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गाँधी जयंती पर भाषण

गाँधी जयंती

भाषण देना एक कला है जो व्यक्ति के किसी विषय पर ज्ञान और उसकी वाक् शैली पर निर्भर करता है लेकिन जब विषय गाँधी हों तो भाषण पूर्व तैयारी की भी आवश्यकता पड़ती है। यहाँ पर हम आसान और सरल शब्दों में विद्यार्थियों के लिये विभिन्न शब्द सीमाओं के साथ गाँधी जयंती पर भाषण उपलब्ध करा रहें हैं जिसका प्रयोग विद्यार्थी विभिन्न अवसरों या प्रतियोगिताओं में अपनी जरुरत के आधार पर कर सकते है।

गांधी जयंती पर 10 वाक्य

गाँधी जयंती पर भाषण (Short and Long Speech on Gandhi Jayanti in Hindi)

भाषण – 1.

सभी माननीयों, आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी को सुबह का नमस्कार। जैसा कि हम सभी जानते है कि हम सब यहाँ एक प्यारा उत्सव मनाने जुटे हैं जो गाँधी जयंती कहलाता है, इस अवसर पर मैं आप सब के सामने एक भाषण देना चाहता हूँ। मेरे प्यारे दोस्तों, 2 अक्टूबर महात्मा गाँधी का जन्मदिन है।

राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देने के लिये हर वर्ष पूरे उत्साह के साथ हम इस दिन को मनाते है साथ ही साथ अंग्रेजी शासन से देश के लिये स्वतंत्रता संघर्ष के रास्ते में उनके हिम्मतपूर्णं कार्यों को याद करते हैं। पूरे भारत में एक बड़े राष्ट्रीय अवकाश के रुप में हमलोग गाँधी जयंती मनाते हैं। महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गाँधी है और वो बापू तथा राष्ट्रपिता के नाम से भी प्रसिद्ध है।

2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में भी मनाया जाता है क्योंकि अपने पूरे जीवन भर वह अहिंसा के उपदेशक रहे। 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र सामान्य सभा द्वारा 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्ररीय अहिंसा दिवस के रुप में घोषित किया गया है। हमलोग हमेशा बापू को शांति और सच्चाई के प्रतीक के रुप में याद करेंगे। बापू का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के छोटे से शहर पोरबंदर में हुआ था जबकि उन्होंने अपने पूरे जीवनभर बड़े-बड़े कार्य किये।

वह एक वकील थे और उन्होंने अपनी कानून की डिग्री इंग्लैंड से ली और वकालत दक्षिण अफ्रीका में किया। “सच के साथ प्रयोग” के नाम से अपनी जीवनी में उन्होंने स्वतंत्रता के अपने पूरे इतिहास को बताया है। जब तक की आजादी मिल नहीं गयी वह अपने पूरे जीवन भर भारत की स्वतंत्रता के लिये अंग्रेजी शासन के खिलाफ पूरे धैर्य और हिम्मत के साथ लड़ते रहे।

सादा जीवन और उच्च विचार सोच के व्यक्ति थे गाँधी जी जिसको एक उदाहरण के रुप में उन्होंने हमारे सामने रखा। वो धुम्रपान, मद्यपान, अस्पृश्यता और माँसाहारी के घोर विरोधी थे। भारतीय सरकार द्वारा उनकी जयंती के दिन शराब पूरी तरह प्रतिबंधित है। वो सच्चाई और अहिंसा के पथ-प्रदर्शक थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिये सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की।

नयी दिल्ली के राजघाट पर इसे ढ़ेर सारी तैयारीयों के साथ मनाया जाता है जैसे प्रार्थना, फूल चढ़ाना, उनका पसंदीदा गाना “रघुपति राघव राजा राम” आदि बजाकर गाँधीजी को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। मैं आप सबसे उनके एक महान कथन को बाँटना चाहूँगा “व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित प्राणी है, वो जो सोचता है वही बन जाता है”।

भाषण – 2

सभी माननीय, आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी को सुबह का नमस्कार। मेरा नाम राहुल है, मैं कक्षा 7 में पढ़ता हूँ। मैं गाँधी जयंती के अवसर पर एक भाषण देना चाहूँगा। सबसे पहले मैं अपने क्लासटीचर को धन्यवाद देना चाहूँगा जिन्होंने इतने महान अवसर पर भाषण देने के लिये मुझे मौका दिया। जैसा कि हम सभी जानते है कि हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा गाँधी का जन्मदिन मनाने के लिये हम सब इकट्ठा होते हैं। मेरे प्यारे दोस्तों, गाँधी जयंती केवल अपने देश में ही नहीं मनाया जाता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में पूरे विश्व भर में मनाया जाता है क्योंकि वह अपने पूरे जीवनभर अहिंसा के एक पथ-प्रदर्शक थे।

उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है हालाँकि वह बापू और राष्ट्रपिता तथा महात्मा गाँधी के नाम से प्रसिद्ध हैं। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। इस दिन पर, नयी दिल्ली के राजघाट पर महात्मा गाँधी को उनके समाधि स्थल पर भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के द्वारा प्रार्थना, फूल, भजन आदि के द्वारा श्रद्धाजलि अर्पित की जाती है।

गाँधी जयंती भारत के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में गाँधी को याद करने के लिये मनायी जाती है जिन्होंने हमेशा सभी धर्मों और समुदायों को एक नजर से सम्मान दिया। इस दिन पर पवित्र धार्मिक किताबों से दोहा और प्रार्थना पढ़ा जाता है खासतौर से उनका सबसे प्रिय भजन “रघुपति राघव राजा राम”। देश में राज्यों के राजधानियों में प्रार्थना सभाएँ रखी जाती है। जैसा कि भारत सरकार के द्वारा इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश के रुप में, सभी स्कूल, कॉलेज, कार्यालय आदि पूरे देश में बंद रहते हैं।

महात्मा गाँधी एक महान व्यक्ति थे जिन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी को प्राप्त करने में बहुत संघर्ष किया और एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। वह ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत के लिये आजादी प्राप्त करने के अहिंसा के अनोखे तरीके के केवल पथ-प्रदर्शक ही नहीं थे बल्कि उन्होंने दुनिया को साबित किया कि अहिंसा के पथ पर चलकर शांतिपूर्ण तरीके से भी आजादी पायी जा सकती है। वह आज भी हमारे बीच शांति और सच्चाई के प्रतीक के रुप में याद किये जाते हैं।

भाषण – 3

सभी माननीय, आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षक और मेरे प्यारे दोस्तों को मैं प्यार भरा नमस्कार कहना चाहूँगा। मेरा नाम नवीन त्यागी है, मैं कक्षा 8 में पढ़ता हूँ। मेरे प्यारे दोस्तों, महात्मा गाँधी के जन्म दिवस, 2 अक्टूबर के इस शुभ अवसर को मनाने के लिये हम सब यहाँ इकट्ठे हुए हैं। इस दिन पर, भारत के राष्ट्रपिता का जन्म 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। ये उत्सव हमारे लिये बहुत मायने रखता है। महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गाँधी है, हालाँकि ये राष्ट्रपिता, गाँधीजी और बापू के नाम से भी पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। गाँधी जयंती के रुप में देश में बापू के जन्म दिवस को मनाया जाता है जबकि पूरे विश्व में इसे अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में मनाया जाता है।

बापू का जन्म देश के बहुत छोटे शहर में हुआ था हालाँकि उनके कार्य बहुत महान थे जिसको पूरे विश्व में फैलने से कोई नहीं रोक सका। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जो ब्रिटिश शासन से अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत को आजादी दिलाने में भरोसा रखते थे। वह अहिंसा के पथ-प्रदर्शक थे, उनके अनुसार ब्रिटिश शासन से आजादी प्राप्त करने का यही एकमात्र असरदार तरीका है। बापू एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने भारत की आजादी के संघर्ष में अपना पूरा जीवन दे दिया।

भारतियों के असली दर्द को महसूस करने के बाद, उन्होंने गोपाल कृष्ण गोखले के साथ कई सारे आंदोलनों में भाग लेना शुरु कर दिया। असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा और भारत छोड़ो आंदोलन वे अभियान है जो उन्होंने भारत की आजादी के लिये चलाये थे। वह कई बार जेल गये लेकिन कभी अपना धैर्य नहीं खोया और शांतिपूर्वक अपनी लड़ाई को जारी रखा। बापू का पूरा जीवन(वर्तमान और भविष्य की पीढ़ी के लिये) देशभक्ति, समर्पण, अहिंसा, सादगी और दृढ़ता का आदर्श उदाहरण है।

भारतीय लोगों द्वारा हर साल ढ़ेर सारी तैयारियों के साथ गाँधी जयंती मनायी जाती है। इस उत्सव को मनाने का उद्देश्य बापू को श्रद्धाजलि देने के साथ ही ब्रिटिश शासन से आजादी पाने में बापू द्वारा किये गये संघर्ष के बारे में भावी पीढ़ी को बताना है। ये हमें अपनी मातृभूमि के लिये हर समय खुली आँखों से सचेत रहने के लिये सिखाता है। मैं आप सबसे महात्मा गाँधी द्वारा कहा गया एक महान कथन बाँटना चाहूँगा।

“मेरा जीवन मेरा संदेश है, और दुनिया में जो बदलाव तुम देखना चाहते हो वह तुम्हें खुद में लाना पड़ेगा”।

जय हिन्द जय भारत

भाषण 4 – भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में महात्मा गाँधी की भूमिका

आदरणीय प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, प्रिय शिक्षकों और मेरे सहपाठी छात्रों आप सभी का आज के इस कार्यक्रम में हार्दिक स्वागत है।

मैं सार्थक पांडेय कक्षा दसवीं वर्ग सी का छात्र हूँ और आज गाँधी दिवस के इस शुभ अवसर पर आप सबके सामने भाषण देने को अपना सौभाग्य समझता हूँ। यह बताने की जरुरत नही है कि भारत के स्वाधीनता संघर्ष में महात्मा गाँधी का योगदान कितना बड़ा है। मेरी इस बात से आप में से शायद ही कोई इंकार कर सकता है। साधरणतः हम महात्मा गाँधी को बापू के नाम से भी जानते है, उनके महान चरित्र और व्यक्तित्व के विषय में जितनी भी बात की जाये कम है।

उनका जन्म अक्टूबर सन् 1869 को वर्तमान गुजरात प्रदेश के पोरबंदर मे हुआ था और उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। वह सन् 1900 में भारत के सबसे महानतम स्वाधीनता सेनानियों में से एक थे। यह वह समय था, जब उन्होंने देश के स्वतंत्रता आंदोलन की बागडोर संभाली और देश को स्वतंत्रता प्राप्ति की ओर अग्रसर किया। जैसा कि हम सब जानते है कि अंग्रेजो ने हमारे देश पर लगभग 250 वर्षो तक राज किया, पर उनके इस राज की नीव हिलनी तब शुरु हुई, जब 1915 में बापू दक्षिण अफ्रीका से लौटे और गोपाल कृष्ण गोखले के कहने पर देश में चल रहे स्वाधीनता संघर्ष की बागडोर संभाली। उनके इस त्याग का अंदाजा हम इसी बात से लगा सकते हैं कि देश और समाज के भलाई के लिए। उन्होंने वकालत जैसे प्रतिष्ठित पेशे को छोड़ने में भी संकोच नही किया।

स्वाधीनता संघर्ष में उनके योगदान को किसी भी तरीके से कम नही आंका जा सकता है और ना ही इसे शब्दों में बयान किया जा सकता है। हम कह सकते हैं कि बापू ने शहीद भगत सिंह, लाल बहादुर शास्त्री, सुभाष चन्द्र बोस, सरोजनी नायडू, लाला लाजपत राय, और दूसरे अन्य क्रांतिकारियों के साथ मिलकर अंग्रेजो को हमारा देश छोड़ने पे मजबूर कर दिया था। उनकी कई सारी नीतियां खासतौर से अहिंसा नीति देश के आजादी में सबसे बड़ा हथियार साबित हुई। अपने इन्हीं कारगर नीतियों के वजह से वह देशभर में लोगो के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनें।

यह प्रथम विश्व युद्ध का समय था और उस वक्त के भारत के वायसराय लार्ड चेस्टफोर्ड ने महात्मा गाँधी को युद्ध के विषय में चर्चा करने के लिए दिल्ली आमंत्रित किया तथा उनसे अपील की वह अधिक से अधिक भारतीय लोगो को सेना में शामिल होने के लिए कहें। इस बात पर अंग्रेजी हुकूमत का विश्वास हासिल करने के लिए उन्होंने लोगो से प्रथम विश्व युद्ध के लिए सेना में शामिल होने के लिए कहा, लेकिन इसके साथ ही अपने एक व्यक्तिगत खत में उन्होंने वायसराय से कहा कि “वह किसी को भी जान से मारने के लिए नही कहेंगे चाहे वह दोस्त हो या दुश्मन”।

गुजरात में खेड़ा नामक एक गांव हैं, यह सन् 1917 की बात है जब वहां भीषण बाढ़ आई हुई थी, जिससे उस क्षेत्र में हालात काफी खराब हो गये थे। इन्हीं कारणों से स्थानीय किसानों ने उच्च अधिकारियों से कर माफ करने का निवेदन किया परन्तु अंग्रेजी हुकूमत द्वारा उनकी इन मांगो को अस्वीकार कर दिया गया। जिसके बाद गाँधी जी ने किसानो के समर्थन में कर ना देने के लिए आंदोलन किया। इसके साथ ही उन्होंने तालददार और मालतदार जैसे राजस्व अधिकारियों के सामाजिक बहिष्कार का भी आंदोलन किया था। गाँधी जी के इन्हीं प्रयासों के चलते सन् 1918 में अंग्रेजी सरकार को विवश होकर किसानों की मांगो का मानना पड़ा और जब तक आकाल की समस्या समाप्त ना हो जाये, तब तक उन्हें करों में छूट देने के लिए तैयार होना पड़ा।

स्वाधीनता संघर्ष में सक्रिय रहने के साथ ही गाँधी जी ने छुआछूत, लिंगभेद के साथ अन्य कई सामाजिक महत्वपूर्ण विषयों जैसे किसानों के दयनीय स्थिति को सुधारने तथा महिला सशक्तिकरण के मामलो पर सुधार के लिए भी काफी कार्य किया।

इसके साथ ही सबसे दिलचस्प बात यह है कि वह आल इंडिया मुस्लिम लीग कांफ्रेस के मुख्य प्रवक्ताओं में से एक थे। एक तरह से गाँधी जी एक सर्वमान्य नेता थे और खिलाफत आंदोलन में उनके सहभागिता ने उन्हें हर वर्ग का राष्ट्रीय नायक बना दिया। यह उनके द्वारा किए गये नमक स्तयाग्रह, भारत छोड़ो आंदोलन और असहयोग आंदोलन जैसे अहिंसक आंदोलन ही थे, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत की कमर तोड़ने का कार्य किया। जिसके चलते अंग्रेजी हुकूमत को भारत को स्वतंत्रता प्रदान करने के लिए विवश होना पड़ा।

अंत में हम यहीं कह सकते हैं कि वह एक महान क्षमता तथा योग्यता के धनी व्यक्ति थे और अपने नेतृत्व कौशल से उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में एक अहम भूमिका निभाई थी। देश के स्वतंत्रता संघर्ष में, उनके इस योगदान के चलते हम और हमारे देश की आने वाली पीढ़ीया सदैव उनकी ऋणी रहेंगी। उनके बलिदान को ना ही हम भूले हैं ना ही इसे कभी भूल सकते हैं।

मेरे इस भाषण को इतने धैर्यपूर्वक सुनने और अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आप सभी का धन्यवाद!

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गांधी जयंती पर भाषण (Speech On Gandhi Jayanti In Hindi): 2 अक्टूबर महात्मा गांधी जयंती पर भाषण

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गांधी जयंती पर भाषण (Speech On Gandhi Jayanti In Hindi)- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सत्य, अहिंसा और प्रेम के पुजारी थे। उन्होंने पूरी दुनिया को सत्य, अहिंसा व शांति का पाठ पढ़ाया था। गांधीजी ने सत्य-अहिंसा का रास्ता अपनाकर ही देश को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाई थी। गांधीजी सादा जीवन उच्च विचार में विश्वास रखते थे। ये तो हम सभी जानते हैं कि महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के जन्मदिवस 02 अक्टूबर को हर साल पूरे देश में गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) मनाई जाती है और इस दिन को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस (International Day of Non Violence) के रूप में भी मनाया जाता है।

गांधी जयंती पर भाषण (Speech On Gandhi Jayanti In Hindi)

02 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर बहुत से छात्र अपने स्कूल और कॉलेज में महात्मा गांधी जयंती पर भाषण (Mahatma Gandhi Jayanti Speech In Hindi) भी देते हैं। अगर आप भी गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) पर अपने स्कूल या कॉलेज में गांधी जयंती पर भाषण हिंदी में (Gandhi Jayanti Speech In Hindi) सुनाना चाहते हैं और गांधी जयंती स्पीच इन हिंदी (Speech In Hindi On Gandhi Jayanti) देकर अपने विचार सबके सामने रखना चाहते हैं, तो  parikshapoint.com  आपके लिए Gandhi Jayanti Hindi Speech लेकर आया है। आपको बता दें कि आप यदि आप हमारी Gandhi Jayanti Par Speech In Hindi को याद कर लेते हैं, तो आप अपनी भी Gandhi Jayanti Per Speech तैयार सकते हैं।

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आपको बता दें कि हमने इस पेज पर नीचे दी गई Gandhi Jayanti Speech In Hindi For Students को सरल भाषा में लिखने का प्रयास किया है, ताकि आपको महात्मा गांधी भाषण या गांधी जयंती स्पीच को याद करने में कोई कठिनाई न हो। 2 October Speech In Hindi को याद करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आपके पास Gandhi Jayanti Bhashan लिखा हुआ होना चाहिए। आप अपनी Speech For Gandhi Jayanti In Hindi को मंच पर बोलने से पहले दो-तीन बार जरूर पढ़ लें। गांधी जयंती के दिन आप 2 October Gandhi Jayanti Speech In Hindi के अलावा Mahatma Gandhi Speech In Hindi भी तैयार कर सकते हैं। आपको Speech On Mahatma Gandhi Jayanti In Hindi को पूरे उत्साह के साथ बोलना चाहिए।

02 अक्टूबर गांधी जयंती पर भाषण हिंदी में 02 October Gandhi Jayanti Speech In Hindi

स्पीच की शुरुआत.

आदरणीय प्रधानाध्यापक जी, सभी अध्यापक और मेरे सभी मित्रों को मेरा नमस्कार। सबसे पहले मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूं कि आपने मुझे आज इस मंच पर बोलने और अपने विचार रखने का मौका दिया। ये तो हम सभी जानते हैं कि आज गांधी जयंती के अवसर पर हम सभी यहाँ एकत्रित हुए हैं। गांधीजी हम सभी के आदर्श हैं और हम सभी की प्रेरणा भी हैं। आज इस मंच के माध्यम से मैं अपने कुछ विचार और कुछ गांधीजी के विचार आपके सामने रखूंगा। आशा करता हूं कि आप मेरी बातों से सहमत होंगे।

ये भी पढ़ें

स्पीच में क्या बोलें?

मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर सन् 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उन्हीं के सम्मान और जन्मदिवस के रूप में हर साल 02 अक्टूबर को पूरे भारत में महात्मा गांधी की जयंती मनाई जाती है। गांधी जी ने अपना पूरा जीवन देश और देश की आज़ादी के लिए समर्पित कर दिया था। देश को आज़ाद करवाने के लिए उन्होंने कई सत्याग्रह और आंदोलन किए। गांधीजी ने अपने सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत सन् 1906 में दक्षिण अफ्रीका से की थी। उन्होंने यह आंदोलन दक्षिण अफ्रीका में रह रहे भारतायों के लिए अनिवार्य पंजीकरण और पास के खिलाफ छेड़ा था। गांधी जी ने दलित समुदाय के लोगों के लिए भी बहुत कुछ किया। हमारे समाज में एक ऐसा समुदाय भी था जिनके लोगों को अछूत कहा जाता था। इस समुदाय के लोगों को बापू ने हरिजन नाम दिया। हरिजन शब्द का मतलब होता है हरि यानी कि भगवान की संतान। गांधी जी की यह शुरुआत ऐसे समुदायों के लोगों को सम्मानजनक जीवन दिलाने में महत्त्वपूर्ण साबित हुई, जिसका अन्य लोगों पर भी प्रभाव देखने को मिला।

गांधीजी ने समाज के साथ-साथ देश की चिंताओं पर भी अपना पूरा ध्यान दिया। उन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में सबसे अहम भूमिका निभाई। वह हमेशा सत्य, अहिंसा और शांति के मार्ग पर ही चले। जब भी हम अहिंसा और प्रेम की बात करते हैं, तो सबसे पहले हमें बापू का नाम ही याद आता है कि कैसे उन्होंने सत्य-अहिंसा से देश को आज़ादी दिलवाई। गांधीजी ने न केवल भारत को, बल्कि पूरी दुनिया को सत्य, अहिंसा, प्रेम और शांति का पाठ पढ़ाया और इसके मायने भी समझाए। उन्होंने सबको सिखाया कि हिंसा से किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता और ना ही दूसरों को क्षति पहुंचाकर या उनका नुकसान करके खुद को सुखी रखा जा सकता।

भारतीयों पर जब ब्रिटिश सरकार का अत्याचार बढ़ने लगा, तो महात्मा गांधी ने 8 अगस्त सन् 1942 को अंग्रेज़ी हुकूमत के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन छेड़ दिया। इसी दौरान पूरी दुनिया दूसरा विश्वयुद्ध भी झेल रही थी। भारत छोड़ो आंदोलन में ही गांधीजी ने करो या मरो का नारा दिया था। दूसरे विश्वयुद्ध का अंत होते-होते तक ब्रिटिश सरकार ने ऐलान कर दिया था कि वह भारत को आज़ाद करके उसकी सभी शक्तियों को वापस कर देगी।

गांधी जयंती की सबसे खास बात यह भी है कि इस दिन को पूरी दुनिया में अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। यूनाइटेड नेशंस जेनरल असेंबली ने 15 जून वर्ष 2007 को गांधी जयंती के दिन को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया था। अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाने के पीछे गांधीजी की सत्य और अहिंसा वाली सोच थी क्योंकि गांधी जी ने भी खुद दुनिया को यही सिखाया था कि शांति का मार्ग अपनाकर हर मुश्किल से मुश्किल काम को आसान किया जा सकता है। वह मानते थे कि हिंसा का रास्ता चुनकर हमें कभी अपना हक नहीं मिल सकता। गांधीजी ने अहिंसा के रास्ते पर चलकर ही दक्षिण अफ्रीका में लगभग 75 हजार भारतीयों को उनके कई अधिकार दिलाए थे, जिनसे वह कई वर्षों से वंचित थे।

मोहनदास करमचंद गांधी का राष्ट्रपिता बनने तक का सफर काफी लंबा और चुनौतीपूर्ण था। उनकी सादा जीवन उच्च विचार की विचारधारा और कमज़ोर लोगों के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ने के उनके अनोखे तरीके ने ही गांधीजी को देश का राष्ट्रपिता और महात्मा बना दिया। वह भारतीयों के हक के लिए लड़ने वाले लाखों-करोड़ों लोगों के आदर्श नेता बने और अपनी आखिरी सांस तक भी सत्य-अहिंसा के मार्ग से नहीं हटे।

स्पीच को ऐसे करें खत्म

गांधीजी के विचारों को अपनाकर हम अपने जीवन में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। वह कहा करते थे कि-

“क्रोध, अहिंसा और गौरव का दुश्मन है। यह एक राक्षस हैं, जो इन्हे निगल जाता है।” “व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है. वह जो सोचता है, वह बन जाता है।” “उफनते तूफ़ान को मात देना है तो अधिक जोखिम उठाते हुए हमें पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़ना होगा।” “ऐसे जिएं कि जैसे आपको कल मरना है और सीखें ऐसे जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है।” “क्रूरता का उत्तर क्रूरता से देने का अर्थ अपने नैतिक व बौद्धिक पतन को स्वीकार करना है।”

मैं अब इस उम्मीद के साथ अपनी बात को यहीं पर खत्म करते हुए आप सभी से आज्ञा लेना चाहूंगा कि हम सभी अपने जीवन में सत्य और अहिंसा के रास्ते पर ही चलने की कोशिश करेंगे और गांधी जी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने में अपना पूरा योगदान देंगे। एक बार फिर से आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।

गांधी जयंती पर 10 लाइनें

  • भारत में हर साल 2 अक्टूबर का दिन गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है।
  • महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था।
  • उन्हें बापू या राष्ट्र का पिता भी कहा जाता था।
  • बापू का जन्म 02 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नाम के एक छोटे से गांव में हिंदू परिवार में हुआ था।
  • उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था और मां का नाम पुतिलिबाई था।
  •  2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
  • उन्होंने भारत की आजादी के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ लगातार धैर्य और साहस के साथ लड़ाई लड़ी।
  • गांधी जी ने देश को आजाद करवाने के लिए असहयोग आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, दांडी मार्च, खिलाफत आंदोलन आदि अन्य कई आंदोलन चलाए।
  • गांधी जी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे और वह कई बार जेल भी गए थे।
  • 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की छाती में तीन गोलियां दागकर उनकी हत्या कर दी।

गांधी जयंती से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

People also ask

उत्तर : गांधी जयंती पर भाषण लिखने से पहले गांधी जी के बारे में पढ़ें और उनसे जुड़ी जानकारी को इकट्ठा करें। उसके बाद ही गांधी जयंती पर भाषण लिखें।

उत्तर : महात्मा गांधी पर भाषण पूरे उत्साह और आत्मविश्वास के साथ दें। तभी आप अपने श्रोताओं की तालियां बटोर पाएंगे।

उत्तर : करो या मरो।

उत्तर : गांधी जी का उद्देश्य लोगों में सक्रियता का भाव पैदा करना था।

उत्तर : महात्मा गांधी जी का।

parikshapoint.com की तरफ से आप सभी को “गांधी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं” (Happy Gandhi Jayanti)

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Mahatma Gandhi Speech in Hindi

Mahatma Gandhi Speech in Hindi: महात्मा गाँधी पर शानदार भाषण

क्या आप भी “ Mahatma Gandhi Speech in Hindi ” की तलाश कर रहे हैं? यदि हां, तो आप इंटरनेट की दुनिया की सबसे बेस्ट वेबसाइट essayduniya.com पर टपके हो. यदि आप Mahatma Gandhi Speech in Hindi for Students यही सब सर्च कर रहे हैं तो आपका इंतजार यही पूरा होता है.

Mahatma Gandhi Speech in Hindi

यहां हम आपको “Mahatma Gandhi Speech in Hindi” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Mahatma Gandhi Speech in Hindi तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए. 

Mahatma Gandhi Speech in Hindi (1 Minutes Speech on Mahatma Gandhi in Hindi )

यहां उपस्थित सभी माननीय अतिथिगणों, प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों को मेरा नमस्कार। आज हम सभी यहां गांधी जयंती (Mahatma Gandhi Jayanti 2023) के उपलक्ष पर एकत्रित हुए हैं। महात्मा गांधी जी का जन्म सन 1869 को 2 अक्टूबर के दिन पोरबंदर, गुजरात में हुआ था। महात्मा गांधी जी महान प्रतिभा के धनी थे और अहिंसा के पुजारी थे। उन्होंने भारत को स्वतंत्र कराने में एक अहम भूमिका निभाई और अपना अमूल्य योगदान दिया।

वे हिंसा के खिलाफ थे और अहिंसा के समर्थक थे। उन्होंने आजादी की लड़ाई भी अहिंसा से ही लड़ी। महात्मा गांधी ने भारत को अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिए कई प्रयास किए। उन्होंने असहयोग आंदोलन, दांडी यात्रा, नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे कई प्रभावशाली आन्दोलन चलाए। आज का यह दिन महात्मा गांधी के जन्म दिवस और भारत की एक महान विभूति को याद करने के लिए और उनके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए मनाया जाता है। अब मैं अपनी स्पीच को यहीं विराम देना चाहूंगी, धन्यवाद।

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Mahatma Gandhi Speech in Hindi for Students (2 Minutes Speech on Mahatma Gandhi Jayanti   in Hindi )

यहां उपस्थित सभी महानुभवों, प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों को मेरा नमस्कार। आज मैं गांधी जयंती के अवसर पर आप सभी के सामने  भाषण देने के लिए प्रस्तुत हूं। भारत में कई महान विभूतियों और हस्तियों का जन्म हुआ है। जिन्होंने देश के विकास, उन्नति और गौरव को बढ़ाने में अपना योगदान दिया। महात्मा गांधीजी जी ने भारत को स्वतंत्रता दिलवाने में एक अभिन्न भूमिका निभाई है। गांधीजी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। इनके पिताजी का नाम करमचंद गांधी और माताजी का नाम पुतलीबाई गांधी था।

इनका विवाह बहुत ही छोटी उम्र में कस्तूरबा गांधी से हो गया था। गांधीजी ने अपना देश के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में अपना एक अभिन्न योगदान दिया। गांधी जी अहिंसा के पुजारी थे वह हिंसा, मदिरापान, अस्पृश्यता और माँसाहार के भी विरोधी थे। आज भी लोग गांधी जी के आदर्शों और उनके जीवन से प्रेरणा लेते हैं। हर साल 2 अक्टूबर का दिन न केवल गांधी जयंती बल्कि अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।

गांधीजी ने देश को आजाद करवाने के लिए जिस प्रकार से प्रयास किया वह अविस्मरणीय है। उनके उच्च विचारों और व्यक्तित्व के कारण ही उन्हें देश के राष्ट्रपति के रूप में चुना गया। आज के दिन राजघाट पर गांधीजी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है एवम देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों एवम आयोजनों के माध्यम से गांधी जयंती को मनाया जाता है। अब मैं अपनी स्पीच को यहीं समाप्त करना चाहता हूं, धन्यवाद।

2 October Gandhi Jayanti Speech in Hindi (3 Minutes Speech on Mahatma Gandhi Jayanti   in Hindi)

सबसे पहले मैं इस मंच को प्रणाम करते हुए, यहां उपस्थित सभी महानुभावों, प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों का अभिवादन करती हूं। आज हम सभी यहां महात्मा गांधी जी की जयंती के अवसर पर एकत्रित हुए हैं, और उनकी 154वीं जयंती को माना रहे हैं। गांधीजी के चरित्र और कार्य से हर कोई परिचित है। गांधीजी का पुरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था और वे 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर गुजरात में जन्में थे। महात्मा गांधी जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद लंदन से वकालत की पढ़ाई पूरी की। उस समय भारत पर अंग्रेज़ों का शासन था।

गांधीजी ने अंग्रेजों से भारत को मुक्त कराने का फैसला लिया और आजादी की लड़ाई में कूद पड़े। महात्मा गांधी जी ने सन 1910 में साउथ अफ्रीका से वापस आकर स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया। लेकिन उन्होंने आजादी की लड़ाई को हिंसा की जगह अहिंसा से लड़ा। महात्मा गांधी जी ने कई आंदोलन चलाएं, जिसमें कई भारतवासियों ने उनके साथ दिया। अपने आंदोलनों और अंग्रेजों के विरोध के कारण महात्मा गांधी को कई बार जेल भी जाना पड़ा, लेकिन वे निरंतर भारत को आजाद कराने के लिए प्रयास करते रहे।

गांधीजी ने भारत को आजाद कराने और भारतीयों पर हो रहे अत्याचारों का विरोध करने के लिए असहयोग आंदोलन, चंपारण सत्याग्रह, नमक सत्याग्रह, दलित आंदोलन और भारत छोड़ों जैसे आंदोलन किएकी थे। इनमें से भारत छोड़ों आंदोलन काफी प्रभावी सिद्ध हुआ जिसके भारत को अंग्रेज शासन से मुक्ति मिल गई। महात्मा गांधी अहिंसा को मानने वाले और सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। आज का दिन महात्मा गांधी जी का जन्मदिवस मानने और उनके कार्यों के लिए उनका सम्मान करने का है। अब मैं अपनी स्पीच को यहीं समाप्त करना चाहूंगा,धन्यवाद।

Mahatma Gandhi Jayanti Speech in Hindi (5 Minutes Speech on Mahatma Gandhi Jayanti  in Hindi)

यहां उपस्थित सभी माननीय अतिथिगणों, प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों को मेरा प्रणाम एवं गांधी जयंती की शुभकामनाएं। आज महात्मा गांधीजी की 154वीं जयंती के उपलक्ष में हम सभी यहां एकत्रित हुए हैं। आज के दिन भारत की महान विभूति और अहिंसा की मूरत महात्मा गांधी जी ने जन्म लिया था। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था गांधी जी गुजरात के पोरबंदर में 2 अक्टूबर 1859 को जन्मे थे।

गांधी जी की प्रारंभिक शिक्षा के पूर्ण होने के बाद बहुत छोटी आयु में उनका विवाह कर दिया गया था। इसके बाद में अपनी वकालत की पढ़ाई करने लंदन गए। गांधीजी जी अहिंसा के पुजारी और आदर्शवादी व्यक्ति थे। वे हिंसा और मदिरापान, मांसाहार के भी विरोधी थे। गांधी जी बचपन से ही शांत स्वभाव के थे और आगे भी वे उम्र भर ऐसे ही रहे, उन्होंने आजादी की लड़ाई भी अहिंसा से लड़ी और भारत को स्वतंत्रता दिलाने में अपना योगदान दिया। उन्होंने असहयोग आंदोलन, चंपारण आंदोलन, दलित आंदोलन, नमक सत्याग्रह, दांडी मार्च और भारत छोड़ो जैसे आंदोलन को चलाया। अंग्रेजों के खिलाफ विरोध और प्रदर्शन करने के चलते उन्हें कई महात्मा गांधी को कई बार जेल भी जाना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपने प्रयासों को जारी रखा और एक के बाद एक आंदोलन करते गए।

महात्मा गांधी जी के नेतृत्व में चलाया गया भारत छोड़ों आंदोलन (Quit India Movement) सबसे ज्यादा प्रभावी साबित हुआ, जिसके बाद अंग्रेज उल्टे पांव भारत से लौट गए थे। गांधीजी की के कार्यों के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाता रहेगा। आज का दिन हमारे राष्ट्रपति का सम्मान करने और उन्हें याद करने का दिन है। आज देश भर के स्कूल, कॉलेजों और विभिन्न संस्थानों में महात्मा गांधीजी जी की जयंती को मनाया जाता है। इतना ही नहीं आज का दिन अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, जो की हम सभी भारतीयों के लिए बड़े गर्व की बात है। अंत में आप सभी को एक बार फिर गांधी जयंती की शुभकामनाएं देते हुए अपनी स्पीच को यहीं विराम देती हूं, धन्यवाद।

Gandhi Jayanti Per Speech

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “ Mahatma Gandhi Speech in Hindi ” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह महात्मा गाँधी पर भाषण अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Mahatma Gandhi Par Speech कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

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Gandhi jayanti speech: गांधी जंयती के दिन दें ये भाषण, gandhi jayanti speech in hindi: गांधी जंयती के मौके पर स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और इस दौरान कई स्टूडेंट्स भाषण प्रतियोगिता में भाग लेते हैं..

Gandhi Jayanti Speech: गांधी जंयती के दिन दें ये भाषण

Mahatma Gandhi Jayanti: 2 अक्टूबर के दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.

गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) देश भर में बड़े ही उत्साह के साथ मनाई जा रही है. देश को आजादी दिलाने वाले बापू की याद में 2 अक्टूबर (Octorber 2) यानी उनकी जयंती के दिन देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. गांधी जी (Mahatma Gandhi) का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. 2 अक्टूबर के दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. गांधी जयंती ( Gandhi Jayanti ) के दिन लोग राजघाट नई दिल्ली में गांधी प्रतिमा के सामने श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. इस दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है. गांधी जंयती के मौके पर स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और इस दौरान कई स्टूडेंट्स भाषण प्रतियोगिता में भाग लेते हैं. इस गांधी जयंती पर अगर आप भाषण (Gandhi Jayanti Speech) देने वाले हैं तो आप इस तरह का भाषण दे सकते हैं:

गांधी जंयती पर भाषण (Gandhi Jayanti Speech)  

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mahatma gandhi jayanti speech in hindi

आदरणीय शिक्षकों और मेरे प्यारे मित्रों को सुप्रभात,

आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती है और मैं आप सभी को इस दिन की शुभकामनाएं देता/देती हूं. गांधी जयंती के अवसर पर मुझे बोलने का मौका मिला इस पर मुझे गर्व महसूस हो रहा है. हर साल की तरह इस साल भी हम सब इस दिन को मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं. महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में हुआ था. गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था. उनके पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतली बाई था. उनका विवाह 13 वर्ष उम्र में कस्तूरबा के साथ हो गया था. गांधी जी लंदन में कानून की पढाई करने और बैरिस्टर बनने के लिए गए थे. उन्होंने लंदन में पढ़ाई कर बैरिस्टर की डिग्री प्राप्त की थी. वहां से लौटने के बाद उन्होंने भारत को अंग्रेजों से मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाई. सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले गांधी को लोग प्यार से बापू बुलाते हैं. हमें बापू से ये सीखना चाहिए कि परिस्थिति चाहे कैसी भी हो, सत्य का मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए. उन्होंने पूरे देश को बताया की हर लड़ाई खून खराबे से पूरी नहीं होती. लड़ाई अहिंसा का रास्ता अपनाकर भी लड़ी जा सकती है. चाहे वो देश को आजाद करवाने की लड़ाई ही क्यों न हो. महात्मा गांधी को विश्व पटल पर अहिंसा के प्रतीक के तौर पर जाना जाता है. दुनिया भर में हिंसा बढ़ती जा रही है, ऐसे में हमें बापू के संदेश को लोगों तक पहुंचाना चाहिए. बापू के विचारों को आगे बढ़ाकर हम हिंसक विचारधारा को रोक सकते हैं.  मैं आपको अपने भाषण को सुनने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं और इसी के साथ रामधारी सिंह दिनकर की लिखी 2 पंक्तियां पढ़कर अपनी वाणी को विराम देना चाहता हूं/चाहती हूं.

