फोग्राफिक्स
  • मासिक करेंट अपडेट्स संग्रह

वीडियो सेक्शन

  • मेन्स (जी.एस.) डिस्कशन
  • मेन्स (ओप्शनल) डिस्कशन
  • करेंट न्यूज़ बुलेटिन
  • मॉक इंटरव्यू
  • टॉपर्स व्यू
  • सरकारी योजनाएँ
  • ऑडियो आर्टिकल्स
  • उत्तर लेखन की रणनीति
  • कॉन्सेप्ट टॉक : डॉ. विकास दिव्यकीर्ति
  • दृष्टि आईएएस के बारे में जानें

सिविल सेवा परीक्षा

  • परीक्षा का प्रारूप
  • सिविल सेवा ही क्यों?
  • सिविल सेवा परीक्षा के विषय में मिथक
  • वैकल्पिक विषय
  • परीक्षा विज्ञप्ति

Make Your Note

  • 26 Nov 2021
  • सामान्य अध्ययन-I
  • भौतिक भूगोल
  • आपदा प्रबंधन

भूकंप, सिस्मोग्राफ, अधिकेंद्र, परिधि-प्रशांत भूकंपीय पेटी

भूकंप के प्रकार एवं उनका वितरण

चर्चा में क्यों?

हाल ही में म्याँमार-भारत सीमा क्षेत्र में 6.1 तीव्रता का एक सतही और शक्तिशाली भूकंप आया।

प्रमुख बिंदु

  • साधारण शब्दों में भूकंप का अर्थ पृथ्वी की कंपन से होता है। यह एक प्राकृतिक घटना है, जिसमें पृथ्वी के अंदर से ऊर्जा के निकलने के कारण तरंगें उत्पन्न होती हैं जो सभी दिशाओं में फैलकर पृथ्वी को कंपित करती हैं।
  • भूकंप से उत्पन्न तरगों को भूकंपीय तरगें कहा जाता है, जो पृथ्वी की सतह पर गति करती हैं तथा इन्हें ‘सिस्मोग्राफ’ (Seismographs) से मापा जाता है।
  • पृथ्वी की सतह के नीचे का स्थान जहाँ भूकंप का केंद्र स्थित होता है, हाइपोसेंटर  (Hypocenter) कहलाता है और पृथ्वी की सतह के ऊपर स्थित वह स्थान जहाँ भूकंपीय तरगें सबसे पहले पहुँचती है अधिकेंद्र (Epicenter) कहलाता है।
  • भूकंप के प्रकार: फाल्ट ज़ोन, विवर्तनिक भूकंप, ज्वालामुखी भूकंप, मानव प्रेरित भूकंप।
  • यह पेटी विवर्तनिक प्लेटों की सीमाओं में मौजूद है, जहाँ अधिकतर समुद्री क्रस्ट की प्लेटें दूसरी प्लेट के नीचे डूब रही हैं। इन ‘सबडक्शन ज़ोन’ में भूकंप, प्लेटों के बीच फिसलन और प्लेटों के भीतर से टूटने के कारण आता है।
  • यह बेल्ट दुनिया के सबसे बड़े भूकंपों का लगभग 17% हिस्सा है, जिसमें कुछ सबसे विनाशकारी भी शामिल हैं।
  • मध्य अटलांटिक रिज का अधिकांश भाग गहरे पानी के भीतर है और मानव हस्तक्षेप से बहुत दूर है।

भारत में भूकंप जोखिम मानचित्रण: 

  • तकनीकी रूप से सक्रिय वलित हिमालय पहाड़ों की उपस्थिति के कारण भारत भूकंप प्रभावित देशों में से एक है।
  • अतीत में आए भूकंप तथा विवर्तनिक झटकों के आधार पर भारत को चार भूकंपीय क्षेत्रों (II, III, IV और V) में विभाजित किया गया है।
  • BIS भूकंपीय खतरे के नक्शे और कोड को प्रकाशित करने हेतु एक आधिकारिक एजेंसी है।