ली जांच प्रेम ने बहुत, मगर बापू तू सदा खरा उतरा शूली पर से भी बार-बार, तू नूतन ज्योति भरा उतरा

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mahatma gandhi jayanti speech in hindi

गांधी जयंती पर निबंध (Gandhi Jayanti Essay in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500 शब्दों मे

mahatma gandhi jayanti speech in hindi

गांधी जयंती पर निबंध(Gandhi Jayanti Essay in Hindi) – महात्मा गांधी के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए भारत में हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाया जाता है। इसे आधिकारिक तौर पर भारत की राष्ट्रीय छुट्टियों में से एक के रूप में घोषित किया गया था, और संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसे अहिंसा के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया था।

उनकी स्मृति में चित्रकला और निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। अहिंसक आंदोलन महात्मा गांधी के जीवन के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गांधी के प्रयास का जश्न मनाने के लिए इसे लागू किया जाए और पुरस्कृत किया जाए।

आमतौर पर उनकी याद में महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन (रघुपति राघव राजा राम) गाए जाते हैं। पूरे भारत में महात्मा गांधी की मूर्तियों को फूलों और मालाओं से सजाया जाता है और कुछ लोग उस दिन मांस और शराब का सेवन करने से परहेज करते हैं। सार्वजनिक भवन, जैसे बैंक और डाकघर, दिन के लिए बंद रहते हैं।

महात्मा गांधी जयंती निबंध पर 10 लाइन (10 Lines Essay On Mahatma Gandhi Jayanti in Hindi)

  • प्रत्येक वर्ष, 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए गांधी जयंती को भारत के राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मनाया जाता है।
  • इस दिन को हम अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाते हैं, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने अपनाया है।
  • यह भारत में आधिकारिक तौर पर घोषित छुट्टियों में से एक है।
  • दुनिया भर के लोग उस दिन महात्मा गांधी के योगदानों को श्रद्धांजलि देते हैं और उनकी शिक्षाओं की प्रशंसा करते हैं।
  • भारत के निवासी, गांधी की मूर्तियों को फूलों से सजाते हैं।
  • राज घाट स्मारक के पास, राजनीतिक दल और लोग राष्ट्रपिता को अपनी श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित होते हैं।
  • विभिन्न स्कूल और कॉलेज महात्मा गांधी की स्मृति में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
  • महात्मा गांधी ने अहिंसा और शांति का विचार दिया।
  • उन्होंने हमेशा शराब पीने जैसी बुरी आदतों का विरोध किया।
  • उस दिन हम उनकी विचारधारा और शिक्षाओं को याद करते हैं, जो उन्होंने समाज को दी।

गांधी जयंती पर निबंध 100 शब्द (Gandhi Jayanti Essay 100 words in Hindi)

यह राष्ट्रपिता (महात्मा गांधी, जिन्हें बापू भी कहा जाता है) की जयंती है। गांधी जयंती हर साल 2 अक्टूबर को पूरे भारत में एक राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में मनाई जाती है। यह स्कूलों, कॉलेजों, शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी कार्यालयों, समुदायों, समाज और अन्य स्थानों में कई उद्देश्यपूर्ण गतिविधियों का आयोजन करके मनाया जाता है। भारत सरकार द्वारा 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। इस दिन, पूरे भारत में सरकारी कार्यालय, बैंक, स्कूल, कॉलेज, कंपनियां आदि बंद रहते हैं लेकिन इसे बड़े उत्साह और ढेर सारी तैयारियों के साथ मनाया जाता है।

गांधी जयंती पर निबंध 150 शब्द (Gandhi Jayanti Essay 150 words in Hindi)

गांधी जयंती हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाती है। यह दिन उनकी जयंती का प्रतीक है। गांधी जी एक स्वतंत्रता सेनानी थे। हम इस दिन को देश के लिए किए गए उनके बलिदान की याद में मनाते हैं। उन्होंने अंग्रेजों को भारत से बाहर निकालने के लिए विभिन्न आंदोलनों का नेतृत्व किया। सत्याग्रह प्रसिद्ध आंदोलनों में से एक था। भारत छोड़ो आंदोलन और स्वदेशी आंदोलन अन्य दो प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण आंदोलन हैं जिन्होंने हमें 1947 में आजादी दिलाई।

इस दिन, कई छात्र लोगों को अहिंसा का संदेश देने वाले नाटक करते हैं। कई छात्र उनकी जयंती को चिह्नित करने के लिए इस दिन देशभक्ति के गीत गाते हैं। कई छात्र गांधीजी और उनकी शिक्षाओं के विषय पर पेंटिंग करते हैं। यह दिन देशभक्ति के उत्साह में डूबा हुआ है और हम उनकी बुद्धिमान शिक्षाओं को याद करते हैं- “बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो और बुरा मत बोलो”। इस दिन उनके जीवन पर केन्द्रित कई फिल्में टेलीविजन और रेडियो चैनलों पर प्रसारित की जाती हैं। जल्द ही हम हिंदी, मलयालम में गांधी जयंती पर पैराग्राफ अपडेट करेंगे।

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गांधी जयंती पर निबंध 200 शब्द (Gandhi Jayanti Essay 200 words in Hindi)

गांधी जयंती प्रत्येक 2 अक्टूबर को पड़ती है। यह एक राष्ट्रीय पर्व है। मोहनदास करमचंद गांधी अपने शिक्षण में अहिंसा का प्रचार करने के लिए जाने जाते हैं। स्वदेशी और सत्याग्रह सहित उनके विभिन्न आंदोलन अहिंसा की उनकी धारणाओं पर आधारित थे।

वह बहुत पहले से ‘मेक इन इंडिया’ की अवधारणा में विश्वास करते थे और इसलिए उन्होंने अपने साथी लोगों को चरखे के रूप में जाने जाने वाले हाथ के पहिये के माध्यम से कपड़े बुनने के लिए कहा। उन्होंने खादी के कपड़े पहने और विदेशी उत्पादों को त्याग दिया। वे न केवल एक स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि एक समाज सुधारक भी थे। उन्होंने जातिवाद और छुआछूत जैसे सामाजिक कलंक को दूर किया। उन्होंने तत्कालीन अछूतों को हरिजन या ईश्वर की संतान का नाम दिया।

उनकी शिक्षाओं को चिह्नित करने के लिए स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पूरे काउंटी में गांधी जयंती पूरे दिल से मनाई जाती है। विभिन्न छात्र ‘अहिंसा’ या अहिंसा और स्वदेशी आंदोलन की शिक्षाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए नाटकों और नुक्कड़ नाटकों में अभिनय करते हैं। छात्र इस दिन पोस्टर बनाने की प्रतियोगिताओं में भी भाग लेते हैं और उनकी तस्वीरें भी बनाते हैं।

उनके सम्मान में बैंक और कार्यालय बंद रहते हैं। सिद्धांत और छात्र उनकी शिक्षाओं पर भाषण देते हैं। फिल्मों का प्रसारण उनके जीवन पर केन्द्रित होता है। अन्य नेताओं के साथ-साथ उनके अथक प्रयासों के कारण ही आज हम अपने देश में खुलकर सांस ले सकते हैं।

गांधी जयंती पर निबंध 250 शब्द (Gandhi Jayanti Essay 250 words in Hindi)

गांधी जयंती भारत में हर साल 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के रूप में मनाई जाती है। यह सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है और कॉलेज, स्कूल और कार्यालय बंद रहते हैं।

गांधी जयंती कैसे मनाई जाती है?

गांधी जयंती को राष्ट्रपिता और सत्य और अहिंसा के साथ उनके प्रयोग के प्रति बहुत सम्मान के साथ मनाया जाता है। पूरे देश में कई स्थानों पर निबंध लेखन, भाषण प्रतियोगिता और अन्य जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

गांधी जयंती दक्षिण अफ्रीका में भी मनाई जाती है, जहां गांधी जी ने भारतीयों और मूलनिवासी अश्वेतों के अधिकारों की वकालत करते हुए 21 साल तक लड़ाई लड़ी। दुनिया के अन्य हिस्सों में भारतीय दूतावासों में विशेष स्मारक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने महात्मा गांधी की जन्म तिथि, 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय शांति और अहिंसा दिवस के रूप में नामित किया, जिसे पूरे विश्व में मनाया जाता है।

गांधी जयंती का महत्व

अपने पूरे सार्वजनिक जीवन में, महात्मा गांधी ने दैनिक गतिविधियों और आचरणों में सख्त अनुशासन का अभ्यास किया था। उन्हें अपनी नीतियों पर अगाध विश्वास था, जो जनता में भी परिलक्षित होता था। वह एक महानायक थे जिन्होंने दुनिया को दमन और अन्याय से लड़ने के लिए एक नया हथियार दिया – “असहयोग”। सत्य, अहिंसा और असहयोग की उनकी संयुक्त नीतियां जनता के बीच एक त्वरित हिट थीं। उनका जन्मदिन मनाना और उनके मूल्यों को याद रखना हमें एक समाज और एक राष्ट्र के रूप में और अधिक विकसित होने में मदद करता है।

गांधी जयंती एक राष्ट्रीय त्योहार है जब राष्ट्र अपने महान योद्धा को याद करता है जिन्होंने लाखों लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और देश को अंग्रेजों के दमनकारी शासन से मुक्त कराया।

गांधी जयंती पर निबंध 300 शब्द (Gandhi Jayanti Essay 300 words in Hindi)

मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1969 को हुआ था। हम उनकी जयंती और हमारे देश को ब्रिटिश राज के चंगुल से मुक्त कराने के उनके प्रयासों को चिह्नित करने के लिए गांधी जयंती मनाते हैं। राष्ट्रपिता के रूप में भी जाने जाने वाले, उन्होंने अंग्रेजों को देश से बाहर निकालने और ‘भारत’ के सार को बनाए रखने के लिए विभिन्न आंदोलनों में अपना योगदान दिया है। अहिंसा और सादा जीवन उनके दो बुनियादी सिद्धांत थे जिनका उन्होंने पालन किया।

अफ्रीका में कानून की शिक्षा प्राप्त एक व्यक्ति अपने देशवासियों को आजाद कराने के लिए भारत लौटा। सिर्फ एक धोती पहने, उसे एक जोड़ी गिलास और एक छड़ी के साथ जोड़कर, वह साथी भारतीयों के साथ नमक निकालने और ब्रिटिश उपनिवेशों को यह दिखाने के लिए मीलों पैदल चलकर दांडी गए कि हमारे पास अपार शक्तियाँ हैं। सत्याग्रह और सविनय अवज्ञा आंदोलन के प्रचारक, उन्होंने अपने देशवासियों को अस्पृश्यता जैसी तत्कालीन मौजूदा सामाजिक बुराइयों से भी मुक्त कराया।

वह आत्मनिर्भरता में विश्वास करते थे और इसलिए अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कपड़े पहनने के बजाय अपने खुद के कपड़े बुनने की अवधारणा को बढ़ावा दिया। इसने भारतीय महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाया, इसलिए उन्हें मुक्ति मिली।

भारत इस तरह गांधी जयंती मनाता है:

  • स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय बच्चों और लोगों को उनके योगदान से अवगत कराने के लिए नाटकों, नृत्य प्रदर्शनों, भाषणों और पोस्टर बनाने की प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं।
  • सम्मान में बैंक और कार्यालय बंद रहे।
  • राजघाट, नई दिल्ली में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता है और उसे फूलों से सजाया जाता है।
  • उनके जीवन को दर्शाने वाली फिल्में टेलीविजन पर प्रसारित की जाती हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र ने अहिंसा में अपने विश्वास को चिह्नित करने के लिए 2 अक्टूबर को अहिंसा के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया है।

गांधी जी ने हमें आत्मनिर्भरता, ईमानदारी और अहिंसा का महत्व सिखाया। छात्र उनके पसंदीदा भजन- ‘रघुपति राघव’ को गाने के अलावा विधानसभाओं में इसका पालन करने की शपथ लेते हैं।

गांधी जयंती पर निबंध 500 शब्द (Gandhi Jayanti Essay 500 words in Hindi)

गांधी जयंती एक प्रमुख राष्ट्रीय त्योहार है जिसका उत्सव भारत में 2 अक्टूबर को मनाया जाता है। सबसे उल्लेखनीय, यह त्यौहार मोहनदास करमचंद गांधी की जयंती मनाता है। इसके अलावा, गांधी जयंती भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया गया है। त्योहार निश्चित रूप से भारत में एक महत्वपूर्ण अवसर है।

महात्मा गांधी का जन्म ब्रिटिश शासन के तहत भारत में हुआ था। वह निश्चित रूप से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सबसे प्रमुख व्यक्ति थे। महात्मा गांधी को “राष्ट्रपिता” की उपाधि से सम्मानित किया गया है। यह भारत की स्वतंत्रता के लिए उनके निरंतर सर्वोपरि प्रयासों के कारण था।

गांधी का व्यापारी वर्ग का परिवार था। यह आत्मविश्वासी व्यक्ति 24 वर्ष की आयु में दक्षिण अफ्रीका चला गया। वह वहां कानून की पढ़ाई करने गया था। 1915 में दक्षिण अफ्रीका से उनकी वापसी हुई। फिर वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने। अपने अथक परिश्रम के कारण वे जल्द ही कांग्रेस के अध्यक्ष बन गए।

महात्मा गांधी के प्रयास केवल भारतीय स्वतंत्रता तक ही सीमित नहीं थे। मनुष्य ने विभिन्न प्रकार की सामाजिक बुराइयों से भी संघर्ष किया। ये सामाजिक बुराइयाँ अस्पृश्यता, जातिवाद, स्त्री अधीनता आदि थीं। इसके अलावा, उन्होंने गरीबों और ज़रूरतमंदों की मदद के लिए भी महत्वपूर्ण प्रयास किए।

महात्मा गांधी को भारत में ब्रिटिश शासन के प्रति घोर अरुचि थी। हालांकि, वह हिंसा के रास्ते के पक्ष में नहीं थे। गांधी अहिंसा (अहिंसा) के दर्शन में सख्ती से विश्वास करते थे। नतीजतन, उस व्यक्ति ने शांतिपूर्ण तरीके से ब्रिटिश शासन का विरोध किया। इसके अलावा, गांधी के शांतिपूर्ण विरोध और आंदोलन अत्यधिक प्रभावी थे। उनके तरीके और योजनाएँ बहुत कुशल थीं। अपनी अविश्वसनीय प्रभावशीलता के कारण, गांधीजी अन्य विश्व नेताओं के लिए प्रेरणा बन गए। एक बार फिर, गांधी को महात्मा की एक और उपाधि से सम्मानित किया गया। महात्मा शब्द का अर्थ महान आत्मा है। उनके जन्मदिन को शानदार स्मरण और उत्सव के दिन में बदल दिया गया।

महात्मा गांधी की स्मृति

सबसे पहले, गांधी जयंती और कुछ नहीं बल्कि महात्मा गांधी की एक भव्य स्मृति है। गांधी जयंती निश्चित रूप से भारत के राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है। देशभक्ति के इस अवसर का उत्सव हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में आयोजित किया जाता है।

गांधी जयंती के अवसर पर प्रार्थना सेवा और श्रद्धांजलि होती है। ये प्रार्थना सेवाएं और श्रद्धांजलि पूरे देश में होती हैं। इसके अलावा, गांधी जयंती पर विभिन्न प्रार्थना सभाएं और स्मारक समारोह भी होते हैं। ये आयोजन स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी और निजी संस्थानों में होते हैं। खास बात यह है कि इस तरह के आयोजनों में हर तबके के लोग हिस्सा लेते हैं।

जगह-जगह चित्रकला, निबंध आदि की प्रतियोगिताएं होती रहती हैं। इसके अलावा, ऐसी प्रतियोगिताओं के लिए पुरस्कारों का वितरण होता है। कई स्कूलों और कॉलेजों में छात्र महात्मा गांधी के जीवन पर वृत्तचित्र और प्रदर्शन भी देखते हैं। नतीजतन, युवाओं के बीच अहिंसक जीवन शैली को बढ़ावा मिल रहा है। गांधीजी के पसंदीदा भजन (हिंदू भक्ति गीत) के गायन कार्यक्रम भी हैं। एक अन्य अनुष्ठान गांधी प्रतिमाओं को फूलों और मालाओं से सजाया जाता है। अंत में, कुछ व्यक्ति गांधी जयंती पर मांस खाने या शराब पीने से बचते हैं।

गांधी जयंती महात्मा गांधी के महान व्यक्तित्व का सम्मान करती है। यह इस महान व्यक्तित्व के जीवन को प्रतिबिंबित करने और संजोने का अवसर है। इसके अलावा, सभी को इस दिन उनकी तरह जीने की कोशिश करनी चाहिए। गांधी जयंती निश्चित रूप से भारत में एक बहुत ही देशभक्ति का दिन है।

गांधी जयंती निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: (FAQs)

Q.1 गांधीजी ने अपने प्रथम सत्याग्रह का प्रयोग कहाँ किया था.

उत्तर. गांधीजी ने अपना पहला सत्याग्रह 1906 में दक्षिण अफ्रीका में प्रयोग किया।

Q.2 महात्मा गांधी के आध्यात्मिक गुरु कौन थे?

उत्तर. लियो टॉल्स्टॉय महात्मा गांधी के आध्यात्मिक गुरु थे।

Q.3 हम अहिंसा का अंतर्राष्ट्रीय दिवस कब मनाते हैं?

उत्तर. अहिंसा का अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2 अक्टूबर को गांधीजी के जन्मदिन पर मनाया जाता है।

Q.4 गांधीजी को किस विश्वविद्यालय ने अपने स्थापना दिवस पर आमंत्रित किया था?

उत्तर. गांधीजी को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने के लिए बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था।

Q.5 गांधीजी दक्षिण अफ्रीका से भारत कब लौटे थे?

उत्तर. गांधीजी 9 जनवरी को दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे और इस दिन को प्रवासी भारत दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Q.6 आरबीआई द्वारा महात्मा गांधी श्रृंखला के बैंक नोट कब जारी किए गए थे?

उत्तर. 1996 में RBI द्वारा महात्मा गांधी श्रृंखला के बैंकनोट जारी किए गए थे।

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Speech on Mahatma Gandhi in Hindi – स्टूडेंट्स के लिए 100, 200 और 300 शब्दों में

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  • Updated on  
  • सितम्बर 16, 2023

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गांधी जयंती 2 अक्टूबर को मनाई जाती है, क्योंकि मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था। स्टूडेंट्स के लिए गांधीजी के संदेश महत्वपूर्ण माने जाते हैं और उनके विचार स्टूडेंट्स को अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। इसलिए हर वर्ष 2 अक्टूबर के दिन पूरे देश में जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और इनमें लोगों द्वारा गांधी जी के बारे में बताया जाता है, इसलिए इस ब्लाॅग Speech on Mahatma Gandhi in Hindi में आप 100, 200 और 300 शब्दों में महात्मा गांधी पर भाषण ।

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महात्मा गांधी के बारे में, महात्मा गांधी पर स्पीच कैसे तैयार करें, महात्मा गांधी पर स्पीच 100 शब्दों में, महात्मा गांधी पर स्पीच 200 शब्दों में, स्पीच की शुरुआत में, स्पीच में क्या बोलें, स्पीच के अंत में, महात्मा गांधी से जुड़े रोचक तथ्य, गांधी जयंती कब मनाई जाती है.

Speech on Mahatma Gandhi in Hindi शुरू करने से पहले हमें महात्मा गांधी के बारे में जानना जरूरी है। मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 02 अक्टूबर 1869 गुजरात के पोरबंदर गांव में हुआ था। गांधीजी हमेशा अहिंसा के रास्ते पर चलते थे। 1930 दांडी यात्रा करके नमक सत्याग्रह किया था। गांधीजी ने वकालत की पढ़ाई लंदन से पूरी की थी। लोग प्यार से उन्हें बापू कहते हैं और बापू हिंसा के खिलाफ थे। बापू हमेशा साधारण सा जीवन जीते थे।

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भारत ही नहीं बल्कि किसी भी देश में कई आयोजन होते रहते हैं और इन आयोजनों में स्पीच का काफी महत्व होता है। अगर आप स्पीच देते हैं तो यह आपको औरों से अलग बनाता है। भारत में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है और इस दिन जगह-जगह कार्यक्रमों में स्पीच (Speech on Mahatma Gandhi in Hindi) देने के लिए ये स्टेप्स अपनाएंः

  • महात्मा गांधी पर स्पीच देने से पहले उनके बारे में सही से जानकारी करना जरूरी है।
  • स्पीच लिखते समय आपको शब्दों का सही चयन करना होगा।
  • सही से स्पीच तैयार करने और समय का ध्यान रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए। 
  • अपनी स्पीच में भाषा के महत्व को देखना है कि आप जहां बोल रहे हैं, वहां हिंदी सही रहेगी या इंग्लिश। 
  • स्पीच की शुरुआत महात्मा गांधी से जुड़े तथ्यों या फिर उनकी शिक्षा या अन्य कोई बड़ी कामयाबी से कर सकते हैं। 
  • स्पीच में महात्मा गांधी का महत्व बताते हुए उनके कुछ बड़े आंदोलन का उल्लेख कर सकते हैं।
  • स्पीच तैयार करते समय यह जानना जरूरी है कि लोगों पर इसका क्या असर रहेगा और यह हमारे लिए कैसे फायदेमंद रहेगी।
  • स्पीच में विषय से भटकना नहीं चाहिए, अगर महात्मा गांधी पर बोल रहे हैं तो पूरे समय में उनके बारे में ही बात होनी चाहिए।

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100 शब्दों में Speech on Mahatma Gandhi in Hindi इस प्रकार हैः

महात्मा गांधी एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया। इसमें कोई शक नहीं कि लोग उन्हें राष्ट्रपिता कहते हैं। गरीबों, पीड़ितों और निचली जाति के लोगों के प्रति उनकी सहानुभूति बिल्कुल अद्वितीय है। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ। इनके पिता का नाम करमचंद गाँधी तथा माता का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गाँधी के पिता कठियावाड़ के छोटे से रियासत (पोरबंदर) के दिवान थे। 13 वर्ष की आयु में गाँधी जी का विवाह कस्तूरबा से करवा दिया गया था। गांधी जी की शिक्षा का विचार मुख्य रूप से चरित्र निर्माण, नैतिक मूल्यों, नैतिकता और मुक्त शिक्षा पर केंद्रित था।

200 शब्दों में Speech on Mahatma Gandhi in Hindi इस प्रकार हैः

देश में आंदोलनों की जब भी बात होती है तो महात्मा गांधी को सबसे ऊपर रखा गया है। 2 अक्टूबर को हम सब इसलिए एकत्र होते हैं कि उन्हें उनकी जयंती पर नमन करें और उनके योगदान को जानें। महात्मा गांधी के बारे में हर भारतवासी को जानना चाहिए। जलियांवाला बाग नरसंहार से गांधी जी को यह ज्ञात हो गया था कि ब्रिटिश सरकार से न्याय की अपेक्षा करना व्यर्थ है, इसीलिए उन्होंने सितंबर 1920 से फरवरी 1922 के मध्य भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन चलाया। यह आंदोलन काफी सफल रहा और इससे ब्रिटिश सरकार को भारी झटका लगा।

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ। इनके पिता का नाम करमचंद गाँधी तथा माता का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गांधी के पिता कठियावाड़ के छोटे से रियासत (पोरबंदर) के दिवान थे। 13 वर्ष की आयु में गांधी जी का विवाह कस्तूरबा से करा दिया गया था। 1930 में गांधी जी ने असहयोग आंदोलन चलाया और 1942 में उन्होंने अंग्रेजों से भारत छोड़ने का आह्वान किया। अपने इन आन्दोलन के दौरान वह कई बार जेल गए और गांधी जी से अन्य लोगों के दृढ़ निश्चय से हमारा भारत 1947 में आजाद हुआ था।

महात्मा गांधी पर स्पीच 300 शब्दों में

300 शब्दों में Speech on Mahatma Gandhi in Hindi इस प्रकार हैः

गांधी जयंती या फिर महात्मा गांधी के ऊपर स्पीच की शुरुआत में सबसे पहले जहां स्पीच दे रहे हैं वहां के वरिष्ठ लोगों का संबोधन करना है और फिर महात्मा गांधी और गांधी जयंती के बारे में थोड़ा बताना है। जैसे- भारत की आजादी से पहले और बाद तक महात्मा गांधी का योगदान या फिर उनके आंदोलन आदि। गांधी जी के परिवार के बारे में भी बता सकते हैं। 

गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। 2 अक्टूबर को हम उन्हीं की याद में गांधी जयंती मनाते हैं। गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। गांधी जी के पिता का नाम करमचंद उत्तमचंद गांधी था और वह राजकोट के दीवान रह चुके थे। गांधी जी की माता का नाम पुतलीबाई था। गांधी जी ने पोरबंदर में पढ़ाई की थी और फिर माध्यमिक परीक्षा के लिए राजकोट गए थे। वकालत की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड गए। बाद में उन्हें कानूनी केस में दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ा और वहां उन्होंने रंग के चलते हो रहे भेदभाव को महसूस किया और उसके खिलाफ अपनी आवाज़ उठाने की सोची। 

वहां से इंडिया आने के बाद उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत की तानाशाह को जवाब देने के लिए और अपने समाज को एकजुट करने के बारे में सोचा। इसी दौरान उन्होंने कई आंदोलन किए, जिसके लिए वे कई बार जेल भी जा चुके थे। बिहार के चम्पारण में किसानों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाई। यह आंदोलन उन्होंने जमींदार और अंग्रेज़ों के खिलाफ किया था। 1930 में गांधी जी ने असहयोग आंदोलन चलाया और 1942 में उन्होंने अंग्रेजों से भारत छोड़ने का आह्वान किया। अपने इन आंदोलन के दौरान वह कई बार जेल गए थे।

महात्मा गांधी ने अपनी छाप वैश्विक पटल छोड़ी है और इसीलिए प्यार से लोग उन्हें बापू बुलाते हैं। महात्मा गांधी को 2 अक्टूबर के दिन यानी गांधी जयंती पर नमन किया जाता है और देश के लिए किए उनके कार्यों को ध्यान दिलाया जाता है। इन शब्दों के साथ मैं अपने भाषण को विराम देता हूं। धन्यवाद।

महात्मा गांधी से जुड़े रोचक तथ्य इस प्रकार हैंः

  • एक छोटे बच्चे के रूप में गांधी बहुत शर्मीले थे और किसी से बात करने से बचने के लिए स्कूल खत्म होते ही घर भाग जाते थे।
  • संयुक्त राष्ट्र ने 2007 में गांधी के जन्मदिन, 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया।
  • गांधीजी को 5 बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था लेकिन उन्हें कभी पुरस्कार नहीं मिला।
  • टाइम मैगजीन ने 1930 में महात्मा गांधी को पर्सन ऑफ द ईयर नामित किया।
  • इतिहास की किताबों के अनुसार गांधीजी को महात्मा की उपाधि रवीन्द्रनाथ टैगोर ने दी थी।
  • ब्रह्मचर्य का व्रत लेने से पहले, महात्मा गांधी के चार बेटे थे।
  • मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या पूर्व बिड़ला हाउस के बगीचे में की गई थी।
  • गांधी जी और प्रसिद्ध लेखक लियो टॉल्स्टॉय पत्रों के माध्यम से एक-दूसरे से बातचीत करते थे।
  • महात्मा गांधी की मातृभाषा गुजराती थी।
  • गांधी जी ने सत्याग्रह संघर्ष में अपने सहयोगियों के लिए दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग से 21 मील दूर 1100 एकड़ की जगह पर एक छोटी कॉलोनी, टॉल्स्टॉय फार्म की स्थापना की।
  • 1930 में उन्होंने दांडी नमक मार्च का नेतृत्व किया और 1942 में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन चलाया।

हर वर्ष 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है। गांधी जयंती को पूरे भारत में प्रार्थना सेवाओं और श्रद्धांजलि के साथ मनाया जाता है, जिसमें नई दिल्ली में गांधी के स्मारक, राजघाट, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया था भी शामिल है।

संबंधित ब्लाॅग

महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है।

महात्मा गांधी का मुख्य नारा भारत छोड़ो, करो या मरो है।

महात्मा गांधी की बेटी नहीं थी, उनके चार बेटे थे।

महात्मा गांधी का विवाह कस्तूरबा से हुआ था।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Speech on Mahatma Gandhi in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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स्टडी अब्राॅड प्लेटफाॅर्म Leverage Edu में सीखने की प्रक्रिया जारी है। शुभम को 4 वर्षों का अनुभव है, वह पूर्व में Dainik Jagran और News Nib News Website में कंटेंट डेवलपर रहे चुके हैं। न्यूज, एग्जाम अपडेट्स और UPSC में करंट अफेयर्स लगातार लिख रहे हैं। पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद शुभम ने एजुकेशन के अलावा स्पोर्ट्स और बिजनेस बीट पर भी काम किया है। उन्हें लिखने और रिसर्च बेस्ड स्टोरीज पर फोकस करने के अलावा क्रिकेट खेलना और देखना पसंद है।

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गांधी जयंती पर भाषण और कविता | Gandhi Jayanti Speech In Hindi 2024

गांधी जयंती 2024 पर भाषण और कविता Gandhi Jayanti Speech In Hindi : 2 अक्टूबर 2024 को गाँधी जयंती है. हमारे राष्ट्रपिता कहे जाने वाले महात्मा गांधी का जन्म इस दिन 1869 को हुआ था.

Gandhi Jayanti Poem Speech In Hindi में स्टूडेंट्स के लिए गांधी जयंती 2022 पर भाषण और मोहनदास करमचन्द गांधीजी पर कविता प्रस्तुत कर रहे हैं.

आशा करते हैं गांधीजी जयंती स्पीच 2024 आपकों पसंद आएगा. mk Gandhi Par Speech In Hindi Language For School Kids & Students Read In class 1, 2, 3,4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 Find Here Best short Gandhi jayanti speech 2024 With Short Information about Nation Father Mk Gandhi.

गांधी जयंती 2024 पर भाषण कविता Gandhi Jayanti Speech In Hindi

गांधी जयंती 2024 पर भाषण और कविता Gandhi Jayanti Speech Hindi

Gandhi Jayanti Speech In Hindi गांधी जयंती 2 अक्टूबर को हर साल मनाई जाती है. इस साल 2024 में महात्मा गांधी जयंती के दिन सभी विद्यालयों और कोलेज में राष्ट्रपिता गांधीजी के जीवन उनके विचारों पर कविता भाषण प्रस्तुत किये जाते है. य

हाँ आपकों गांधी जयंती के अवसर पर बोलने के लिए Gandhi Jayanti Par Bhashan Speech  उपलब्ध करवाया जा रहा है.

Speech On Gandhi Jayanti 2024 In Hindi

सम्माननीय मंच, प्रधानाचार्य महोदय जी समस्त विद्वान् गुरुजनों और मेरे साथ पढ़ने वाले भाइयों और बहिनों. जैसा कि आप सभी जानते है आज हम हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाने बाबत यहाँ एकत्रित हुए है.

गांधी जयंती के इस पावन अवसर में मुझे बोलने का अवसर प्रदान करने के लिए मेरे कक्षाध्यापक जी का विशेष आभार धन्यवाद. दोस्तों आज 2 अक्टूबर का दिन है आज ही के दिन 1869 को गुजरात राज्य के पोरबंदर जिले में एक ऐसे महापुरुष का जन्म हुआ था,

जिन्होंने सत्य और अहिंसा के पथ पर आजीवन चलते हुए विश्व के सबसे ताकतवर सम्राज्यी शक्ति ब्रिटेन को परास्त करने में सफलता अर्जित की थी.

गुजराती ब्राह्मण परिवार में जन्मे महात्मा गांधी जिनका पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी था. इनके पिताजी का नाम करमचन्द और माताजी का नाम पुतलीबाई था. मात्र 13 वर्ष की अवस्था में इनका विवाह कस्तूरबा के साथ हो गया था.

इन्होने आरम्भिक शिक्षा अपने जिले के ही एक विध्यालय से ही प्राप्त की थी. आगे की पढ़ाई के लिए इन्हें इंग्लैंड भेज दिया गया, जहाँ से बैरिस्टर (वकालत) की पढ़ाई पर भारत लौटे. m गांधी ने कुछ समय तक अहमदाबाद में वकालत की, एक केस के सिलसिले में उन्हें दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ा था.

गांधीजी की अफ्रीका यात्रा उनके जीवन का अहम मोड़ था. साउथ अफ्रीका में मूल निवासियों तथा प्रवासी भारतीयों के साथ वहां की गोरी सरकार के अत्याचार का सामना इन्हें भी करना पड़ा. एक बार रेल यात्रा के दौरान वे गोरो लोगों के डिब्बे में बैठ गये थे.

रंगभेद की निति के चलते अंग्रेज लोगों ने गांधीजी को डिब्बे से बाहर कर दिया. इस घटना से आहत होकर उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में ही रंगभेद के खिलाफ सत्याग्रह शुरू कर दिया. कुछ हद तक वहां समानता की स्थति बनने के बाद गांधी 1915 में भारत लौट आए.

जब गांधीजी भारत लौटे तो कुछ किसान नेताओं ने उनका ध्यान स्थानीय नील व्यापरियों तथा जमीदारों द्वारा कृषकों के शोषण की घटनाओं के बारे में अवगत करवाया. किसानों तथा मजदूरों के शोषण के खिलाफ इन्होने खेड़ा और चम्पारण नामक क्षेत्रों में किसान आंदोलनों का नेतृत्व किया.

जब अंग्रेज सरकार को इस प्रकार के सत्याग्रह विरोध की जानकारी मिली तो उन्होंने गांधीजी को जेल में बंद करने का आदेश दे दिया. मगर किसानों और मजदूरों को मिली एक आशा की किरण को वो किसी भी सूरत में समाप्त नही होने देना चाहते थे.

गांधी जयंती पर सरल भाषण इन हिंदी 2024 महात्मा गांधी स्पीच

अतः उन्होंने अपने विरोध आंदोलन को सरदार वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व में जारी रखा तथा गांधीजी को रिहा करने को लेकर आंदोलन का अल्टीमेटम जारी कर दिया.

स्थति को समझते हुए अंग्रेज सरकार ने आन्दोलन की सभी मांगो को मानते हुए महात्मा गांधी को जेल से रिहा कर दिया. इस तरह भारत में पहले राजनितिक संघर्ष में मिली सफलता के बाद सत्य और अहिंसा के दम पर इन्होने भारत को आजाद करवाने का संकल्प लिया.

इसके बाद 13 अप्रैल 1919 को पंजाब के जलियावाला बाग नामक स्थान पर अंग्रेज सरकार द्वारा हजारों निर्दोष नागरिकों को मारने के विरोध में गांधीजी ने असहयोग आंदोलन शुरू किया.

इस आंदोलन में सभी भारतीय अधिकारी, शिक्षक और अंग्रेजी सेवा में काम करने वाले सभी भारतीयों ने अपने काम का त्याग कर गांधीजी के समर्थन में सड़को पर आए गये थे.

इसके बाद दांडी नमक सत्याग्रह, स्वदेशी आंदोलन, हरिजन आंदोलन तथा भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व भी गांधीजी ने किया.

भारत को स्वतंत्रता 15 अगस्त 1947 को मिली, इसमे महात्मा गांधी का सबसे बड़ा योगदान था. देश की आजादी के लिए महात्मा गांधी ने अपने जीवन के कई साल जेल की काल कोठरियों में बिताएं तब जाकर भारत को आजादी मिली.

वकालत व्यवसाय में करियर शुरू करने वाले गांधी इतने लोकप्रिय हुए कि लोगों ने इन्हें महात्मा और बापू “राष्ट्रपिता” जैसे उपनामों से पुकारना शुरू किया.

महात्मा गांधी एक सच्चे देशभक्त और महान स्वतंत्रता सेनानी थे ही साथ ही अच्छे समाज सुधारक भी थे. जीवन पर्यन्त इन्होने समाज में व्याप्त बुराइयों को समाप्त करने के लिए साहसिक कदम उठाए.

स्वच्छता को ईश्वरीय गुण मानने वाले गांधीजी स्वय गन्दी बस्तियों में अपने हाथ से झाड़ू निकालकर भारत को स्वच्छ बनाने की दिशा में कार्य करने वाले पहले इंसान थे.

समाज में व्यापत रूढ़ीवाद तथा छुआछूत तथा निम्न जाति के लोगों के साथ उच्च जातियों द्वारा अत्याचार व् भेदभाव पूर्ण व्यवहार को समाप्त करने के लिए हरिजन आंदोलन और दलित उद्धार के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए.

गाँधी जयंती एक ऐसा अवसर है जिसमे हमे एक ऐसें महान महापुरुष को याद कर उनकी राह पर चलने का संकल्प करना चाहिए. जिन्होंने सम्पन्न स्वतंत्र और एक स्वच्छ भारत की कल्पना की थी.

जिनमे बिना किसी उंच नीच के भेद किये सभी नागरिकों को समान रूप से मौलिक सुविधा उपलब्ध करवाए जाए. गाँधी जयंती के अवसर पर अंत में बस इतना ही कहना चाहुगा. कि अमूमन माना जाता है कि अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता.

मगर गांधीजी ने अकेले की एक ऐसें मिशन की शुरुआत जिनका पूरा होना लगभग अस्मभव था. मगर किसी नेक कार्य को करने का मजबूत इरादे भर के पीछे चलने वालों की संख्या लाखों करोड़ो तक चली गई.

इसी प्रकार आज समाज और देश में व्याप्त समस्याओं से निजात पाने के लिए हमे एक और महात्मा गांधी चाहिए जो हमारे बिच में से ही कोई है.

गांधी जयंती पर कविता (Poem on Gandhi Jayanti In Hindi)

गांधी के विरोधियों पुजारियों का मेल है राजनीति सांप और नेवले का खेल है काँग्रेसियों का देखो आज तुम कमाल जी धीरे-धीरे पूरी काँग्रेस है हलाल जी कोई पश्चाताप नहीं ना कोई मलाल जी क्या हुआ जो जूतियों में बँट रही है दाल जी ये नेहरु और गोखले की जान थीं काँग्रेस इंदिरा जी की आन-बान-शान थीं काँग्रेस गांधी जी तिलक का स्वाभिमान थीं कल स्वतंत्रता – सेनानी होने का प्रमाण थीं CONGRESS अरुणा आसिफ अली का ईमान थीं काँग्रेस भारती की पूजा का सामान थीं काँग्रेस भिन्नता में एकता की तान थीं पूरे देश को जो बांध सके वो कमान थीं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस काँग्रेसी थे टंडन जी, नरेंदर देव घोष काँग्रेसी थे लाल बहादुर की अंतिम साँस काँग्रेस थीं लोहिया जी की भी कभी प्यास काँग्रेस थीं लाला लाजपत की चोट वाली काँग्रेस थीं हर गली – गली में वोट वाली काँग्रेस थीं जे.पी. की भी जली थीं जवानी काँग्रेस में आजादी की पली थीं कहानी काँग्रेस में काँग्रेस पार्टी जो शुरू से महान थीं जो स्वतंत्र – काल में अधिक समय प्रधान थीं काँग्रेसी टोपी कल जो शीश पे थीं शेरों के आज पैरों में है ऐरे – गैरे नत्थू खैरों के

अंत में गांधी जयंती 2024 के भाषण को यह कहकर ही समाप्त करुगा, हर सदी में देवता धरती पर अवतरित होकर दीन दुखियो के कष्ट दूर करते हैं. महात्मा गांधी भी दलितों, वंचितों तथा महिलाओं के मसीहा थे.

सत्य और अहिंसा की राह पर चलकर जीवन में बड़े से बड़े उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सकता हैं. यह हमें गांधीजी के जीवन को एक उदाहरण के रूप में देखने से ही स्पष्ट हो जाता हैं. अतः आज हम सभी को गांधीजी के जीवन से जुडी किसी एक अच्छाई को अपने जीवन में अपनाने का प्रण अवश्य लेना चाहिए.

गांधी जयंती 2024 पर निबंध भाषण लेख हिंदी में Gandhi Jayanti Essay Speech in Hindi

एक ही दिन भारत की पवित्र भूमि पर दो महापुरुषों ने जन्म लिया, दिन था 2 अक्टूबर का इस दिन महात्मा गांधी और आदर्श राजनेता और भारत के द्वीतीय प्रधानमन्त्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म दिन है.

Gandhi Jayanti 2024  इस दिन देश भर में गांधी जयंती व शास्त्री जयंती के अवसर पर शिक्षण संस्थानों में कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन होता है.

इस अवसर पर स्टूडेंट कई दिन पूर्व से ही महात्मा गांधी पर निबंध, भाषण, लेख, कविता, जीवनी और उनके विचारों को प्रस्तुत करते के लिए सर्च करने में लग जाते है.

यहाँ आपकों गांधी जयंती 2024 पर निबंध भाषण लेख  / Gandhi Jayanti Essay Speech उपलब्ध करवाए जा रहे है.

गांधी जयंती पर भाषण 2024 (Speech on Gandhi Jayanti In Hindi)

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय समस्त विद्वान गुरुजनों मेरे साथ पढ़ने वाले समस्त भाइयो और बहिनों. जैसा कि सर्वविदित है आज हम सब गांधी जयंती मनाने के उपलक्ष्य में यहाँ एकत्रित हुए थे.

महात्मा गांधी जिन्हें हम बापू और राष्ट्रपिता के नाम से संबोधित करते है, महान महापुरुष एवं स्वतंत्रता सेनानी थी. यदि हम यह कहे कि आज के भारत के निर्माण में गांधी का सर्वाधिक योगदान था. तो कुछ भी गलत नही है. क्युकि भारत की स्वतंत्रता और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए उन्होंने सभी धर्मो के लोगों को एक करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की.

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 के दिन गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. इनका पूरा नाम मोहनदास कर्मचन्द गांधी था. इनके पिताजी करमचन्द गांधी पोरबन्दर में ही दीवान की ही नौकरी करते थे. इनकी माँ का नाम पुतली बाई था.

जो धार्मिक प्रवृति की महिला थी, जिनका बहुत बड़ा प्रभाव गांधी के जीवन पर पड़ा. महात्मा गांधी ने आरम्भिक पढाई वही के एक निजी विद्यालय से की इसके बाद वकालत की पढाई के लिए इंग्लैंड चले गये थे. महात्मा गांधी का मात्र 13 वर्ष की आयु में ही कस्तूरबा गांधी के साथ विवाह सम्पन्न हो गया था.

वकालत की डिग्री हासिल करने के बाद इन्होंने बोम्बे कोर्ट से कुछ मुकदमे लड़े और इसके पश्चात ये दक्षिण अफ्रीका चले गये वहां पर अंग्रोजो की रंगभेद निति से बहुत आहत हुए और गोरो लोगों के ख़िलाफ एक आंदोलन छेड़ा.

अफ्रीका में मिली सफलता के बाद महात्मा गांधी 1915 को भारत लौट आए. यहाँ उनका ध्यान किसानो और निम्न वर्ग के साथ अंग्रेज सरकार की अत्याचार पूर्ण नीतियों पर गया.

जिनके विरोध में गांधीजी ने कई बड़े आंदोलन किये जिनमे उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा. मगर अपने अट्टल निश्चय के आगे अंग्रेज सरकार को झुकना पड़ा.

और 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी प्रदान कर दी थी. भारत विभाजन के बाद उपजी विषम परिस्थिति में इन्होने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, संभवत वही इनके जीवन के अंत का कारक बनी.

30 जनवरी 1948 को दिल्ली में प्रार्थना सभा के दौरान नाथूराम गोडसे ने गांधीजी पर गोली चला दी, जिससे उनकी मृत्यु हो गई. उनकी याद में दिल्ली के राजघाट में शहीद स्मारक बनाया गया.

तथा 30 जनवरी को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है. महात्मा गांधी के जन्म दिवस 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में मनाकर ऐसे महान देशभक्त के कार्यो को याद किया जाता है.