Seismic-Zone-Map-drishtiias_hindi

  • मामूली क्षति वाला भूकंपीय ज़ोन, जहाँ तीव्रता MM (संशोधित मरकली तीव्रता पैमाना) के पैमाने पर V से VI तक होती है।
  • MM पैमाने की तीव्रता VII के अनुरूप मध्यम क्षति वाला ज़ोन।
  • MM पैमाने की तीव्रता VII के अनुरूप अधिक क्षति वाला ज़ोन।
  • यह क्षेत्र फाॅल्ट प्रणालियों की उपस्थिति के कारण भूकंपीय रूप से सर्वाधिक सक्रिय होता है।
  • भूकंपीय ज़ोन V भूकंप के लिये सबसे अधिक संवेदनशील क्षेत्र है, जहाँ ऐतिहासिक रूप से देश में भूकंप के कुछ सबसे तीव्र झटके देखे गए हैं।
  • इन क्षेत्रों में 7.0 से अधिक तीव्रता वाले भूकंप देखे गए हैं और यह IX की तुलना में अधिक तीव्र होते हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

assignment on earthquake in hindi

Guruji Portal: Hindi Notes| Free Exam Notes |GS Notes| Quiz| Books and lots more

  • Civil Services
  • शिक्षक भर्ती
  • _CURRENT AFFAIRS
  • _General Knowledge
  • _General Studies
  • _G.K. TRICK
  • विज्ञान

Earthquake Handwriting notes: भूकंप पर आधारित हस्तलिखित नोट्स

assignment on earthquake in hindi

Join Whatsapp

WhatsApp Group Join

Guruji Tips
  • Ancient History
  • Child Development and Pedagogy
  • Current Affairs
  • Current affairs Quiz
  • English Grammar
  • Environment
  • Environmental Studies
  • Important Plans
  • Indian Economy
  • Indian Polity
  • International relations
  • medieval History
  • Modern History
  • ONLINE BOOKS
  • Organizations
  • QUESTION PAPER
  • Question Papers
  • Science and Technology
  • Strategy and Guidance
  • Study Notes
  • TEACHERS BHARTI

Popular Posts

' border=

  • 🏆भारत रत्न 🏆 2024 में 5 लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा

' border=

  • 📚 इतिहास की प्रमुख घटनाएँ 📚
  • Indian History Questions : भारतीय इतिहास की प्रमुख तारीख एवं वर्ष, जो अक्सर किसी भी एग्जाम में पूछ लिए जाते हैं

' border=

शिक्षक भर्ती नोट्स

General knowledge, general studies.

  • IND vs BAN T20 Playing 11
  • Vikrant Massey
  • IND vs BAN Weather Report
  • Pune Porsche Case
  • 'सपने में भगवान ने बताया'

Earthquake in khandwa: खंडवा में महसूस हुए भूकंप के झटके, 3.6 रिक्टर तीव्रता आंकी गई; 10 किमी दूर रहा केंद्र

Earthquake in khandwa:  खंडवा जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। झटकों से डरकर लोग घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, किसी प्रकार के नुकसान की जानकारी सामने नहीं आई है।.

Earthquake in khandwa: Earthquake tremors felt in Khandwa, intensity measured at 3.6

Link Copied

विस्तार .vistaar {display: flex; flex-direction: row; justify-content: space-between; align-items: center;} .vistaar .followGoogleNews {display:flex;align-items:center;justify-content:center;font-size:14px;line-height:15px;color:#424242; padding:3px 7px 3px 12px;border:1px solid #D2D2D2;border-radius:50px} .vistaar .followGoogleNews a {display:inline-flex;justify-content:center;align-items:center} .vistaar .followGoogleNews span{margin:0 5px} @media only screen and (max-width:320px){ .vistaar .followGoogleNews {font-size:11px;padding:3px 2px 3px 7px} } Follow Us

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App , iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi .

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Please wait...

अपना शहर चुनें

user image

Today's e-Paper

News from indian states.