गांधी जयंती भाषण 2024 (Gandhi Jayanti Essay In Hindi)

“दे दी हमें आजादी खड्ग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल”

सत्य और अहिंसा की राह पर चलकर मानवता की वकालत करने वाले महात्मा गांधी न सिर्फ हमारे बापू है. बल्कि विश्व के 100 से अधिक देशों के आदर्श नेता है इस बात को समझने के लिए यह तथ्य काफी है कि महात्मा गांधी एकमात्र वो इंसान है.

जिनके नाम दुनिया के सबसे अधिक देशों ने डाक टिकट जारी किया हो, तकरीबन 104 मुल्कों के डाक टिकट इस महामानव के नाम जारी होना अपने आप में अनूठा है.

चल पड़े जिधर दो पग डगमग, चले पड़े कोटि पग उसी ओर, पड़ गई जिधर भी एक द्रष्टि, गढ़ गये कोटि दरग.

ये पक्तियां महात्मा गांधी के जीवन पर बिलकुल उपयुक्त है. आज जिनके करोड़ो अनुयायी यू ही नही है बल्कि उन्होंने भारत को आजादी दिलाने में अहम योगदान दिया था. जब 1883 में वे दक्षिण अफ्रीका एक केस के सिलसिले में गये यही से इनके राजनितिक जीवन की शुरुआत हुई थी.

6 जुलाई 1944 में नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने जी ने सबसे पहले बापू को राष्ट्रपिता कहकर अपने अभियान में सफलता के लीये आशीर्वाद माँगा था.

बोस पहले इंसान थे जिन्होंने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के नाम से पुकारा वही 1915 में रविन्द्रनाथ टैगोर ने इन्हें पहली बार महात्मा की उपाधि दी थी. गांधी ने टैगोर को पहली दफा गुरुदेव कहा था.

गाँधी जयंती नारे और स्लोगन (gandhi jayanti slogans in hindi)

  • हम वो बन सकते है, जैसा बनने में यकीन करते है यह बात इस स्थति में भी लागू होती है मै जिस काम को करने में असमर्थ समझता हु यकीनन मै उसे करने में असफल हो जाता हु. इसके विपरीत मै जिस कार्य में यकीन करता हु कि मै इसे कर सकता हु निश्चित रूप से उसे कर ही लेता हु.
  • बुरी बाते सुनने से मन में अशांति और पवित्रता का अंत होता है. इसलिए बुरा मत देखो बुरा मत सुनो बुरा मत देखो.
  • दुनिया के अधिकतर भूखे लोग रोटी के रूप में इश्वर के दर्शन करते है.
  • दिल की कोई भाषा नही होती है, एक दिल की बात दूसरा दिल समझ जाता है.
  • स्वयं बदलाव कर वो बनिये जो आप दुसरे में देखना चाहते है.
  • आपकों इंसानियत में विशवास करना चाहिए क्युकि यह तो सागर की तरह है जिसमे कुछ बुँदे गन्दी होने से सागर गंदा नही हो सकता है.
  • जब आपका मुकाबला अपने शत्रु से हो तो उसे प्रेम से अहिंसा से जीते.

महात्मा गांधी जयंती 2024 के बारे में जानकारी Gandhi Jayanti Information In Hindi

सत्य एवं अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी के जीवन से हर कोई परिचित हैं. राष्ट्रपिता कहे जाने वाले महत्मा गांधी के जन्म दिवस को सम्पूर्ण भारत गांधी जयंती के रूप में मनाता हैं. बापू ने आजीवन राष्ट्रसेवा के व्रत का पालन करते हुए भारत को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी.

गांधी जयंती को भारत के राष्ट्रीय उत्सवों की श्रेणी में रखा जाना इसके महत्व को बताता हैं. इस पुण्य दिन भारत की धरा पर एक और सपूत ने जन्म लिया था. उनका नाम लाल बहादुर शास्त्री था.

वे भारत के दूसरे प्रधानमन्त्री थे, इसलिए 2 अक्टूबर को हर साल हम शास्त्री-गांधी जयंती मनाते हैं. महात्मा गांधीजी की जयंती पर कुछ जानकारी (Information On Gandhi Jayanti) को गांधी जयंती के भाषण, निबंध के रूप में बोल सकते हैं.

बापू जिनका पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी था. इन्हें राष्ट्रपिता एवं महात्मा की उपाधि से सम्मानित किया गया. उनकें सत्य एवं अहिंसा के सिद्धांतों के बल पर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था.

स्वदेशी प्रेम, हिन्दू मुस्लिम एकता, दलित एवं स्त्रियों के हित की बात करने वाले गांधीजी आज मरकर भी हमारे दिलों में जिन्दा हैं. गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) हमें बापू के कदमों पर चलने की प्रेरणा देती है.

हमारा कर्तव्य है कि हम गांधी के सपने के भारत को मिलकर बनाएं और उन्हें श्रद्धांजली स्वरूप स्वच्छ भारत सम्रद्ध भारत की तस्वीर पेश करे.

गाँधी जयंती कब मनाई जाती हैं ? (Gandhi Jayanti Date)

आज के समय में यह यकीन करना कठिन है कि कोई व्यक्ति कैसे बिना शस्त्र एवं हिंसा के सैकड़ों वर्षों से शासन करने वाले लोगों को सत्ता छोड़ने के लिए विवश कर सकता हैं.

यह वैज्ञानिक आइन्स्टाइन ने भविष्यवाणी भी की थी कि आने वाली हमारी पीढियां यकीन नही करेगी कि ऐसा भी कोई पुरुष हुआ था.

200 वर्षों की दासता से भारत को आजादी दिलाने में महात्मा गांधी की राजनैतिक सोच का महत्वपूर्ण स्थान थे. अब तक भारत की आजादी के लिए व्यापक संघर्ष व हड़ताले हो चुकी थी. 1857 की क्रांति के बावजूद अंग्रेजी सत्ता की जड़े नही हिली थी.

मगर बापू ने इसे सशस्त्र क्रांतिकारी आन्दोलन को जन आन्दोलन का रूप दिया जिसमें विद्यार्थी, मजदूर, सरकारी कर्मचारी, महिलाएं व सभी वर्गों के लोग सम्मिलित थे.

महात्मा गांधी का जीवन परिचय

गांधीजी ने भारतीयों को एकता के सूत्र में बांधकर राष्ट्रव्यापी आन्दोलन चलाए और अंग्रेजों को उनके हार माननी पड़ी थी. ऐसे महान पुरुष का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था.

उन्होंने इंग्लैंड से वकालत की डिग्री की तथा व्यवसाय के सिलसिले में उन्हें दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ा. इसी दौरे ने उन्हें सामान्य जन से एक जुझारू व्यक्तित्व वाला इन्सान बना दिया था.

जब वे अफ्रीका में रंगभेद की निति के विरुद्ध किये गये आन्दोलन में सफलता के बाद भारत लौटे तथा यहाँ के किसानो ने उन्हें अपने प्रतिनिधि के रूप में चुना. धीरे धीरे उनकी लोकप्रियता देशभर में फैलती गई एक 1918 आते आते महात्मा गांधी राष्ट्रीय नेता के तौर पर जाने जाने लगे.

राष्ट्रीय आन्दोलन एवं भारत को स्वतंत्रता

उन्होंने कई बड़े आंदोलनों का नेतृत्व किया, जिनमें 1942 का भारत छोड़ो आन्दोलन सबसे प्रभावी एवं सफल आन्दोलन था. इसी आन्दोलन के दौरान उन्होंने करो या मरो और अंग्रेजो भारत छोड़ो के नारे दिए थे.

महात्मा गांधी के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हो गया. आजादी के समय ही पाकिस्तान की मांग को उन्होंने अंत तक स्वीकार नही किया था.

मगर देश में बढ़ रही साम्प्रदायिक हिंसा के चलते उन्हें यह मंजूर करना पड़ा था. आज भी भारत की जनता गांधी एवं नेहरु को भारत के विभाजन की जिम्मेदार मानती हैं.

गांधीजी एक स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ साथ समाज सुधारक भी थे. उन्होंने दलितों एवं स्त्रियों के उत्थान के लिए कई कार्यक्रम भी चलाएं. उन्होंने स्वच्छता को स्वतंत्रता से अधिक महत्व दिया था. वे स्वच्छ भारत का सपना पूरा करना चाहते थे.

आखिर अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर शुरू किए गये स्वच्छ भारत अभियान के जरिये, गांधीजी के सपनों के भारत को बनाने की दिशा में कदम बढाया हैं.

2 अक्टूबर गाँधी जयन्ती 2024 कब है निबंध भाषण इतिहास गाधी जयन्ती इन हिंदी

आज पूरा देश सत्य व अहिंसा के पुजारी मोहनदास करमचन्द गांधी की जयंती को मना रहा हैं. 2 अक्टूबर 2024 गाँधी जयन्ती है, इस दिन प्रिय बापू का जन्म गुजरात के पोरबंदर में 1869 ई में हुआ था.

उनके जन्म दिवस को गाधी जयन्ती और विश्व अहिंसा दिवस के रूप में हर साल 2 अक्टूबर को मनाते हैं. 2 अक्टूबर महात्मा गांधी पर भाषण स्पीच जयंती भाषण मराठी निबंध शायरी हिंदी में के सम्बन्ध में आज का यह लेख गाँधी जयन्ती 2 अक्टूबर पर आधारित हैं.

आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय, सम्मानित भद्रजनों और मेरे प्यारे भाइयों-बहनों आज हम एक ऐसे महामानव की जयन्ती को सेलिब्रेट करने के लिए एकत्रित हुए हैं जिन्हें भारत ही दुनियां भर में जाना पहचाना जाता हैं भारत के लोगों ने इनके योगदान को देखते हुए गांधीजी को राष्ट्रपिता व बापू की उपाधि दी थी. उनका जीवन परिचय, जीवनी, हिस्ट्री व विचार प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रासंगिक हैं.

“भारतवासी महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता या बापू कहकर पुकारते हैं. वह अहिंसा के अवतार, सत्य के देवता, अछूतों के प्राणधार एव राष्ट्र के पिता थे. इस महामानव ने ही दीन दुर्बल, उत्पीड़ित भारतमाता को पराधीनता की बेड़ियों से मुक्त कराया था.”

महात्मा गांधी [गान्धी गाँधी गाधी] का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को काठियावाड़ प्रान्त के अंतर्गत पोरबंदर के एक सम्पन्न परिवार में हुआ था. इनका पूरा नाम मोहनचंद करमचंद गाँधी हैं.

इनके पिताजी करमचंद गांधी राजकोट के दीवान थे. इनकी माता पुतलीबाई थी, जो एक धर्म परायण एवं आदर्श महिला थी. गांधीजी का विवाह कस्तूरबा के साथ हुआ. वह शिक्षित नहीं थी, फिर भी उन्होंने जीवन भर गांधीजी का साथ दिया.

इनकी शुरूआती शिक्षा अपने ही शहर राजकोट में सम्पन्न हुई थी. राजकोट से दसवीं पास करने के बाद कानून की पढाई करने के लिए गांधीजी वर्ष 1888 में लन्दन चले गये. तथा तीन वर्षीय लो कोर्स करने के बाद 1891 में स्वदेश लौट आए.

उस वक्त उनकी माता जी का देहांत हो गया था. वे मुंबई कोर्ट में प्रेक्टिस करने लगे. इसी दौरान एक गुजरात के कारोबारी के मुकदमा उनके हाथ लगा जिसकी सुनवाई के लिए उन्हें साउथ अफ्रीका जाना पड़ा.

उन्हें वहां तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ा, द्वितीय श्रेणी के डिब्बे से निकाल देना, अदालत में पगड़ी उतरवाना. मगर वे इन घटनाओं से विचलित न होकर अपने लक्ष्य पर टिके रहे.

इस तरह अंत में गांधीजी के प्रयासों से वहां भारतीयों को सम्मान जनक स्थान मिला. 20 साल अफ्रीका में रहकर जब गाँधी भारत आए तो उनका खूब आदर सत्कार किया गया.

Speech On Gandhiji In Hindi – महात्मा गांधी स्पीच इन हिंदी

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सभी साथियों को हमारा नमस्कार हैं आज यानी 2 अक्टूबर 2024 को गांधी जयंती हैं. इस अवसर पर हम गांधीजी को श्रद्धापूर्वक याद करते हैं. आज का हमारा संपूर्ण लेख Gandhiji Speech In Hindi में बच्चों व स्टूडेंट्स के लिए छोटा बड़ा निबंध भाषण यहाँ बता रहे हैं. 

सत्य एवं अहिंसा  की राह पर चलते जिस महामानव ने भारत को आजादी दिलाई, पूरा भारत उन्हें राष्ट्रपिता या बापू कहकर संबोधित करता हैं. यह दिन हमारे भारतवर्ष में गांधी जयंती के रूप में स्कूलों एवं कॉलेजों में मनाया जाता हैं. महात्मा गांधी भाषण को जानते हैं.

mahatma gandhi speech in hindi for kids Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 Students Use Gandhi Bhashan सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर चलकर भारत के लोगों को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराकर आजादी की रोशनी दिखाई थी.

gandhi jayanti speech for children में उनके महान व्यक्तित्व तथा बिना रक्त बहाएं सदी की बड़ी जंग में जीत हासिल की थी. गांधी जयंती के अवसर पर बच्चों को भाषण आदि कहने को कहा जाए तो आप इस लेख की मदद ले सकते हैं.

Gandhi Jayanti Speech In Hindi Language

few lines on mahatma gandhi for children: 2 अक्टूबर का इतिहास क्या है, इस दिन क्या है गांधीजी का जन्म कब हुआ था, 2 अक्टूबर का दिन भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण दिनों में इसकी गणना की जाती हैं.

इस दिन भारत के दो सपूतों का जन्म हुआ था, एक थे महात्मा गांधी व दूसरे थे लाल बहादुर शास्त्री जी. 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबन्दर में गांधी जी का जन्म हुआ था. इनका पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी था.

राष्ट्र ने इन्हें बापू और राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित किया, 2 अक्टूबर के दिन देशभर में गांधीजी पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं. गांधी जयंती के मौके पर भाषण व निबंध की प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया जाता हैं.

भारत में गांधीजी जयंती पर राजकीय अबकाश होता हैं. 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अहिंसा दिवस के रूप में बापू के जन्म दिवस को मनाने का निर्णय लिया था,

अपने सम्पूर्ण जीवन को राष्ट्र सेवा की राह में लगा देने वाले गांधी के भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान को कोई नहीं भूला सकता हैं.

आज के दिन बापू शांति, अहिंसा और सच्चाई की मूर्ति के रूप में इनका स्मरण किया जाता हैं. यहाँ आप गांधीजी पर स्पीच (gandhi jayanti in hindi speech) पढ़ सकते हैं.

speech on gandhi jayanti 2024 for kids in hindi

short speech on mahatma gandhi for kids : माननीय मुख्य अतिथि महोदय, प्रधानाचार्य महोदय, मेरे समस्त विद्वान् गुरुजनों एवं मेरे सहपाठी मित्रो. आज 2 अक्टूबर है हम सभी जानते हैं कि आज के दिन का इतिहास क्या हैं. 

जी, हाँ सत्य एवं अहिंसा के पद चिह्नों पर चलने वाले गांधीजी का जन्म आज ही के दिन हुआ था. उनके जन्म दिन को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता हैं और इसी लिए आज हम सब यहाँ एकत्रित हुए हैं.

आज मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर भाषण (information mahatma gandhi hindi) बोलने जा रहा हूँ.

गांधी जयंती की गिनती भारत के राष्ट्रीय पर्व के रूप में की जाती हैं, 2 अक्टूबर के दिन देशभर में इसे धूमधाम के साथ मनाया जाता हैं. जब दिल्ली के राजघाट में नाथूराम ने गोली मारकर इनकी हत्या कर दी तो गांधीजी की समाधि को राजघाट पर ही बनाया गया था.

इस अवसर पर कुछ दिन पूर्व से ही राजघाट पर तैयारियां शुरू हो जाती हैं. गांधीजी की जयंती के दिन देश के सभी बड़े पदाधिकारी व नेता यहाँ आकर बापू को श्रद्धांजलि देते हैं. इस दिन सवेरे सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन भी करवाया जाता हैं. समूचा भारत उनके बलिदान एवं कार्यों को याद करता हैं.

विद्यालयों तथा महाविद्यालयों में नाटक, कविता, भाषणों, वाद विवाद प्रश्नोत्तरी, निबंध लेखन प्रतियोगिताओं के द्वारा गांधीजी के जीवन तथा भारत के स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका को दर्शाया जाता हैं.

उनके सत्य एवं अहिंसा के शील गुणों के महत्व तथा वर्तमान समय में इसकी आवश्यकता को हम भली भांति समझ सकते हैं. सिद्धांतों पर चलकर जीवन जीने वाले बापू ने एक बार कहा था ‘मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन’

यह सर्वविदित हैं कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भारत को आजाद कराने के लिए अहम योगदान किसी एक नेता का था तो वह महात्मा गांधी ही थे, वे कई बार जेल गये, अहिंसक आन्दोलन किये, बहिष्कार की नीति अपनाई,

मगर आजादी के लिए उन्होंने कभी हिंसा की राह को नहीं चुना. अहिंसा, सच्चाई और शांति की ताकत के बल पर सर्वाधिक शक्तिशाली ब्रिटिश साम्राज्य को झुका देने की क्षमता गांधीजी में ही थी.

भारत आने से पहले गांधी जी दक्षिण अफ्रीका में गोरी सरकार की करतूतों से परिचित थे, दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने श्वेत अ श्वेत की कानूनी लड़ाई लड़ी और उसमें विजयी हुए, जब 1915 में भारत में आए तो इन्होने देश को ढंग से समझने के लिए पुरे भारत का दौरा किया, लोगों की समस्याएं समझी.

वे जानते थे कि इतने लम्बे समय तक ब्रिटिश राज के भारत में रहने का बड़ा कारण भारतीयों का सहयोग हैं. अतः उन्होंने विदेशी उत्पादों के बहिष्कार, असहयोग आन्दोलन  प्रयासों से जनता को सरकार के विमुख ला खड़ा किया.

गांधीजी के आंदोलन की यात्रा वर्ष 1919 में शुरू हुई जब इन्होने अंग्रेज अधिकारी डायर द्वारा जलियांवाला बाग़ हत्याकांड में हजारों नागरिकों की हत्या के बाद शुरू किया. इसके बाद इन्होने 12 मार्च 1930 से लेकर 6 अप्रैल तक 26 दिनों की दांडी यात्रा निकालकर नमक को शासन के दायरे से मुक्त कराया.

उनकी लोकप्रियता व ब्रिटिश सरकार के अत्याचारों के चलते लोग गांधी के साथ जुड़ते गये और कारवाँ बनता गया, देखते ही देखते उनके कहने भर से लाखों लोग सरकारी नौकरियां सेना आदि को छोड़ हुकुमत के खिलाफ एकजुट हो जाते थे.

महात्मा गांधी छोटी छोटी चीजों को अधिक महत्व देते थे, उनके द्वारा नमक सत्याग्रह अथवा दांडी यात्रा करने का कोई बड़ा लक्ष्य नहीं था, मात्र नमक बनाकर सरकार के अवैध नियम को तोडना भर था, इसके लिए पूरा देश उनके पीछे पीछे चला था,

मगर इन छोटे छोटे प्रयासों से उन्होंने सरकारी व्यवस्था को पूरी तरह कमजोर कर दिया था. अक्सर गांधीजी स्वच्छता के बारे में बेहद जागरूक रहते थे. वे समाज सेवा, हिन्दू मुस्लिम एकता, दलित हितों की बात भी किया करते थे.

Speech On Gandhi Jayanti For School In Hindi Teacher And Students Speech Bhashan 2 October 2024

महात्मा गांधी जयंती 2024 पर स्पीच भाषण स्कूल के स्टूडेंट्स और शिक्षकों के लिए –  Gandhi Jayanti Speech For School In Hindi सरल भाषा में उपलब्ध करवाया गया हैं, जिन्हें कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के विद्यार्थी व शिक्षक आसानी से भाषण की तैयारी कर सकते हैं.

2 Octomber 2024 Bhashan, speech on mahatma gandhi Jayanti For Students & Teachers को 100, 200, 300, 400, 500, शब्दों में छोटे बड़े भाषण के रूप में आप विभक्त कर याद कर सकते हैं.

राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी की जयंती उनके जन्म दिवस 2 अक्टूबर के दिन देशभर में एक राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाई जाती हैं.

आप सभी को सुप्रभात जैसे कि हम सभी जानते है कि आज का दिन एक ऐसे महापुरुष का जन्म दिन है जिससे सम्मान स्वरूप हम अपने राष्ट्र पिता के रूप में याद करते हैं.  आज Gandhi Jayanti  और शास्त्री जयंती हैं.

इस अवसर पर मैं गांधी जयंती पर भाषण प्रस्तुत कर रहा हूँ, जिस व्यक्ति के बारे में प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था कि भावी पीढ़ी को इस बात पर भरोसा भी नही होगा कि हाड़-मांस का बना ऐसा गांधी हुआ करता था जिसने भारत की आजादी का अभियान छेड़ा था और अंग्रेजों को पराजित कर भारत को स्वतंत्र कराया था.

Speech On Gandhi Jayanti For School In Hindi

2 अक्टूबर 1869 के दिन मोहनदास करमचन्द गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. इसी दिन को गांधी जयंती-  Gandhi Jayanti  के रूप में मनाया जाता हैं. 30 जनवरी 1948 में दिल्ली की प्रार्थना सभा के दौरान नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर बापूजी की हत्या कर दी थी.

सत्याग्रह और अहिंसा के सिद्धांतों पर चलकर ही महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ आन्दोलन एवं भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में सफलता प्राप्त की थी.

उनकी हत्या के दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता हैं. गांधी जी के इन्ही सिद्धांतों व नागरिक अधिकारों के लिए विश्व में कई स्थानों पर औपनिवेशिक सरकारों के विरुद्ध आन्दोलन हुए.

अहिंसा के पुजारी गांधीबाबा पर चले होते तो आज हिंसा और आतंकवाद से मानवता को संकट से नही गुजरना पड़ता. उन्हें सत्य अहिंसा और सत्याग्रह ने न केवल भारत को आजाद कराया बल्कि भारत-पाक विभाजन के समय भड़की साम्प्रदायिक हिंसा को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

दुनियां गाधीजी के अहिंसा के सिद्धांतों से प्रभावित हैं. विश्व शान्ति एवं सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2 अक्टूबर गांधी जयंती- Gandhi Jayanti को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय 2007 में किया था.

गांधी जयंती 2024 भाषण

भले ही आज के समय में लोग गांधीवाद में विश्वास कम ही करते हो, मगर जब अंग्रेजों के दमनकारी चक्र में भारतीय जनता पीस रही थी तो गांधीजी ने अपनी लोकप्रियता एवं जन समर्थन के बल पर ब्रिटिश सरकार को हर बार झुकाया था.

बेशक आजादी की कीमत हमारे लाखों स्वतंत्रता सैनानियों ने चुकाई थी, मगर इसमें कही न कही बड़ा योगदान महात्मा गांधी का भी रहा.

Gandhi Jayanti मनाने का उद्देश्य उस महापुरुष के विचारों एवं शिक्षाओं पर चलने से हैं. जिन्होंने तीन बन्दर की अवधारणा को प्रस्तुत किया था. यदि उनकी इस सोच को हर कोई अपना ले तो विश्व के अधिकाँश संकट समाप्त हो सकते हैं. उन्होंने कहा था. बुरा मत सुनो, बुरा मत देखों और बुरा मत कहो.

पेशे से वकील गांधी ने एक केस की सुनवाई के सिलसिले में दक्षिण अफ्रीका में कदम रखा था. वहां अंग्रेजी औपनिवेशिक सरकार के लोगों के साथ रंगभेद की निति से वे बेहद आहत हुए. तथा वहां की जनता के साथ उन्होंने सरकार के विरुद्ध आन्दोलन शुरू कर दिया.

1915 में जब वे अफ्रीका से भारत लौटे तो उनका ध्यान अंग्रेजों द्वारा चम्पारण के किसानो पर किये जा रहे अत्याचार पर गया. उन्होंने किसानों की आवाज बनकर चम्पारण खेड़ा आंदोलन शुरू किया इसके बाद उन्होंने नमक कानून तोड़ने के लिए दांडी यात्रा शुरू की. तथा भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति को अपने जीवन का लक्ष्य मानकर आन्दोलन हड़ताले करते गये. इस दौरान उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा.

महात्मा गांधी ने समाज सुधार की दिशा में भी कई महत्वपूर्ण कार्य प्रारम्भ किए, उनके द्वारा किए गये कार्यों में छुआछूत, गरीबी, जाति-पाति में बंटे समाज, विधवा विवाह, बाल विवाह, सिर पर मैला ढोने एवं अन्य बुराइयों को समाप्त करने के लिए कदम बढाया.

हिन्दू मुस्लिम एकता और स्वच्छता पर वों सबसे अधिक ध्यान देते थे. आजादी के 73 साल बाद नरेंद्र मोदी ने गांधीजी के स्वच्छ भारत अभियान को गांधी जयंती तक पूरा करने का लक्ष्य रखा हैं.

Gandhi Jayanti In Hindi | 2 अक्टूबर 2024 विशेष

2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में एक ऐसें महापुरुष का जन्म हुआ, जिन्होंने गोली या बंम के धमाकों की बजाय शांति और अहिंसा की राह पर चलते हुए 15 अगस्त 1947 को भारत से अंग्रेजी सम्राज्य को छिन्न भिन्न कर दिया था. जी हां हम बात कर रहे है महात्मा गांधी की.

जिन्हें भारत ही नही समूचा विश्व राष्ट्रपिता व बापू के नाम से पुकारता है. इनका पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी था. जिन्होंने वकालत की पढाई की मगर रास्ता चूना जननेता का न कि राजनेता.

एकमात्र ऐसा व्यक्तित्व जिन्होंने अपने जीवनकाल में कभी पंचायत के सदस्य तक की राजनीती में कदम नही रखा. मगर 30 जनवरी 1948 जिस दिन गांधीजी की हत्या हुई, उनके सम्मान में सयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रिय ध्वज भी झुकाया गया.

महात्मा गांधी एक व्यक्ति ही नही बल्कि 19वी सदी का चमत्कार से कम नही था. आज उनकी शिक्षाओं को मानने वाले गांधीवादी घर घर मिल जाएगे. सत्य, परिश्रम और ईमानदारी की कितनी बड़ी ताकत होती है. इसका उदाहरण समझने के लिए महात्मा गांधी का जीवन पर्याप्त है.भले ही स्वच्छता, रामराज्य जैसे उनके सपने आज तक साकार नही हो पाए है

मगर उनकी बताई राह पर चलकर हम अपने समाज/देश को नई उचाई तक ले जा सकते है. 2 अक्टूबर Gandhi Jayanti उस महान आत्मा को याद करने उनके द्वारा बताई गई राह पर चलने का एक माध्यम है.

देश और दुनियाभर में इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक और शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है. विद्यार्थी एवं शिक्षक Mahatma Gandhi’s life introduction, biography, precious words आदि के आख्यान की प्रस्तुती दी जाती है.

इस दिन राज्य और राष्ट्रिय स्तरीय कार्यक्रमों में गांधीजी की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर समारोह का आरम्भ किया जाता है. इस दिन आयोजित विशेष कार्यक्रमों का मुख्य राष्ट्रिय टीवी चैनल्स पर भी सीधा प्रसारण किया जाता है.

गांधी ने कई ऐसे कार्यक्रमों की शुरुआत की यदि आजादी के बाद से भी कोई सरकार उनके बताए कदमों पर चलती तो भारत अब तक विश्व का सबसे बड़ा आर्थिक पावर वाला देश बन सकता था.महात्मा गांधी ने अपने जीवनकाल के दौरान स्वच्छता, अस्पर्श्यता और भेदभाव का विरोध, स्वदेशी वस्तुओ के उपयोग पर जोर, कुटीर उद्योग को बढ़ावा, ग्राम को अर्थव्यवस्था का आधार बनाने जैसे कार्यो की नीव रखी थी.

भले ही देर से सही वर्तमान केंद्र सरकार के कार्यक्रमों की सराहना करनी चाहिए, जिन्होंने गांधीवादी विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए मेक इन इण्डिया, स्वच्छ भारत जैसे अनेक कार्यक्रम शुरू किये है.

भारत और समूचे संसार में 2 अक्टूबर यानि अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस ( Gandhi Jayanti ) के रूप में मनाया जाता है. विशेषकर विद्यार्थियों के लिए बापू का जीवन अनुसरण करने योग्य है.

जरुरी नही कि कोई बड़ा काम करने के लिए बड़े घराने या शहर में जन्म लेने की जरुरत रहती है. महात्मा गांधी पोरबंदर के एक छोटे से गाँव के ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए थे. बचपन तक वे भी साधारण बच्चो की तरह ही थे, जिन्हें अंग्रेजी बोलनी नही आती थी,

उनकी लिखावट बेहद खराब थी. मगर कोई अच्छा कर्म करने के लिए नेक इरादों की आवश्यकता होती है. जो अहिंसा के इस पुजारी ने करके दिखाया. 1915 तक भारत में महात्मा गांधी को कोई नही जानता था.

मगर अपने अच्छे कर्मो और दृढ संकल्प से आज वो करोड़ो भारतीयों के लिए भगवान का रूप है. गाँधी जयंती ( Gandhi Jayanti)  के इस अवसर पर आज हम सभी को यह कृत संकल्प लेना चाहिए.

कि हम तन मन धन से ऐसा भारत बनाएगे जिसका सपना गांधी ने 100 साल पहले देखा था. महात्मा गांधी की शिक्षा को अपने जीवन में उतारकर इस महापुरुष को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते है.

प्रश्न: कब से महात्मा गांधी के जन्म दिवस को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता हैं?

उत्तर: वर्ष 2007 से संयुक्त राष्ट्र एवं इसके सभी सदस्य देश बापू के जन्म दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाते हैं.

प्रश्न: गांधी जयंती पर अच्छा भाषण कैसे तैयार करे?

उत्तर: इस लेख में हमने गांधीजी पर बेहतरीन भाषण आपके लिए तैयार किये हैं, आप इनमें से किसी भाषण को तैयार कर सकते हैं.

  • गांधी जयंती पर शायरी
  • महात्मा गांधी पर निबंध
  • गांधीवाद विचारधारा क्या है

मित्रों  गांधी जयंती पर भाषण और कविता (गांधी जयंती पर भाषण और कविता | Gandhi Jayanti Speech In Hindi 2024) का यह निबंध/लेख आपकों कैसा लगा?

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गाँधी जयंती पर भाषण - gandhi jayanti speech in hindi 2024.

March 12, 2024 by: Jamshed Khan

भारत में 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में 1869 को इसी दिन हुआ था। उनके जन्मदिन पर हम यहाँ सरल और आसान भाषा में गाँधी जंयती भाषण शेयर कर रहे है। हमने विद्यार्थियों के लिए जो गाँधी जयंती पर भाषण की लिस्ट तैयार की हैं उनमें से विद्यार्थी और शिक्षक अपनी आवश्यकता के अनुसार स्पीच चुन सकते है और अपने स्कूल, कॉलेज में गाँधी जयंती के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में इस्तेमाल कर सकते हैं। Best Speech on Gandhi Jayanti in Hindi for Students, Happy Gandhi Jayanti Speech in Hindi 2024.

Gandhi Jayanti Speech in Hindi

2 अक्टूबर गाँधी जयंती का दिन हम भारतीयों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन हम हमारे राष्ट्रपिता जी का जन्मदिन मनाते हैं। मोहनदास करमचंद गाँधी को हम महात्मा गाँधी, राष्ट्र के पिता और सम्मान और प्यार से बापू भी कहते हैं।

सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गाँधी जी अहिंसा के परिचालक थे, उन्होंने जीवन में ऐसे कई कार्य किये जो उन्हें महान बनाते हैं, देश को आजादी दिलाने में उनका बहुत बड़ा योगदान हैं।

  • महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी 50 बातें - Mahatma Gandhi in Hindi

उनके जन्मदिन के अवसर पर हम विद्यार्थियों के लिए सरल और आसान शैली में भाषण प्रस्तुत कर रहे हैं।

Table of Contents

  • 1.1 1) गाँधी जयंती पर भाषण - Speech on Gandhi Jayanti in Hindi
  • 1.2 You might also enjoy...
  • 1.3 2) गाँधी जयंती पर छात्रों के लिए भाषण – Gandhi Jayanti Speech in Hindi for Students
  • 1.4 3) महात्मा गाँधी जी पर भाषण - Speech on Gandhi Ji in Hindi
  • 1.5 4) महात्मा गाँधी जयंती भाषण हिंदी में - Mahatma Gandhi Jayanti Hindi Speech 2024
  • 1.6 5) गाँधी जयंती 2 अक्टूबर पर भाषण हिंदी में
  • 1.7 अंतिम शब्द,

गाँधी जयंती पर भाषण, गाँधी जयंती पर हिंदी स्पीच - Gandhi Jayanti Speech in Hindi 2024

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1) गाँधी जयंती पर भाषण - Speech on Gandhi Jayanti in Hindi

आज 2 अक्टूबर है। यह हमारे देश के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। आज हम महात्मा गांधी का जन्मदिन मनाते है जो हमारे देश के पिता है। हम उन्हें बहुत सम्मान और स्नेह के साथ "बापू" भी कहते हैं।

यहाँ मैं आप सभी को गाँधी जयंती पर भाषण के माध्यम से बापू की कहानी सुना रहा हूँ जिसका जन्मदिन आज हम पूरे भारत और दुनिया भर में मना रहे हैं।

बहुत पहले, 1869 के इस दिन 149 साल पहले, गुजरात के पोरबंदर शहर में एक प्यारा सा बच्चा पैदा हुआ था। पिता करमचंद गांधी और मां पुट्टिबाई बहुत खुश थे। उन्होंने बच्चे को (मोहन) मोहनदास करमचंद गांधी का नाम दिया। जब मोहन बड़ा हुआ तो वह अपने पिता की ईमानदारी और सख्त अनुशासन और अपनी मां की सादगी और धार्मिक विचारों से बहुत प्रभावित था।

बहुत कम उम्र में, शर्मीले छोटे बच्चे ने सच्चाई, ईमानदारी और अनुशासन के महान मूल्यों को सीखा। उसने इन मूल्यों को अपने पूरे जीवन में अपनाया और पूरी दुनिया के सामने इन मूल्यों की सही शक्ति का प्रदर्शन किया। जब मोहन बड़े हो गए तो वो कुछ बुरी आदतों का शिकार हो गया। उन्होंने अपने बुरे कर्मों को अपने माता-पिता से छुपाया।

लेकिन उसके माँ-बाप के अच्छे आदर्शों ने गाँधी के साथ बुरी आदतों को ज्यादा देर तक रहने की इजाजत नहीं दी। उन्होंने अपनी गलतीयों और बुरी लतों को महसूस किया और अपनी बुरी आदतों के लिए पश्चाताप किया। गाँधी जी ने अपने माता-पिता को एक पत्र लिखकर अपनी बुरी आदतों को कबूल किया।

इस घटना ने उन्हें माता-पिता द्वारा सिखाए गए मूल्यों का पालन करने के लिए और मजबूत कर दिया। गाँधी को कानून की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड भेजा गया। अध्ययन के बाद, वह भारत में वकील बन गया। एक मामले के लिए उन्होंने दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया। उन दिनों सफेद और काले लोगों के बीच भेदभाव था।

दक्षिण अफ्रीका के दौरे के समय ट्रेन के सफर में काले होने की वजह से उन्हें ट्रेन के प्रथम श्रेणी के डिब्बे से बाहर फेंक दिया। यह गाँधी जी के लिए उनकी जिंदगी में बहुत अपमानजनक अनुभव था। उन्होंने अंग्रेजों द्वारा काले, गौरे में भेदभाव के खिलाफ लड़ने का फैसला किया और भारत वापस आये।

महात्मा गाँधी ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए एक अहिंसक तरीके से अन्याय का विरोध करने के लिए "सत्याग्रह" एक नई विधि बनाई। बहुत लोगों ने उनका साथ दिया। लोगों ने उन्हें बापू (पिता) और महात्मा (संत) कहा। बापू और उनके साथियों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ पूरी तरह से जबरन जबरदस्त भारत बनाया।

जिसकी वजह से अंग्रेजों ने बापू और उनके अन्य भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। लेकिन इससे उनके अन्याय के खिलाफ लड़ने का जज्बा कम नहीं हुआ। सत्याग्रह में कोई भेदभाव नहीं था सभी धर्मों वाले लोग और सभी जाति ने बापू का साथ दिया।

हर कोई चाहे वह मुस्लिम, हिंदू या सिख हो या किसी अन्य धर्म से, सत्याग्रह आन्दोलन में सभी ने एक दुसरे को अपने भाई या बहन के रूप में स्वीकार किया। आखिर में अंग्रेजों को लगा की बापू और उनके सेनानियों के खिलाफ भारत पर शासन करना संभव नहीं होगा। 15 अगस्त, 1947 को हमारे देश को आजादी मिली।

यह दुनिया और मानव जाति के इतिहास में पहली बार हुआ की सत्याग्रहों ने सिर्फ अहिंसा के साथ बड़ी जीत हासिल की थी। तब से पूरी दुनिया ने बापू की महानता और सत्याग्रह आन्दोलन का लोहा माना। मार्टिन लूथर किंग, आंग सान सू की, नेल्सन मंडेला, अन्ना हजारे आदि जैसे दुनिया भर के कई अन्य प्रसिद्ध नेताओं ने अन्याय के खिलाफ विरोध करने के लिए अहिंसा का पालन किया।

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उनके महान कर्मों को याद करने, सम्मान देने और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए हर साल उनके जन्मदिन 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती के रूप मनाया जाता है। इस दिन हम भारतीय उनके अच्छे कामों का पालन करने का वचन लेते हैं।

2) गाँधी जयंती पर छात्रों के लिए भाषण – Gandhi Jayanti Speech in Hindi for Students

आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों को मेरा प्रणाम।

गाँधी जयंती के अवसर पर बापू जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें। आज से 72 साल पहले राजनैतिक और साम्प्रदायिक कारणों से एक संत को गोलियों से छलनी कर दिया गया। हमारे बीच से वह ज्योति बुझ गयी जिसने हमारी अंधकारमय जीवन में रौशनी की थी। चारों तरफ सन्नाटा और अँधेरा छा गया।

बापू जी ने हमारे देश को जो रौशनी दी थी वह कोई सामान्य रौशनी नहीं थी। उन्होंने एक ऐसी रौशनी फैलायी जिसने देश के हर कोने में उजाला किया। गांधीजी ने अपने दम पर दुनिया को यह साबित कर दिखाया की सचाई और अहिंसा का रास्ता ही सबसे अच्छा मार्ग होता है।

उन्होंने अपने इन्हीं दो हथियारों का इस्तेमाल करके देश को आजादी नशीब की। गांधी जी ने मानवता के लिए अपना जीवन तक त्याग दिया लेकिन वे कभी सत्य के रास्ते से विचलित नहीं हुये। बापू ने दुनिया को अपने कर्मों से दिखाया की सही मायनों में मानवता की सेवा ही सच्चा धर्म होता हैं।

महात्मा गांधी जी हर व्यक्ति को सम्मान और अपने समान मानते थे, वे सामाजिक समानता और अस्पृश्यता के खिलाफ थे। गांधीजी जो कहते थे वही करते थे। वे ईमानदार, बुद्धिमान, कर्तव्यनिष्ठ, संवेदनशील, ज्ञानी, सिद्धांतवादी और आशावादी थे।

ऐसे महापुरुष बार-बार जन्म नहीं लेते। इस महापुरुष आदमी का जन्म पोरबंदर गुजरात में 2 October 1869 को पुतलीबाई और करमचंद गांधी के परिवार में हुआ था। जिसने मानवता को एक नयी राह दिखायी। साथ ही आजादी के लिए जनता को जागरूक किया और सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए कड़ा संघर्ष किया।

गांधी जी सादा-सीधा जीवन जीते थे पर उनके विचार उच्च थे और उन्होंने अपने उच्च विचार सच्च करके भी दिखाया। अगर हमारे देश की वर्तमान और भविष्य की पीढ़ी गांधीजी के विचारों पर चले तो हमारा भारत एक सुनहरा भारत बन सकता हैं। अगर हमें देश में शांति, अमन और चैन लाना है तो हमें बापू के विचारों को अपनाना होगा।

3) महात्मा गाँधी जी पर भाषण - Speech on Gandhi Ji in Hindi

माननीय मुख्य अतिथि, आदरणीय अध्यापकगण, अभिभावकों और मेरे प्यारे सहपाठियों को मेरा नमस्कार।

आज 2 अक्टूबर है जो की महात्मा गांधी जी का जन्मदिन है। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है। लेकिन वह आमतौर पर बापू या राष्ट्र के पिता के रूप में जाना जाता है। महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर गुजरात में हुआ था।

उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था, उनकी माता का नाम पुतलीबाई था और उनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गाँधी था। महात्मा गाँधी ने इंग्लैंड से अपनी कानून (law) की पढ़ाई पूरी की।