  • Uttar Pradesh News
  • Himachal Pradesh News
  • Uttarakhand News
  • Haryana News
  • Jammu And Kashmir News
  • Rajasthan News
  • Jharkhand News
  • Chhattisgarh News
  • Gujarat News
  • Health News
  • Fitness News
  • Fashion News
  • Spirituality
  • Daily Horoscope
  • Astrology Predictions
  • Astrologers
  • Astrology Services
  • Age Calculator
  • BMI Calculator
  • Income Tax Calculator
  • Personal Loan EMI Calculator
  • Car Loan EMI Calculator
  • Home Loan EMI Calculator

Entertainment News

  • Bollywood News
  • Hollywood News
  • Movie Reviews
  • Photo Gallery
  • Hindi Jokes

Sports News

  • Cricket News
  • Live Cricket Score

Latest News

  • Technology News
  • Car Reviews
  • Mobile Apps
  • Sarkari Naukri
  • Sarkari Result
  • Career Plus
  • Business News
  • Europe News

Trending News

  • UP Board Result
  • HP Board Result
  • UK Board Result
  • Utility News
  • Bizarre News
  • Special Stories

epaper_image

Other Properties:

  • My Result Plus
  • SSC Coaching
  • Gaon Junction
  • Advertise with us
  • Cookies Policy
  • Terms and Conditions
  • Products and Services
  • Code of Ethics

Delete All Cookies

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल एप पर उपलब्ध है

अमर उजाला एप इंस्टॉल कर रजिस्टर करें और 100 कॉइन्स पाएं, केवल नए रजिस्ट्रेशन पर, अब मिलेगी लेटेस्ट, ट्रेंडिंग और ब्रेकिंग न्यूज आपके व्हाट्सएप पर.

Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

assignment on earthquake in hindi

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

  • Earth Science

Protection Against Earthquake

Earthquakes are highly destructive natural disasters, leading to significant loss of life and extensive damage to property on a global scale each year. In response, the disaster management committee has implemented various safety measures to minimize the devastating effects of these catastrophic events. Developing effective strategies and promoting disaster management awareness is paramount in mitigating the impact of earthquakes and ensuring our safety. This article aims to provide a comprehensive understanding of earthquakes, including their causes and effects, along with detailed instructions on how to respond during and after an earthquake.

What is an Earthquake?

An earthquake refers to the shaking of the earth’s surface caused by a sudden release of energy within the earth’s crust. This release of energy generates seismic waves, commonly known as S waves. The intensity and characteristics of an earthquake are determined by the seismic activities occurring in a specific region.

Earthquake

During an earthquake, the stored energy accumulated within the earth’s crust is suddenly released, leading to the rapid movement and displacement of rock masses along fault lines. This movement produces vibrations that propagate through the earth in the form of seismic waves. The two primary types of seismic waves are S (secondary) and P (primary) waves .

S waves, also called shear waves, travel through the earth by causing particles to move perpendicular to the direction of wave propagation. These waves are responsible for the side-to-side shaking motion experienced during an earthquake. On the other hand, P waves, or compression waves, cause particles to move in the same direction as the wave propagation. P waves are the first detected during an earthquake and are responsible for the initial abrupt jolts.

Understanding the nature of earthquakes and the behaviour of seismic waves is crucial for assessing the potential risks associated with these natural disasters. It enables scientists and experts to study seismic patterns, develop early warning systems, establish building codes for earthquake-resistant structures and educate communities on preparedness and response measures.

What Causes an Earthquake?

Earthquakes occur due to sudden tectonic movements within the Earth’s crust. The Earth’s crust is divided into large sections called tectonic plates , which float on the semi-fluid layer known as the asthenosphere. These plates are constantly in motion, albeit very slowly.

When two tectonic plates interact, various types of boundaries can form, such as convergent and divergent and transform boundaries. The most powerful and destructive earthquakes typically occur at convergent boundaries, where two plates collide or slide past each other.

At a convergent boundary, one tectonic plate may be forced beneath another in a process called subduction. As the plates collide or slide past each other, immense pressure and friction build-up. Eventually, the stress becomes too great, causing the rocks along the plate boundaries to break and slip. This sudden release of stored energy generates seismic waves, resulting in an earthquake.

Convergent Boundary

In addition to tectonic movements, other geological activities can also trigger earthquakes. Volcanic activity, for instance, can cause earthquakes when magma rises through the Earth’s crust, creating pressure and fracturing the rocks around the volcano. The disturbances caused by these movements and ruptures within the Earth’s crust generate vibrations that propagate in all directions, shaking the ground. These vibrations are the seismic waves that travel through the Earth and are detected by seismographs.

It’s important to note that the build-up of stress and the subsequent release of energy in the form of shock waves are the fundamental mechanisms behind earthquakes. The magnitude or strength of an earthquake is determined by the amount of energy released during this process.

Delve Deeper into the Causes of Earthquakes

We present to you an insightful video that explores the fascinating mechanisms behind seismic activity. By watching this video, you’ll gain a deeper understanding of how earthquakes are caused and the factors that contribute to their occurrence.

assignment on earthquake in hindi

What to do During an Earthquake?

When it comes to earthquakes, being prepared can make all the difference. Here are some essential steps to take before the disaster strikes:

Before the Earthquake

precautions to take before the earthquake

  • Make Connections Flexible

Ensure that gas lines and appliances are properly installed with flexible connections. This helps prevent gas leaks and reduces the risk of fire hazards during an earthquake.

  • Create an Earthquake Readiness Plan

Develop a well-thought-out plan that includes identifying a shelter area in your home. Stock up on essential supplies such as canned food, a well-stocked first aid kit, ample water, dust masks, goggles, firefighting equipment, a flashlight and a working battery-operated radio. These provisions will prove invaluable in the event of an earthquake.

  • Consult Architects and Structural Engineers

Building sturdy structures is vital for minimizing earthquake damage and ensuring the safety of occupants. If you reside in an earthquake-prone area, it’s crucial to consult with architects and structural engineers before constructing buildings. They can guide you in implementing the necessary measures and adhering to regulations set by the disaster management committee.

  • Spread Awareness

Share the knowledge and importance of earthquake preparedness with your friends and family. By educating those around you, you contribute to creating a safer community.

During the Earthquake

precautions to take during the earthquake

When an earthquake strikes, quick thinking and appropriate actions can save lives. Here are some important guidelines to follow:

  • Stay Indoors

Remain indoors until the shaking stops and it is officially announced that it is safe to exit. Taking cover beneath a sturdy table or bed can provide vital protection against falling objects.

  • Avoid Hazardous Areas

Steer clear of bookcases, heavy furniture and appliances that may topple over during the earthquake. Your safety should always be the top priority.

  • Find a Safe Spot

Seek shelter under a sturdy piece of furniture, such as a table or bed. Hold on to a post or any other fixture to maintain stability and minimize the risk of injury.

  • If Outdoors, Move to an Open Area

If you are outside when the earthquake occurs, find a clear spot away from buildings, trees and power lines. These objects pose a significant danger during seismic activity.

After the Earthquake

precautions to take after the earthquake

Once the earthquake subsides, it’s important to proceed with caution and take the following measures:

  • Administer First Aid

Attend to individuals with minor injuries using first aid kits. For those with more severe injuries, it’s essential to wait for professional medical help and avoid moving them until it is safe.

  • CPR and Rescue Breathing

If someone is not breathing, administer rescue breathing. If the person has no pulse, perform CPR (cardiopulmonary resuscitation) until medical assistance arrives.

  • Be Mindful of Hazards

Attend any tumbling shelves or falling items and be cautious around damaged walls made of bricks or other unstable materials. Your safety should be a priority.

  • Check Gas and Power Connections

Inspect gas valves for leaks and turn off the main power switch if damage is possible. Unplug broken appliances until they can be properly repaired.

  • Stay Clear of Power Lines

Keep a safe distance from downed power lines and any objects or appliances in contact with them. Electricity poses a significant risk, so exercise caution.

By following these guidelines, you can ensure your safety and the well-being of those around you during and after an earthquake. Remember, preparedness and knowledge are key to effectively managing these natural disasters. Stay informed and stay safe!

Enhancing Preparedness with Disaster Management

In times of uncertainty, being equipped with the knowledge and strategies to navigate through natural disasters is crucial. In this section, we present an insightful video that sheds light on the broader concept of disaster management and its significance during both predicted and unpredictable calamities.

assignment on earthquake in hindi

What are the Effects of an Earthquake?