उन्होंने सत्याग्रह आन्दोलन और ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ भारत छोड़ो वाले महान ऐतिहासिक आंदोलनों को शुरू किया। 1948 को नाथूराम गोडसे ने गांधी जी की गोली मारकर हत्या कर दी। पर बापू मरकर भी हमारे दिलों में अमर हैं।

4) महात्मा गाँधी जयंती भाषण हिंदी में - Mahatma Gandhi Jayanti Hindi Speech 2024

आज हम सभी यहाँ हमारे राष्ट्रीय नायक महात्मा गाँधी की जयंती मनाने के लिए जमा हुए है। मोहनदास करमचंद गांधी एक ऐसे व्यक्ति थे जो हमेशा हमारे दिलों में अमर रहेंगे। उन्हें बापू और राष्ट्र का पिता भी कहा जाता है। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर गुजरात में हुआ था।

गांधी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे जो ब्रिटिश शासन के तहत हमारे राष्ट्रवाद के नेता बने। उन्हें उनके महान कार्यों के कारण "महात्मा" कहा जाता है। वह एक महान स्वतंत्रता सेनानी और एक अहिंसक कार्यकर्ता था।

जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अहिंसा और सत्य को अपने औजारों के रूप में इस्तेमाल किया। उन्होंने यह साबित भी कर दिखाया की केवल अहिंसा और सत्य से स्वतंत्रता हासिल की जा सकती हैं।

वह हमेशा अहिंसा, सत्य और शांति के मार्ग पर चलते रहे। उन्होंने अपने साथी नागरिकों को भी अहिंसा का पालन करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों के लिए सत्याग्रह के विचार को अपनाया और साबित कर दिखाया की अहिंसा सबसे ताकतवर हथियार है।

उनके पिता करमचंद एक महान और सच्चे व्यक्ति थे। वह राजपूत राज्य के चीफ-दीवान था। उनकी माँ पुतलीबाई एक धार्मिक महिला थी। गांधीजी अपनी माँ से काफी प्रभावित थे। गांधीजी ने 1883 में कस्तूरबा से शादी की।

महात्मा गांधीजी के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए हर साल गाँधी जयंती मनाया जाता है। यह वह दिन है जब हम बापू के महान कर्मों को याद करते है। इस दिन को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय अवकाश के रूप में घोषित किया गया है। इस दिन को अहिंसा का अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में भी जाना जाता है।

दुनिया भर में महात्मा गाँधी के जन्मदिन के सम्मान में यह दिन उत्साह के साथ मनाया जाता हैं। गाँधी जी का जीवन हमारे लिए हमेशा प्रेरणा रहा है।

गाँधी जयंती एक इवेंट का दिन है लेकिन यह सिर्फ घटना नहीं है बल्कि सभी भारतियों के लिए बहुत ही खास दिन है। इस दिन राष्ट्र के पिता का जन्मदिन है। महात्मा गाँधी जो भारत को आजादी दिलाने के लड़े और आखिरकार 15 अगस्त 1947 को हम ब्रिटिश सरकार से ऐसा करने में सफल रहे।

गांधीजी ने स्वतंत्रता की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, इसलिए उन्हें राष्ट्र के पिता और बापू के नाम से भी बुलाया जाता है।

5) गाँधी जयंती 2 अक्टूबर पर भाषण हिंदी में

आदरणीय अध्यापकों और मेरे प्यारे दोस्तों को मेरा नमस्कार।

जैसा की हम जानते है की आज 2 अक्टूबर है जो महात्मा गाँधी जी का जन्मदिन है। इसलिए हम सभी यहाँ गांधी जयंती मनाने के लिए इकठ्ठा हुये है। मेरा नाम ------- है और इस विशेष अवसर पर मैं महात्मा गाँधी जी के बारे में कुछ कहना चाहता हूँ लेकिन उससे पहले मैं अपने शिक्षकों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ जिन्होंने मुझे इस अवसर पर भाषण बोलने के लिए मौका दिया।

महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है। लेकिन उनका सबसे प्रसिद्ध नाम बापू है और उन्हें राष्ट्र के पिता भी कहा जाता है। महात्मा गाँधी 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर गुजरात में पैदा हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था जो राजकोट के दीवान थे जो गुजरात में स्थित हैं। उनकी माता का नाम पुतलीबाई था।

गांधी जी अपने बचपन में साधारण बच्चों की तरह ही थे। यहाँ तक की उन्होंने 7 साल की उम्र में स्कूल जाना शुरू किया था। उनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गाँधी था जिंसकी शादी गांधी जी से 13 साल की उम्र में हुयी थी। मैट्रिक और कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद गाँधी जी कानून की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड चले गये। कुछ साल बाद उन्होंने अपनी कानून की पढ़ाई पूरी की और वापस अपनी मातृभूमि पर आ गये।

वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महान नेता थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिए बहुत संघर्ष किया था। उन्होंने ब्रिटिशों के खिलाफ सत्याग्रह आन्दोलन नामक महान ऐतिहासिक आंदोलन भी शुरू किया। वर्ष 1942 में उन्होंने हमारे देश से अंग्रेजों को बाहर निकालने के लिए "भारत छोड़ो" एक और आंदोलन शुरू किया।

"भारत छोड़ो आंदोलन" हिंदी में सबसे प्रसिद्ध आंदोलन रहा। जिससे मजबूरन अंग्रेजों को भारत छोड़कर भागना पड़ा। अंत में, अपने सफल नेतत्व के तहत भारत ने 15 अगस्त 1947 को आजादी प्राप्त की।

आजादी के बाद गांधीजी ने नोआखाली की पैदल यात्रा की जहाँ हिंदी-मुस्लिम के बीच दंगे-फसाद शुरू हुये। उन्होंने सभी से शांतिपूर्ण तरीके से जीने का अनुरोध किया। लेकिन दुर्भाग्य से, वह लंबे समय तक हमारे साथ नहीं रह सका। गांधीजी की समाधि राजकोट में स्थित है।

आज अगर हम आजाद है तो उसका श्रेय महात्मा गाँधी जी को जाता है। गांधीजी का जीवन देशभक्ति, अहिंसा, सच्चाई, शांति, सादगी, दृढ़ता और कर्तव्यनिष्ठा का आदर्श उदाहरण हैं।

उनके महान कर्मों को याद करने और उनके विचारों को नई पीढ़ी के सामने दर्शाने के लिए हर साल महात्मा गांधीजी के जन्मदिन 2 अक्टूबर 1869 को गांधी जयंती मनाया जाता हैं। गांधी जयंती मनाने का उद्देश्य गांधी जी को सम्मान और श्रद्धांजलि अर्पित करना है।

गांधी जयंती मनाने का मुख्य उद्देश्य गांधीजी द्वारा भारत को आजादी दिलाने के लिए ब्रिटिश साम्राज्य से किये गये संघर्षों से भारत की भविष्य पीढ़ी को अवगत करना हैं। इसलिए हम हर साल गांधीजी के जन्मदिन 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप उत्साह के साथ मनाते हैं।

अंतिम शब्द,

गाँधी जी एक महान आदमी थे, अपने नेतृत्व और कौशल से उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में अहम भूमिका निभाई। उनके इस योगदान के लिए हम और हमारी आने वाली पीढ़ी उन्हें सदैव याद करती रहेगी।

अगर आपको गांधी जयंती पर शायरी, कविता, निबंध चाहिए या आप गाँधी जी के जीवन से जुड़ी कोई कहानी पढ़ना चाहते है तो निचे वाले आर्टिकल्स में जाएँ।

ये भी पढ़ें:-

  • बापू का गुणगान करती गाँधी जयंती पर कविताएँ
  • गाँधी जयंती पर निबंध
  • महात्मा गांधी जी के सम्मान में गाँधी जयंती पर शायरी
  • महात्मा गाँधी के जीवन से जुड़ी 5 कहानियां

आओ हम इस गांधी जयंती पर प्रण ले की हम बापू जी के विचारों को अपनायेंगे और हमेशा सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलेंगे।

अगर आपको गाँधी जयंती पर भाषण  पसंद आये तो सोशल मीडिया पर शेयर जरुर करें।

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Gandhi Jayanti Speech in Hindi – गाँधी जयंती पर भाषण

by StoriesRevealers | Jul 12, 2020 | Speech in Hindi | 0 comments

gandhi jayanti speech in hindi

Gandhi Jayanti Speech in Hindi : यहां उपस्थित आप सभी का स्वागत, आज मैं यहां महात्मा गांधी जयंती पर एक भाषण प्रस्तुत करने के लिए आया हूँ। बापू का जन्मदिन मनाने के लिए हम सभी यहां मौजूद हैं, और इस अवसर पर मैं आपको उनके जीवन का कुछ हिस्सा बताने जा रहा हूँ।

महात्मा गांधी भारत के सबसे बड़े और महान देशभक्त थे। वह एक महान व्यक्तित्व के धनी थे, और मुझे यकीन है कि उन्हें निश्चित रूप से मेरे जैसे किसी व्यक्ति की सराहना और प्रशंसा करने की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा, भारतीय स्वतंत्रता के लिए उनके प्रयास और संघर्ष अद्वितीय हैं, और हमारी स्वतंत्रता में उनकी बड़ा योगदान था। उन्होंने पूरी दुनिया में स्वतंत्रता आंदोलनों और नागरिक अधिकारों के साथ कई लोगों को प्रेरित किया।

Gandhi Jayanti Speech in Hindi

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प्रारंभिक जीवन

महात्मा गांधी ने 2 अक्टूबर 1869 को इस दुनिया में अपनी आँखें खोलीं। उनका जन्म भारतीय गुजराती परिवार में हुआ था, और उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था। हालाँकि, गांधी जी का असली नाम मोहनदास करमचंद गांधी था, जिन्हे अपने अच्दे कामों के कारण महात्मा नाम की उपाधी दी गई थी। उन्होंने लंदन में अपना कानून प्रशिक्षण पूरा किया और दक्षिण अफ्रीका चले गए। उन्होंने अपने जीवन का कुछ हिस्सा वहाँ बिताया।

जीवन बदलने वाली घटनाएँ

जब महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका पहुँचे। तो उन्हें अपनी त्वचा के रंग के कारण नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ा। एक बार यूरोपीय लोगों के साथ यात्रा के दौरान, उन्हें काली त्वचा के कारण ड्राइवर के पास फर्श पर बैठने के लिए कहा गया था। महात्मा गांधी ने ऐसा करने से मना करा जिसके कारण, उनके साथ मार पीट की गई।

उस समय, गांधी जी को जबरदस्ती ट्रेन छोड़ने के लिए मजबुर किया गया था, और ऐसा इसलिए हुई क्योंकि उन्होंने प्रथम श्रेणी छोड़ने से इनकार कर दिया था। नतीजतन, उन्होंने पूरी रात रेलवे स्टेशन में बिताई और पूरी रात ठण्ड के कारण कांपते रहे। अगर हम इस घटना के अलावा भी उन्हें कई और घटनाओं का सामना करना पड़ा जिसमे कि असमान अधिकार और कई अन्य घटनाएं सामिल है। इन घटनाओं के बाद, महात्मा गांधी ने कुछ भारतीयों के साथ ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ सवाल करना शुरू कर दिया।

स्वतंत्रता के लिए संघर्ष

दक्षिण अफ्रीका से, महात्मा गांधी 1915 में भारत लौट आए। इस समय, वह बहुत लोकप्रिय थे, और उनकी प्रतिष्ठा बहुत बढ़ गई थी। इसलिए उन्हें एक प्रमुख भारतीय राष्ट्रवादी के रूप में जाना जाता था। भारत वापस आने के बाद, गांधी जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बन गए। 1920 में, वह भारतीय कांग्रेस संगठन के नेता बने। स्वाधीनता संग्राम के एक हिस्से के रूप में, गांधी जी ने कई महत्वपूर्ण आंदोलनों का शुभारंभ किया, जैसे कि खेड़ा सत्याग्रह, चंपारण सत्याग्रह, असहयोग, खीलाफत, सविनय अवज्ञा, नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन। यह घटना भारतीय स्वतंत्रता की दिशा में एक कदम थी।

महात्मा गांधी की विरासत

जैसा कि आपने पढ़ा, महात्मा गांधी एक महान नेता थे, जिसकी वजह से उन्होंने दुनिया भर के कई अंतरराष्ट्रीय नेताओं को प्रभावित किया। नेताओं को महात्मा गांधी के संघर्ष से बहुत प्रेरणा मिली। जिनमें से कुछ नेता मार्टिन लूथर किंग जूनियर, जेम्स लॉसन और जेम्स बीव हैं। नेल्सन मंडेला भी गांधी जी के स्वतंत्रता संग्राम से प्रभावित थे। लांजा डेल वास्तु विशेष रूप से महात्मा गांधी के साथ कुछ समय बिताने के लिए भारत आए। गांधी जी को संयुक्त राष्ट्र ने बहुत सम्मान दिया। इसीलिए उन्होंने घोषणा की कि वे 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाएगें । महात्मा गांधी को सबसे बड़े राजनीतिक, राष्ट्र के पिता और कई और पुरस्कार मिले।

ये भाषण छात्रों, शिक्षकों और गांधीजी के अनुयायियों के लिए, गांधी जयंती पर लोगों को संबोधित करने के लिए, या गांधी जी और अहिंसा के विचारों को बढ़ावा देने वाले लोगों के लिए, या गांधी जी की विचारधारा को बढ़ावा देने वाले सरकारी या गैर-सरकारी संगठनों द्वारा उपयोगी होंगे।

इतने धैर्य से मेरी बात सुनने के लिए आप सभी का धन्यवाद।

जय हिन्द जय भारत

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  • Essay on Mahatma Gandhi in Hindi
  • Teachers Day Speech in Hindi
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Speech on Gandhi Jayanti in English For Students

Gandhi Jayanti speech is given by students on the occasion of the birth anniversary of Mohandas Karamchand Gandhi , also known as Mahatma Gandhi. It is celebrated as Gandhi Jayanti on the 2nd of October every year, and students and children participate in various stage programs and deliver speeches honouring Gandhiji. The world will celebrate the 154th birth anniversary of Gandhi Ji on 2 October 2023.

In this article, the Gandhi Jayanti speech in English or the speech on 2nd October is given in detail. Students can prepare a long speech on Gandhi Jayanti and a short speech on their own with the help of the information below.

Long Speech on Gandhi Jayanti

A long speech on Gandhi Jayanti in English is advantageous for students in grades 7-12. Let’s take a look at the speech about Mahatma Gandhi in English for students.

Greetings to everyone gathered here on the occasion of Gandhi Jayanti. I (your name) heartily welcome you to celebrate this momentous day along with us.

On 2nd October every year, India celebrates a national holiday in remembrance and honour of the birth of Mohandas Karamchand Gandhi as Gandhi Jayanti. Mohandas Karamchand Gandhi, also famously referred to as Mahatma Gandhi, was given the title of “ Father of The Nation '' by Netaji Subhash Chandra Bose for his relentless struggles for our independence. The Nobel laureate Rabindranath Tagore gave him the title of ‘Mahatma’, which means ‘the one with the greatest soul’.

This year is his 154th birth anniversary, and we are here to revisit the principles with which he led his life and fought for independence.

Gandhiji’s two main principles were peace and non-violence (Ahimsa). He had always been a follower of truth, honesty, and non-violence. As he gave the world a strong weapon of ‘non-violence’ for fighting, the UN General Assembly declared this day as the ‘International Day of Non-Violence’ to honour his principles.

If we look into the biography of Mahatma Gandhi, he was born in Porbandar, Gujarat, on October 2, 1869, in British India to a merchant-class family. He completed his initial studies in British-ruled India and later went to England to pursue law.. After completing his education, he tried to practice law in India. At 24 he left India with his wife Kasturba Gandhi to practice law in South Africa.

In South Africa, he encountered inequality for the first time due to his race and colour. He was thrown out of the train because he didn’t resemble his white co-passengers. He worked in South Africa to improve the lives of Indians for a few years.

When he returned to India to practice law, he was appalled to see the injustices around him, which triggered a deep sense of doing justice in him. Soon he joined the Indian National Congress and started working for India’s independence with Champaran Satyagraha in 1917.

With his weapon of non-violence, he showed the world a new light toward change. He always fought for what was right and participated in many non-violent civil rights movements, and led many campaigns like Dandi March to protest against British rule.

In 1930, he led the Dandi March, also called Salt March, to protest against the illegally imposed salt tax as this basic amenity was already freely available to the Indians due to our coastal location. Thousands of people followed Gandhi. He also led the famous Quit India Movement, Civil Disobedience Movement, and Non-co-operation Movement to attain India’s independence from the ruling Britishers. Due to these protests, Mahatma Gandhi, along with his followers and many other freedom fighters, served their time in prison.

He invented a new way to protest referred to as peaceful Civil Disobedience (Satyagraha). His non-violent protests impacted the people of the world in many ways. He struggled for India’s freedom and helped us gain freedom from the British subjugation that lasted over 200 years. Gandhi ji also toiled to remove social evils that were rampant in the then Indian society. This included evils like sati, child marriage, untouchability, and casteism.

Gandhiji led a life of simplicity . He wanted to preach to his followers to keep things simple and not be attached to worldly pleasures. Despite being a world-renowned leader, he wore plain Khadi clothes that he spun at home on his charkha. He was inspired by the great ascetics and gurus of India who achieved great feats through simple living. Gandhiji was devoutly religious and respectful towards all Indian religions. He believed in the equality of all and that everybody had a right to worship their own gods.

He devoted his life relentlessly to spreading awareness about the importance of equality, peace, harmony and brotherhood. He always opposed untouchability and worked for Hindu-Muslim unity. He believed in eradicating all social evils, worked with his wife, Kasturba, to empower women, and fought for women’s rights. He was also concerned about farmers, so he tried to improve their economic condition throughout his life. His principles and values still hold great value, and people consider it the right path to follow. His ideas were spread by many of his disciples, literature writers, and artists.

On 30 January 1948, he was assassinated by Nathuram Godse at the age of 78. His samadhi, named Raj Ghat, is situated in Delhi. He is no more with us, but his light and guidance are immortal. ‘Hey Ram’ were his last words , and ‘My life is my message’ was his motto.

Our honourable Prime Minister, President, and other people go to Raj Ghat to pay respect to his Samadhi on Gandhi Jayanti with flowers. His favourite song, ‘Raghupati Raghav Raja Ram,’ is also sung worldwide on the occasion. All academic institutions, government offices, and other organisations stay closed on this day. Various programs like speech competitions, essay writing , collage making, poster presentation, etc., are held everywhere to commemorate Gandhiji’s birth anniversary.

He followed and actively preached non-violence through his actions. He was a great man who still inspires Indians and people all around the world to live honest and truthful life and believe in the powers of virtues. Today as we go about our lives, let’s remember and honour his philosophy by treating people with respect and equality without any prejudices and not conforming to violence even at our worst. Let’s lead a peaceful life by following the path of non-violence, as taught by our Bapu. Jai Hind!

Short Speech on Gandhi Jayanti

A short speech on Gandhi Jayanti in English for students is helpful for students in grades 4-6. Let’s take a look at the short speech on Mahatma Gandhi Jayanti in English.

Good morning all! My name is (your name), and we have gathered to celebrate the birthday of Mahatma Gandhi.

On 2nd October every year, India observes a national holiday as Gandhi Jayanti to celebrate independence and honour the principles through which our freedom fighter and leader, Mahatma Gandhi, led us to this day. This year, we are celebrating the 154th birth anniversary of Mohandas Karamchand Gandhi, the Father of our Nation, who is also called Bapu, especially by children.

He worked in South Africa against racial injustice. He fought for our independence by following the principles of peace and non-violence. He led many successful campaigns, like removing the tax imposed on salt and also calling out the British to Quit India - all through non-violence.

He was the cheerleader for reforming rights and questioning norms, especially for the underprivileged and for section of society that was paid the least attention to. He worked to attain India’s freedom and freed us from British governance after 200 years. He also strived to abolish untouchability from Indian society.

Gandhi Ji preferred a simple life with minimal things and was a keen observer of cleanliness. Our government runs ‘Swachchh Bharat Abhiyan’ in his name to encourage people to keep their surroundings clean. Despite being a known leader, he always wore plain Khadi clothes. This symbolises his simplistic way of living, which was one of his ideas of living. In his spare time, he spun Khadi on a charkha.

He lived like an ascetic and used minimal things in his day-to-day routine. Gandhi Ji deeply respected and took pride in the Indian traditional culture. He was a pious man who believed in God and encouraged people to follow their gods without any discrimination.

Gandhiji breathed his last on 30th January 1948 and uttered “Hey Ram” as his last words. He was assassinated by Nathuram Godse. He rests today at Raj Ghat in New Delhi, and thousands of people pay respect in the form of garlands and by singing his favourite song, ‘Raghupati Raghav Raja Ram’.