Earthquake

Earthquakes can have a wide range of effects, varying in severity depending on factors such as the quake’s magnitude, the depth of its epicentre and the local geology. Here are some of the primary effects caused by earthquakes:

  • Ground Shaking: When an earthquake occurs, the release of energy creates seismic waves that cause the ground to shake. The intensity of the shaking can vary depending on factors such as the magnitude of the earthquake, the distance from the epicentre and the local geology. Areas closer to the epicentre usually experience more intense shaking, which can significantly damage structures and infrastructure.
  • Damage to Man-Made Structures: One of the most noticeable effects of an earthquake is the damage it can cause to buildings, bridges, roads and other man-made structures. The shaking can lead to structural failure, collapse and extensive damage, especially if the buildings are not designed or constructed to withstand seismic activity. The severity of the damage depends on factors such as the quality of construction, adherence to building codes and proximity to the epicentre.
  • Fires and Hazardous Chemical Spills: Earthquakes can trigger secondary hazards, such as fires and hazardous material spills. The violent shaking can rupture gas pipelines, damage electrical systems and disrupt infrastructure, leading to the ignition of fires. Additionally, earthquakes can cause the release of hazardous chemicals stored in industrial facilities, posing risks to human health and the environment. These secondary effects can further exacerbate the impact of an earthquake and complicate rescue and recovery efforts.
  • Landslides and Avalanches: In areas with steep slopes or unstable terrain, earthquakes can trigger landslides and avalanches. The shaking can destabilize slopes, causing rocks, soil and debris to slide downhill. Landslides can damage structures, block roads and even bury entire communities, leading to additional casualties and hindering rescue and relief operations access.
  • Tsunamis: Underwater earthquakes can generate tsunamis, particularly those occurring along tectonic plate boundaries. These massive ocean waves can travel long distances, reaching coastal areas and causing devastating flooding. Tsunamis pose a significant threat to coastal communities and can result in widespread destruction and loss of life.

Understanding the potential effects of earthquakes is crucial for implementing appropriate mitigation measures and developing effective disaster response plans. It is important to note that these are just some of the effects that earthquakes can have. The severity and extent of these effects depend on various factors, including the earthquake’s characteristics, the impacted area’s location and the affected communities’ preparedness and resilience.

Understanding Seismograph and the Richter scale

A seismograph and the Richter scale are essential tools used in seismology to understand and characterise earthquakes. While they are related to each other, they serve different purposes. Here’s an elaboration on the difference between a seismograph and the richter scale.

Seismograph

Seismograph

  • A seismograph is a device used to measure and record the vibrations or ground motions caused by earthquakes. 
  • It consists of a ground motion sensor, typically a mass attached to a fixed base and a recording system that captures the movements detected by the sensor. 
  • Seismographs are essential in monitoring seismic activity, as they provide valuable data about the intensity, duration and frequency of ground shaking. 
  • By analyzing the recorded seismograms, scientists can determine various characteristics of an earthquake, such as its magnitude, location and focal depth.
  • Seismographs also detect other seismic events, such as volcanic eruptions and underground explosions.

Richter scale

  • The Richter scale, developed by Charles F. Richter in the 1930s, is a numerical scale used to quantify the magnitude or strength of an earthquake.
  •  It measures the energy released during an earthquake by analyzing the amplitude of seismic waves recorded on seismographs. 
  • The Richter scale is logarithmic, meaning that each whole number increase on the scale corresponds to a tenfold increase in the amplitude of the seismic waves and approximately 31.6 times more energy released. For example, a magnitude six earthquake releases about 31.6 times more energy than a magnitude five earthquake. 
  • The Richter scale provides a standardized measurement for consistent comparison of worldwide earthquake magnitudes.

Difference Between Seismograph and Richter scale

Used for measuring and recording the vibrations of earthquakes 

Used for indicating the intensity of an earthquake

Used for measuring the motions related to the ground, like seismic waves resulting in earthquake and volcanic eruptions

Used for quantifying the energy that is released during an earthquake

In summary, a seismograph is a device used to measure and record the ground motions caused by earthquakes. The Seismograph provides the data necessary to calculate the magnitude of an earthquake, which is then represented on the Richter scale. At the same time, the Richter scale is a numerical scale used to quantify the energy released during an earthquake. Together, these tools help seismologists and scientists better understand and characterise seismic events, enabling them to assess the impact and potential hazards associated with earthquakes.

Frequently Asked Questions – FAQs

What is an earthquake.

An earthquake is shaking the Earth’s surface caused by a sudden release of energy within the Earth’s crust. It generates seismic waves, commonly known as S waves, and its intensity and characteristics are determined by the seismic activities occurring in a specific region.

What causes an earthquake?

Earthquakes occur due to sudden tectonic movements within the Earth’s crust. These movements result from interactions between tectonic plates, large sections of the Earth’s crust that float on the semi-fluid layer known as the asthenosphere. When stress along plate boundaries becomes too great, rocks along the boundaries break and slip, releasing stored energy and generating seismic waves.

What should I do during an earthquake?

It is important to take appropriate actions during an earthquake to ensure safety. Some key steps to follow include staying indoors, taking cover under a sturdy piece of furniture, avoiding hazardous areas, and, if outdoors, moving to an open area away from buildings, trees and power lines.

What should I do before an earthquake?

What are the effects of an earthquake.

Earthquakes can have various effects, including ground shaking, damage to man-made structures, fires and hazardous chemical spills, landslides and avalanches and the generation of tsunamis in coastal areas. The severity of these effects depends on factors such as the earthquake’s magnitude, depth and local geology.

What is the difference between a seismograph and the Richter scale?

A seismograph is a device used to measure and record the vibrations or ground motions caused by earthquakes. It provides the data necessary to calculate the magnitude of an earthquake. On the other hand, the Richter scale is a numerical scale used to quantify the energy released during an earthquake. It provides a standardized measurement for comparing earthquake magnitudes worldwide.

Related Topics and Educational Videos

In addition to understanding earthquakes and their impact, exploring related topics that contribute to a comprehensive understanding of natural disasters and their effects is valuable. The following collection of educational videos offers insights into various topics, including volcanic eruptions, drought and famine, types of disasters, landslides and cyclones. By watching these videos, you can broaden your knowledge and understand the interconnectedness of Earth’s natural processes.

Types of Disasters Video

assignment on earthquake in hindi

Natural and Man-made Disasters

assignment on earthquake in hindi

How do Volcanoes Erupt?

assignment on earthquake in hindi

What causes Drought and Famine?

assignment on earthquake in hindi

What causes Landslides?

assignment on earthquake in hindi

What causes cyclones?

assignment on earthquake in hindi

Stay tuned to BYJU’S and Fall in Love with Learning !

Quiz Image

Put your understanding of this concept to test by answering a few MCQs. Click ‘Start Quiz’ to begin!

Select the correct answer and click on the “Finish” button Check your score and answers at the end of the quiz

Visit BYJU’S for all Physics related queries and study materials

Your result is as below

Request OTP on Voice Call

PHYSICS Related Links

Leave a Comment Cancel reply

Your Mobile number and Email id will not be published. Required fields are marked *

Post My Comment

assignment on earthquake in hindi

Very good article

thank u for info it helped me for my project work #thanks

The definitions are very good and useful.

Yes I also like it because it help me in project………..

Thank you for this amazing article.

Nice,I like the byjus app

The definitions really helped me Thanks 😊👍

i got a birilliant idea from this content ! thnx for such content !

nice information

The content written here is quite and very good ☺️👍 appreciated

Nice answer

very good , it helped in my project alot

It’s really nice 🙂

assignment on earthquake in hindi

Register with BYJU'S & Download Free PDFs

Register with byju's & watch live videos.