India’s Prime Minister, President, and other notable leaders go to Raj Ghat (his Samadhi) on Gandhi Jayanti to pay tribute to him.

He believed in simple living and big deeds. His life’s motto, ‘My life is my message,’ also conveyed the same ideas. He once said, ‘An eye for an eye will make the whole world blind’ to show the importance of non-violence. His life, messages, and wisdom not only influenced Indians but also inspired the whole world to believe in the religion of humanity.

On this day of Gandhi Jayanti 2023, let us pledge ourselves to follow the path of the legacy he left behind and lead our lives in peace and harmony.

10 Lines Speech on Mahatma Gandhi

The 10-line Speech on Mahatma Gandhi is extremely helpful for students in grades 1-3 as they gain a certain perspective on the topic in a simple and easy form.

Gandhi Jayanti is a national holiday celebrated on the 2nd of October every year, and 2023 marks his 154th birth anniversary.

This day is observed as a national holiday and is the third national holiday after Independence Day and Republic Day.

It is also celebrated worldwide as the International Day of Non-Violence.

Children and adults both celebrate this day with equal zeal.

Mahatma Gandhi fought bravely for the freedom of our country and was a great freedom fighter.

Children dress up as ‘Bapu’ and participate in different stage performances on this day.

Every community and religion, celebrate Bapu’s birthday with a great sense of unity.

People revisit the ideologies and teachings of Mahatma Gandhi.

At the end of the school, celebration sweets are distributed among children.

His ideas of non-violence are discussed and debated.

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FAQs on Gandhi Jayanti Speech

1. What is a good way to start a speech?

Introducing the key theme of your speech or adding a quote which represents your speech. In this way, you can add a significant impact and catch your audience’s attention from the beginning.

2. How to make your speech more effective?

Having adequate knowledge of the topic can prove to be of significant value. For instance, the Gandhi Jayanti speech can be delivered smoothly when you have proper information regarding the history of Gandhi and his role in attaining the freedom of India. 

One can get access to great speeches on Mahatma Gandhi ji like these from the website of Vedantu and its mobile application. 

3. The year 2023 marks how many years of Gandhi Jayanti celebrations?

India and the world will celebrate the 154th Gandhi Jayanti on 2 October 2023. 

4. When was  Mahatma Gandhi born?

Mahatma Gandhi was born on October 2, 1869, in Porbandar, Gujarat, India.

5. Name some major freedom movements initiated by Mahatma Gandhi.

Champaran Movement, Kheda Movement, Civil Disobedience Movement, Dandi March and Satyagraha Movement are some of the major movements initiated by Gandhi.

6. What is the significance of Gandhi Jayanti and why is it celebrated with speeches?

Gandhi Jayanti is celebrated on October 2nd to commemorate the birthday of Mahatma Gandhi, a prominent leader in India's struggle for independence. Speeches on this day serve to remember his contributions and spread his ideals of nonviolence, truth, and social justice.

7. Who typically delivers Gandhi Jayanti speeches, and what are the key themes covered in these speeches?

Gandhi Jayanti's speeches are often delivered by political leaders, activists, educators, and community leaders. The speeches commonly focus on Mahatma Gandhi's life, principles, and his impact on India's freedom movement. They may also address contemporary issues related to peace, harmony, and social justice.

8. How can one prepare and deliver an effective Gandhi Jayanti speech that resonates with the audience?

To deliver an impactful Gandhi Jayanti speech, it's important to research Gandhi's life and philosophy thoroughly. Highlight his teachings on nonviolence, civil disobedience, and communal harmony. Incorporate anecdotes and examples to illustrate his principles and relate them to current societal challenges. Engage the audience emotionally and inspire them to uphold Gandhian values in their lives.

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Gandhi Jayanti Speech in English for School Students [2023]

Gandhi jayanti speech in english: gandhi jayanti is celebrated each year on october 2nd to mark the birth anniversary of mahatma gandhi. on the solemn occasion of the 154th birth anniversary of gandhi ji, check here gandhi jayanti long and short speech in english to use for competitions, school assembly, etc. also, check mahatma gandhi's short speech in english 10 lines..

Pragya Sagar

Gandhi Jayanti Speech and Lines in English: Are you also trying to write a speech about Mahatma Gandhi on Gandhi Jayanti but finding it difficult or confusing to make it the best?  Gandhi Jayanti is an annual celebration to honour the birth anniversary of Mahatma Gandhi, lovingly known as “Bapu”, the Father of the nation. In this article, we have provided 10 line speech on Mahatma Gandhi and a Short and Long Speech on Gandhi Jayanti in English with his famous slogans and quotes. 

How Can I Start My Gandhi Jayanti Speech?

  • Start your Gandhi Jayanti Speech by addressing your audience with Good morning/ Good afternoon/ Good evening.
  • Begin with a catchy saying or famous quote of Mahatma Gandhi to instantly grab the attention of the listeners.
  • Do not forget to have a gentle smile on your face.
  • Keep your body language positive. Do not slouch, shake or stand stiff. Stand upright with a good posture.

Famous Sayings by Gandhi Ji

  • "Honest differences are usually a healthy sign of progress."
  • “You should not lose faith in humanity. Humanity is an ocean, the ocean does not become dirty if a few drops dry up.”
  • "Live as if you were to die tomorrow. Learn as if you were to live forever."
  • “It is better to commit violence, if that violence is in our hearts, than to raise the cry of non-violence to cover up impotence.”
  •  “Freedom means nothing if it does not include the freedom to make mistakes.”
  •  “It is not wise to be completely confident about one's own intelligence. It is good to remember that even the strongest can be weak and even the wise can make mistakes.”
  • "Non-violence is the greatest duty. If we cannot follow it completely, we must understand its spirit and follow humanity by staying away from violence as far as possible."

10 Lines Speech on Mahatma Gandhi

  • Line 1: Good morning, respected principal, teachers and my dear friends. Today, we celebrate the birth anniversary of Bapu Mahatma Gandhi, the Father of our Nation.
  • Line 2: Mohandas Karamchand Gandhi was born on October 2, 1869 at a village in Porbandar, Gujarat. 
  • Line 3: His father’s name was Karamchand Gandhi and his mother’s name was Putlibai Gandhi.
  • Line 4: Gandhiji was married to Kasturba Gandhi.
  • Line 5: Bapu is revered worldwide for his principles of non-violence and truth.
  • Line 6: He was one of India’s greatest freedom fighters, leader, philosopher, and social reformer. 
  • Line 7: Gandhi ji led India to independence through non-violent methods of Satyagraha and Civil Disobedience.
  • Line 8: He inspired millions of Indians and people around the world to fight for their rights and freedoms using non-violence as their weapon.
  • Line 9: Gandhi was shot to death on January 30, 1948. 
  • Line 10: On his 154th birth anniversary, let us all promise to practice ahimsa, always being honest and compassionate towards all. 

Short Speech on Gandhi Jayanti

Check short speech on Gandhi Jayanti in English (200 words) below:

Good morning, respected principal, teachers and my dear friends.

Today, on the auspicious occasion of Gandhi Jayanti, we have all gathered to pay tribute to Mohandas Karamchand Gandhi. October 2nd, 2023, marks the 154th birth anniversary of Gandhiji, Father of the Nation. He is the extraordinary man who changed the course of history through the power of non-violence and truth.

Gandhi Jayanti is not just a day of celebration but a day of reflection. It reminds us of the principles that Gandhiji stood for - peace, non-violence, compassion and the relentless pursuit of truth. His life was a testimony to the idea that even in the face of oppression and injustice, non-violence can bring about significant changes.

As we commemorate this day, let us remember the sacrifices he made and the struggles he endured for India's freedom. Gandhiji's unwavering commitment to truth and non-violence inspired movements for civil rights and freedom around the world. His legacy lives on as a reminder that even in our complex and turbulent world, peaceful resistance can bring about profound transformation.

On this Gandhi Jayanti, let us pledge to uphold the values he cherished and work towards a world where justice, equality, and non-violence prevail. 

Happy Gandhi Jayanti to all!

Long Speech on Gandhi Jayanti

Check long speech on Gandhi Jayanti in English (450 words) below:

Good morning, respected principal, teachers and my dear friends. We have gathered here to celebrate the birth anniversary of Mahatma Gandhi, born on October 2, 1869. Today marks the 154th birth anniversary of the "Father of the Nation" Mohandas Karamchand Gandhi known for his role in India's fight for independence. We also affectionately call him 'Bapu.' He dedicated his life to India's freedom using his powerful tool, 'Non-violence.' Not only in India but worldwide, this day is observed as the International Day of Non-violence. In his honour, the United Nations General Assembly declared June 15th, 2007, as The International Day of Non-Violence.

Gandhi Jayanti reminds us of his principles of peace and non-violence. Each year, on his birth anniversary, we are reminded of Gandhiji's efforts to make India independent. He endured a long struggle so that the people of India could live in a free nation. He firmly believed in truth and non-violence. 

Each year, we celebrate Gandhi Jayanti at Raj Ghat in Delhi. Our Prime Minister and President gather to pay tribute by offering flowers at his Samadhi. His favourite song, "Raghupati Raghav Raja Ram," is sung in his memory. Gandhi Jayanti is a national holiday. All schools, colleges, private offices, and government organisations remain closed on this day.

Gandhiji's full name was Mohandas Karamchand Gandhi. He was born in Porbandar, Gujarat, in 1869. In 1888, he completed his law studies in the UK and later moved to South Africa to practice law. When he returned to India after 21 years, he started the civil disobedience movement or Satyagraha. He used Ahimsa (non-violence) to fight for India's freedom from British rule. 

Gandhiji was also a great leader, He wore Khadi dhoti to promote Indian culture. He encouraged people to have faith in themselves and fight for their rights. He started the Non-Cooperation movement wherein he urged Indians not to cooperate with the British and to fight for their freedom. Gandhiji dedicated a significant part of his life to India's freedom struggle. He joined Gopala Krishna Gokhale, who was already fighting for India's independence. During this struggle, Gandhiji was imprisoned several times. He led important movements like the Quit India movement, the Civil Disobedience Movement, and the Non-Cooperation Movement. In 1930, he initiated the Dandi March or Salt Satyagraha, walking 400 kilometres to protest the British monopoly on salt. The Quit India movement was a call to the British to leave India.

Throughout his life, Gandhiji accomplished many great things that continue to inspire people today. He worked tirelessly for Swaraj, against untouchability, women's rights, and the economic well-being of farmers. His dedication and struggle led to India's freedom from 200 years of British colonial rule.

Gandhi Jayanti Quotes and Slogans

Include the following Gandhi Jayanti Quotes and Slogans in English to make your speech more impressive:

1. "You must be the change you want to see in the world." 

2. "An eye for an eye only ends up making the whole world blind." 

3. "Live as if you were to die tomorrow; learn as if you were to live forever." 

4. "Satyameva Jayate" 

5. "Ahimsa Parmo Dharma" 

6. "Cleanliness is next to godliness." 

7. "Simple living, high thinking." 

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  • What are good lines for Gandhi Jayanti? + Line 1: Good morning, respected principal, teachers and my dear friends. Today, we celebrate the birth anniversary of Bapu Mahatma Gandhi, the Father of our Nation. Line 2: Mohandas Karamchand Gandhi was born on October 2, 1869 at a village in Porbandar, Gujarat. Line 3: Bapu is revered worldwide for his principles of non-violence and truth. Line 4: He was one of India’s greatest freedom fighters, leader, philosopher, and social reformer.
  • What is an easy slogan for Gandhi Jayanti? + Satyamev Jayate is a slogan that truly represents the principles of Bapu. Ahimsa Parmo Dhrama is another slogans which resonates with the ideas of Gandhi Jayanti. A famous saying of Mahatma Gandhi is “Freedom means nothing if it does not include the freedom to make mistakes.”
  • How can I start my Gandhi Jayanti Speech? + A. Start your Gandhi Jayanti Speech by addressing your audience with Good morning/ Good afternoon/ Good evening. B. Begin with a catchy saying or famous quote of Mahatma Gandhi to instantly grab the attention of the listeners. C. Do not forget to have a gentle smile on your face. D. Keep your body language positive. Do not slouch, shake or stand stiff. Stand upright with a good posture.
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Jyotiba Phule Jayanti Speech In Hindi : आज महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती पर दें यह आसान भाषण

Mahatma jyotiba phule jayanti speech in hindi: महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती पर कई कार्यक्रम होते हैं । अगर आप भी इस दिन भाषण देने का मन बना रहे हैं तो नीचे लिखी स्पीच से आइडिया ले सकते हैं-.

Jyotiba Phule Jayanti Speech In Hindi : आज महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती पर दें यह आसान भाषण

Mahatma Jyotiba Phule Jayanti Speech In Hindi: आज 11 अप्रैल को महिलाओं, गरीबों, वंचितों, दलितों और शोषित किसानों के उत्थान के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले महान भारतीय विचारक और समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती है। महात्मा फुले देश में सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे। 19वीं सदी के जमाने में वे शिक्षा का महत्व जानते थे इसलिए उन्होंने समाज के ताने सहकर और गालियां सुनकर भी अपनी पत्नी को पढ़ाया। सामाजिक जड़ताओं व कुरीतियों को दूर करने के लिए उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी न्योछावर कर दी। उनका पूरा नाम जोतिराव गोविंदराव फुले था। उन्हें ज्योतिबा फुले या महात्मा फुले के नाम से जाना जाता था।

महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल,1827 को पुणे में हुआ था। उनका परिवार कई पीढ़ी पहले सतारा से पुणे आकर फूलों के गजरे आदि बनाने का काम करने लगा था। माली के काम में लगे ये लोग फुले के नाम से जाने जाते थे। ज्योतिबा फुले का जीवन और उनके विचार व महान कार्य आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बने हुए हैं। महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती पर कई स्कूलों व स्थानों पर कार्यक्रम होते हैं जहां उन्हें श्रद्धांजिल अर्पित की जाती है। स्कूलों में निबंध व भाषण प्रतियोगिताएं भी होती हैं। अगर आप भी इस दिन भाषण देने का मन बना रहे हैं तो नीचे लिखी स्पीच से आइडिया ले सकते हैं-

Jyotiba Phule Jayanti Speech In Hindi: महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती पर भाषण

आदरणीय मुख्य अतिथि/प्रधानाचार्य, मेरे अध्यापकगण और मेरे साथियों...  आज भारत के महान समाज सुधारक, विचारक, समाजसेवी और क्रान्तिकारी कार्यकर्ता महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती है। उनका जन्म 11 अप्रैल 1827 को महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था। ज्योतिबा फुले जीवन भर भारतीय समाज की सेवा में जुटे रहे। उन्होंने वंचितों, शोषितों व महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अपना पूरा जीवन अर्पण कर दिया। ऐसे युग पुरुष को उनकी जयंती पर मैं श्रद्धांजलि देता हूं।

जब ज्योतिबा फुले सिर्फ एक साल के थे तब उनकी माता का निधन हो गया। पढ़ाई बीच में छूट गई थी। फिर बाद बाद में 21 वर्ष की उम्र में अंग्रेजी की सातवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी की। 

साथियों, 19वीं सदी के भारतीय समाज में जात-पात, बाल विवाह समेत कई कुरीतियां व्याप्त थीं। महिलाओं और दलितों की स्थिति बेहद खराब थी। महात्मा फुले ने भारतीय समाज की इन कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। वह बाल-विवाह विरोधी और विधवा-विवाह के समर्थक थे। वह अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले के साथ मिलकर महिलाओं का शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए लड़े। वह और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले भारत में महिला शिक्षा के अग्रदूत थे। 

फुले महिलाओं को स्त्री-पुरुष भेदभाव से बचाना चाहते थे। इसके लिए स्त्रियों को शिक्षित करना बेहद आवश्यक था। उन्होंने अपनी पत्नी में पढ़ाई के प्रति दिलचस्पी देखकर उन्हें पढ़ाने का मन बनाया और  प्रोत्साहित किया। सावित्रीबाई ने अहमदनगर और पुणे में टीचर की ट्रेनिंग ली। उन्होंने साल 1848 में पुणे में लड़कियों के लिए देश का पहला महिला स्‍कूल खोला। इस स्कूल में उनकी पत्‍नी सावित्रीबाई पहली शिक्षिका बनीं। सावित्री बाई फुले को ही भारत की पहली शिक्षिका होने का श्रेय जाता है। फुले दंपति ने देश में कुल 18 स्कूल खोले थे। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने उनके योगदान को सम्मानित भी किया। महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उन्हें समाज का विरोध भी झेलना पड़ा। कुछ लोगों ने उन पर गोबर भी फेंका लेकिन फुले दंपति ने अपना काम नहीं छोड़ा। उन्हें जान से मारने की भी कोशिश की गई।

ज्योतिराव फुले ने दलितों और वंचितों को न्याय दिलाने के लिए सत्यशोधक समाज की स्थापना की थी। समाज सुधार के इन अथक प्रयासों के चलते 1888 में मुंबई की एक विशाल सभा में उन्हें महात्मा की उपाधि दी गई। 1890 को 63 साल की उम्र में उनका निधन हुआ था।

साथियों, महात्मा फुले कहते थे कि शिक्षा स्त्री और पुरुष दोनों के लिए समान रूप से आवश्यक है। आज उनके द्वारा किए गए महान कार्यों को याद करने का दिन है। महात्मा फुले के निधन को करीब 135 साल हो चुके हैं लेकिन उनके विचारों में अभी भी ताजगी बनी हुई है। महात्मा फुले एक मानवतावादी विचारक थे लेकिन साथ ही वे एक दूरदर्शी कृषि विशेषज्ञ भी थे। कई कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हम उनके विचारों के आधार पर कदम उठाएं तो देश की कृषि समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। 

इसी के साथ मैंने अपने भाषण का समापन करना चाहूंगा। धन्यवाद। 

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  15. गाँधी जयंती पर भाषण

    4) महात्मा गाँधी जयंती भाषण हिंदी में - Mahatma Gandhi Jayanti Hindi Speech 2024. आज हम सभी यहाँ हमारे राष्ट्रीय नायक महात्मा गाँधी की जयंती मनाने के लिए जमा ...

  16. Gandhi Jayanti Speech in Hindi

    Gandhi Jayanti Speech in Hindi: यहां उपस्थित आप सभी का स्वागत, आज मैं यहां महात्मा गांधी जयंती पर एक भाषण प्रस्तुत करने के लिए आया हूँ। बापू का जन्मदिन मनाने के लिए हम सभी ...

  17. Mahatma Gandhi Jayanti Speech in Hindi/महात्मा ...

    Hello Friends Welcome to our youtube Channel.This video is about Gandhi Jayanti Speech.This Speech is useful for us on gandhi jayanti.Thanks a lot.All My D...

  18. Gandhi Jayanti Speech 2023: easy and short speech on Mahatma Gandhi

    Gandhi Jayanti Speech 2023: 2 अक्टूबर का दिन देश में गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और राजनेता महात्मा गांधी का जन्म 2 ...

  19. Gandhi Jayanti Speech 2023 in Hindi, English (10, 20 Lines) Speech Note

    Mahatma Gandhi Ji's full name was Mohandas Karamchand Gandhi. Bapu was a political leader in India and was a member of the Congress Party. He is also known as Bapu and "Father of the Nation" by children. Gandhi Ji always believed in Ahinsa (non-violence) and peace. ... Gandhi Jayanti Speech in Hindi (20 Lines)

  20. Gandhi Jayanti Speech in English for Students

    10 Lines Speech on Mahatma Gandhi. The 10-line Speech on Mahatma Gandhi is extremely helpful for students in grades 1-3 as they gain a certain perspective on the topic in a simple and easy form. Gandhi Jayanti is a national holiday celebrated on the 2nd of October every year, and 2023 marks his 154th birth anniversary.

  21. Gandhi Jayanti Speech: Long and Short Speech on Mahatma Gandhi

    Check these 2 October Gandhi Jayanti Speech in English 10 lines: Line 1: Good morning, respected principal, teachers and my dear friends. Today, we celebrate the birth anniversary of Bapu Mahatma ...

  22. Gandhi Jayanti Speech

    Hello Friends ! In this video we will see the speech for stage performance playing Rastrapita Mahatma Gandhi for school fancy dress competition. I h...

  23. Jyotiba Phule Jayanti Speech In Hindi: Speech on Mahatma ...

    Mahatma Jyotiba Phule Jayanti Speech In Hindi: महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती पर कई कार्यक्रम होते हैं । अगर आप भी इस दिन भाषण देने का मन बना रहे हैं तो नीचे लिखी स्पीच से आइडिया ले ...