IMAGES

  1. Hindi Essay on 'Earthquake'

    assignment on earthquake in hindi

  2. भूकंप पर निबंध

    assignment on earthquake in hindi

  3. Essay on Earthquake in hindi

    assignment on earthquake in hindi

  4. Hindi essay on earthquake

    assignment on earthquake in hindi

  5. Essay On Earthquake A Natural Disaster In Hindi

    assignment on earthquake in hindi

  6. Essay On Earthquake A Natural Disaster In Hindi

    assignment on earthquake in hindi

VIDEO

  1. Geomorphic Processes I Class 32 I Geography l StudyIQ IAS Hindi

  2. Why Earthquakes Happen

  3. NDMA INDIA Earthquake (Dost Appu

  4. भूकंप : एक प्राकृतिक आपदा पर हिंदी में निबंध लिखिए

  5. Causes of Earthquake I Class 27 I Geography l StudyIQ IAS Hindi

  6. What is Earthquake in Hindi With PPT Presentation: Cause, Types and Effects

COMMENTS

  1. भूकंप पर निबंध Essay on Earthquake in Hindi (1000 Words)

    प्रस्तावना (भूकंप पर निबंध Essay on Earthquake in Hindi) प्रकृति समय-समय पर स्वयं में परिवर्तन करती रहती है। जिसे हम भूकंप, बाढ़ तथा चक्रवात के रूप में ...

  2. भूंकप पर निबंध

    Essay on Earthquake. भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है, जो कि जीव-जन्तु, जलवायु, पेड़-पौधे, वनस्पति, पर्यावरण समेत समस्त मानव जीवन के लिए किसी बड़े संकट से कम नहीं है ...

  3. भूकंप पर निबंध

    उपसंहार (Conclusion) दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा लेख भूकंप पर निबंध (Essay on Earthquake in Hindi) पढ़ कर अच्छा लगा होगा और आपके सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होगें।

  4. भूकंप पर निबंध

    भूकंप पर 100 शब्दों का निबंध (100 Words Essay on Earthquake in Hindi) भूकंप दुनिया में कहीं भी आ सकते हैं, और हालांकि उनकी घटना का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है ...

  5. Earthquake

    [प्राकृतिक आपदा] भूकंप (Earthquake) पर छोटे व बड़े निबंध [Long & Short essay Writing on Earthquake in Hindi] [प्राकृतिक आपदा] भूकंप (Earthquake) पृथ्वी की सतह के हिलने और कांपने को भूकंप के रूप में जाना ...

  6. Essay on Earthquake in Hindi भूकंप पर निबंध

    भूकंप पर निबंध (Bhukamp Essay in Hindi). Students will find long and short essay on earthquake in Hindi along with a paragraph on earthquake in Hindi. You will also find effects of earthquake in Hindi and earthquake conclusion essay in Hindi. Essay on earthquake in Hindi for class 10, 9, 8, 7, 6, 5, 4, 3. Now you can ...

  7. भूकंप पर निबंध

    August 31, 2020 by admin. हेलो दोस्तों, में आज आपके लिए लेकर आया हूँ भूकंप पर निबंध (Short and long essay on earthquake in Hindi). मनुष्य पृथ्वी पर कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना ...

  8. भूकंप के बारे में जानिए सब कुछ, क्या, क्यों और कैसे?

    भूकंप पर निबंध हिंदी में | Essay on earthquake in hindi. पृथ्वी के भूपटल में उत्पन्न तनाव का, उसकी सतह पर अचानक मुक्त होने के कारण पृथ्वी की सतह का हिलना या कांपना, भूकंप ...

  9. Earthquake In Hindi

    भूकंप के कारण (Causes of Earthquake in Hindi) भूकंप पृथ्वी की पपड़ी (Earth's crust) के भीतर अचानक टेक्टोनिक गतिविधि का परिणाम है, जो मुख्य रूप से टेक्टोनिक ...

  10. भूकंप पर निबंध

    भूकंप पर निबंध | Essay on Earthquake in Hindi! Essay # 1. भूकम्प का प्रारम्भ (Origin of Earthquake): भूकम्प भू-पृष्ठ पर होने वाला आकस्मिक कंपन है जो भूगर्भ में चट्‌टानों के लचीलेपन या ...

  11. भूकंप पर अनुच्छेद

    भूकंप पर अनुच्छेद | Paragraph on Earthquake in Hindi! धरती के अचानक हिलने की घटना भूकंप कहलती है । जब पृथवि के आंतरिक गर्म पदार्थों के कारण हलचल उत्पन्न होती है तो भूकंप की ...

  12. Earthquake Explained: क्या होता है भूकंप, कैसे आता है... क्या फायदे

    तीसरा होता है कोलैप्स अर्थक्वेक (Collapse Earthquake) यानी छोटे भूकंप के झटके जो जमीन के अंदर मौजूद गुफाओं और सुरंगों के टूटने से बनते हैं.

  13. भूकंप पर निबंध (Earthquake Essay In Hindi Language)

    भूकंप पर निबंध (Earthquake Essay In Hindi) प्रस्तावना. हमारी इस धरती पर कई प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं आती हैं, जिनके माध्यम से सामान्य जनजीवन को काफी परेशानी का सामना ...

  14. भूकंप पर निबंध 10 लाइन

    An earthquake is a natural dis... This video is about 10 lines essay on "bhukamp" or earthquake in Hindi. All these lines are very easy to write and understand.

  15. भूकंप के कारण और प्रभाव (Earthquake: Causes and Effects)

    भूकंप के कारण (Earthquake Causes) भूकंप मुख्यतः पृथ्वी की परत के किसी भाग में असंतुलन के कारण आते हैं।. पृथ्वी की पपड़ी में असंतुलन या ...

  16. भूकंप और ज्वालामुखी क्या है

    भूकंप और ज्वालामुखी (Earthquakes and Volcanoes in Hindi) दो प्राकृतिक घटनाएँ हैं जिनका पृथ्वी की सतह और इसके निवासियों पर भारी प्रभाव पड़ सकता है। ज्वालामुखी (Earthquakes in Hindi ...

  17. भूकम्प

    भूकम्प की सूची (List of earthquakes) १९०० के बाद से घटक भूकम्पों की सूची. (List of all deadly earthquakes since 1900) भूकम्प से मरने वालों की संख्या की सूची (List of earthquakes by death toll)

  18. 10 Lines On Earthquake in Hindi: भूकंप के ...

    भूकंप में बारे में 10 Lines On Earthquake in Hindi के बाद अब जानिए भूकंप से बचने के 10 तरीके: भूकंप से बचने के लिए भूकंपरोधी मकान बनवाना चाहिएI ;

  19. An Essay on Earthquake : भूकंप पर हिन्दी निबन्ध

    An Essay on Earthquake : भूकंप पर हिन्दी निबन्ध. निबंध हिंदी में हो या अंग्रेजी में , निबंध लिखने का एक खास तरीका होता है। हर निबंध को कुछ बिंदुओं (Points ) पर आधारित कर लिखा ...

  20. भूकंप

    भूकंप: साधारण शब्दों में भूकंप का अर्थ पृथ्वी की कंपन से होता है। यह एक प्राकृतिक घटना है, जिसमें पृथ्वी के अंदर से ऊर्जा के निकलने के ...

  21. Earthquake Handwriting notes: भूकंप पर आधारित हस्तलिखित नोट्स

    Earthquake Handwriting notes: दोस्तों आज हम आपसे भूकंप पर आधारित हस्तलिखित नोट्स साझा करने जा रहे हैं, यह परीक्षा की द्रष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है, यह आगामी UPSC, UPSC, CTET, TET, SSC ...

  22. Earthquake In Khandwa: Earthquake Tremors Felt In Khandwa, Intensity

    Earthquake in khandwa: खंडवा जिले में भूकंप के झटके महसूस ...

  23. Earthquake

    Earthquakes can have various effects, including ground shaking, damage to man-made structures, fires and hazardous chemical spills, landslides and avalanches and the generation of tsunamis in coastal areas. The severity of these effects depends on factors such as the earthquake's magnitude, depth and local geology. Q6.

  24. Short Essay On Earthquake In Hindi

    Short Essay On Earthquake In Hindi - Download as a PDF or view online for free ... Step When seeking assignment writing help fromHelpWriting.net, our platform utilizes a bidding system. Review bids from our writers for your request, choose one of them based on qualifications, order history, and feedback, then place a deposit to start the ...